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नौकरशाह की फिसली थी जुबान या अहम के बोल, ये तो राम जानें

suman
Published on: 31 July 2016 6:03 PM IST
नौकरशाह की फिसली थी जुबान या अहम के बोल, ये तो राम जानें
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सीएम अखिलेश यादव

लखनऊ: नेताओं की अब जुबान फिसलती है तो राजनीति की दिशा और दशा बदल जाती है, लेकिन यदि नौकरशाहों की जुबान फिसले तो...?

मामला यूपी के एक बड़े नौकरशाह का है जो हाल ही में राज्य की सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठे हैं और वो भी सीएम अखिलेश यादव के नहीं चाहने पर। गोंडा के एक कार्यक्रम में बड़े नौकरशाह ने सीएम अखिलेश यादव के खिलाफ टिप्पणी कर डाली। उन्होंने कहा दिया...''अखिलेश यादव न दिल से बडे हैं और न दिमाग से।''

अखिलेश यादव दिमाग से बड़े हैं या नहीं ये तो उनके आसपास रहने वाले ही जानते होंगे, लेकिन उनका दिल बड़ा है ये तो पूरा राज्य जानता है। क्या यह जानबूझकर कहा गया था या ऐसी बात गलती से निकल गई ये तो राम जाने, लेकिन ये टिप्पणी पूरे राज्य में चर्चा का विषय बनी हुई है।संभवत: ये बात इसलिए भी उनकी जुबान से निकली होगी कि अखिलेश ने उनके इस पद पर आने का विरोध किया था।

ये वो ही नौकरशाह हैं, जिन्होंने सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के राजधानी से दिल्ली तक की हवाई यात्रा में उनके पैर पकड़े थे और एयरहोस्टेस के रहते हुए भी उन्हें पानी पिलाया था। पूरी यात्रा के दौरान वो सबसे बड़ी कुर्सी पाने की गुजारिश करते रहे थे। इस गुजारिश का फल भी उन्हें मिला था और वो भी अखिलेश यादव के नहीं चाहने के बावजूद। बड़े नौकरशाह आजकल कुछ ज्यादा ही जल्दी में हैं ।शायद वो अपने काम से सभी को प्रभावित करना चाहते हों।

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