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पहले चरण के मतदान में तेदेपा और वाईएसआरसी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प, एक की मौत

आंध्र प्रदेश में गुरुवार को कई जगह मतदान शुरू होने के बाद तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। वहीं कई जगह ईवीएम में तकनीकी खराबी के कारण मतदान प्रक्रिया में देरी भी हुई।

Aditya Mishra
Published on: 11 April 2019 12:46 PM IST
पहले चरण के मतदान में तेदेपा और वाईएसआरसी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प, एक की मौत
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फ़ाइल फोटो

अमरावती: आंध्र प्रदेश में गुरुवार को कई जगह मतदान शुरू होने के बाद तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। वहीं कई जगह ईवीएम में तकनीकी खराबी के कारण मतदान प्रक्रिया में देरी भी हुई।

लोकसभा की 25 एवं विधानसभा की 175 सीटों पर चुनाव सुबह सात बजे शुरू हुआ था। गुंतकल से पूर्व विधायक और जन सेना पार्टी के उम्मीदवार मधुसूदन गुप्ता ने मतपत्र इकाई पर पार्टी चिन्ह के सही से छपे ना होने का आरोप लगाते हुए गुस्से में ईवीएम तोड़ दिया। वह ड्यूटी पर तैनात चुनाव कर्मियों पर भी चिल्लाए। गुप्ता को तत्काल हिरासत में ले लिया गया।

दूसरी ओर, एलुरु में मतदान केन्द्र पर तेदेपा कार्यकर्ताओं के कथित हमले में वाईएसआरसी के मंडल परिषद का एक सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गया। वहीं अब एक की मौत की खबर है।

कडप्पा जिले के जम्मलमडुगु में वाईएसआरसी और तेदेपा कार्यकर्ताओं के पथराव करने से पोन्नतोट गांव में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। गुंतूर जिले की नरसराओपेट निर्वाचन क्षेत्र में वाईएसआरसी नेता ने आरोप लगाया कि तेदेपा के लोगों ने याल्लामंदा गांव में मतदान केन्द्र पर तोड़फोड़ कर फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया।

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उन्होंने पुलिस कर्मी के वाईएसआरसी समर्थकों को मतदान केन्द्र में ना जाने देने का भी आरोप लगाया। गुंटूर, प्रकाशम और अनूपपुर जिला स्थित अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी छोटी-मोटी शिकायतें दर्ज की गई। चुनाव अधिकारियों या पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी गोपाल कृष्ण द्विवेदी ने हालांकि कहा कि राज्य में मतदान शांतिपूर्ण तरीके से जारी है। सीईओ ने एक बयान में लोगों से अफवाहों पर विश्वास ना करने की अपील की क्योंकि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से जारी है।

उन्होंने बताया कि कई स्थानों पर ईवीएम में तकनीकी खराबी पाई गई लेकिन उसे ठीक कर लिया गया। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उनका परिवार राज्य की राजधानी अमरावती के उडावल्ली गांव स्थित मतदान केन्द्र में वोट डालने पहुंचा।

उनके बेटे नारा लोकेश मंगलगिरि विधानसभा क्षेत्र से तेदेपा के उम्मीदवार हैं जो उडावल्ली के अंतर्गत आता है। पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने ईवीएम में तकनीकी खराबी का जिक्र करते हुए कहा कि वह तो मतपत्र वापस लाए जाने की मांग कर रहे थे।

नायडू ने कहा, ‘‘कोई विकासशील देश ईवीएम को इस्तेमाल नहीं कर रहा है क्योंकि इसमें हेरफेर की गुंजाइश रहती है। इसलिए हम मतपत्र प्रणाली वापस लाने की मांग कर रहे थे।’’

वाईएसआर कांग्रेस अध्यक्ष वाई एस जगमोहन रेड्डी ने भी कड्प्पा जिले के अपने पैतृक गांव पुलिवेन्दुला में वोट डाला, जहां से वह दोबारा मैदान में हैं। मुख्यमंत्री पद की आशा रखने वाले जगन ने कहा, ‘‘ मुझे पूरा विश्वास है कि लोग बदलाव चाहते हैं।’’

जन सेना के अध्यक्ष पवन कल्याण और राज्य मुख्य सचिव एल वी सुब्रह्मण्यम ने विजयवाड़ा में वोट डाला। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी गोपाल कृष्ण द्विवेदी ने तदेपल्ली में अपना वोट डाला। हैरत की बात यह है कि द्विवेदी जब वोट डालने पहुंचे तब वीवीपीएटी मशीन काम नहीं कर रही थी।

आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद राज्य में यह पहला चुनाव है।राज्य में कुल 3,93,45,717 मतदाता हैं, जिनमें 1,94,62,339 पुरुष, 1,98,79,421 महिलाएं और 3,957 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

इनमें से 18-19 वायु वर्ग के 10.5 लाख मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। राज्य में लोकसभा की 25 सीटों के लिए 319 उम्मीदवार और विधानसभा की 175 सीटों के लिए 2,118 उम्मीदवार मैदान में हैं।

राज्य में कुल 46,120 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिनमें 8,514 की पहचान संवेदनशील और 520 की वाम चरमपंथ प्रभावित इलाके के तौर पर की गई है। वामपंथी चरमपंथी इलाकों में मतदान शाम पांच बजे तक ही चलेगा। ये इलाके अधिकतर ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे हैं।

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Aditya Mishra

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