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गुरदासपुर में आखिर कौन संभालेगा विनोद खन्ना की विरासत
दुर्गेश पार्थ सारथी की स्पेशल रिपोर्ट
पठानकोट: विधानसभा चुनाव में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद एक बार फिर संसदीय उपचुनाव को लेकर चुनावी माहौल गरमा गया है। अगले महीने गुरदासपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है। यह सीट भारतीय जनता पार्टी के सांसद व प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना की लंबी बीमारी के बाद हुए निधन से खाली हुई है। गुरदासपुर की यह सीट कांग्रेस व भाजपा के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ी होने के साथ ही पूर्व सांसद की पत्नी व सामाजिक कार्यकर्ता कविता खन्ना व गुरदासपुर के प्रसिद्ध उद्योगपति स्वर्ण सलारिया का भविष्य भी तय करेगी।
झाड़ू तक लगा चुकी हैं कविता
इसे राजनीतिक चाल कहें या पठानकोट के लोगों से लगाव, खड़ी दोपहरी में भी सेलीब्रिटी कविता खन्ना पठानकोट की गलियों में झाड़ू लगाने से भी नहीं चूकीं। इस बाबत सवाल करने पर उन्होंने कहा कि यह स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा है और हमारा कर्तव्य है कि हम पठानकोट व गुरदासपुर को स्वच्छ रखें। यह खन्ना साहब का सपना था जिसे मैं पूरा कर रही हूं। यह कोई पहला मौका नहीं था जब सेलिब्रिटी कविता खन्ना नालियों की सफाई कर रही हों। इससे पहले भी वे कई बार पठानकोट व गुरदासपुर जिले के दूरदराज के गांवों में जाकर झाड़ू लगा चुकी हैं। इसके अलावा कविता खन्ना अपने पति सांसद विनोद खन्ना के साथ भी राजनीतिक मंच साझा कर चुकी है। लोग उन्हें सांसद खन्ना की विरासत का प्रबल दावेदार भी मानते है। पठानकोट के लोगों की सहानुभूति कविता खन्ना के साथ हो सकती है, लेकिन मौजूदा समय में टिकट को लेकर पार्टी के भीतर जो घमासान मचा है उससे कविता की राह में रोड़े जरूर खड़े हो रहे हैं। पिछले दिनों भाजपा के प्रदेश प्रभारी सहित राज्य के लगभग सभी बड़े नेताओं व स्थानीय नेताओं की बैठक में कविता खन्ना कुछ अलग-थलग दिखीं।
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नवरात्र में घोषित हो सकता है भाजपा प्रत्याशी
भाजपा ने ११ अक्टूबर हो होने वाले उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत पंजाब के प्रदेश प्रभारी प्रभात झा ने अपने तीन दिनों के दौरे के दौरान बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया। हालांकि अभी तक कांग्रेस व आम आदमी पार्टी यह तय नहीं कर पा रही है कि डेढ़ साल के लिए वह किस पर दांव लगाए। उल्लेखनीय है कि विनोद खन्ना गुरदासपुर सीट से चार बार सांसद रहे और किसी हाल भाजपा यह सीट खोना नहीं चाहती। इसके लिए भाजपा महीनों से कसरत कर रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि नवरात्र में भाजपा अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर सकती है।
शुरू हुई गुटबाजी
उपचुनाव की सगॢमयां तेज होते ही भाजपा व कांग्रेस में गुटबाजी शुरू हो गई है। भाजपा में कविता खन्ना को बाहर वाला प्रत्याशी बताकर स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग उठ रही है। वहीं कांग्रेस में भी सुनील जाखड़ की जगह स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग उठने लगी है। राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा के भाई व कांदियां के विधायक फतेह जंग सिंह को कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने का कयास भी लगाया जा रहा है।
तो क्या पाठनकोट से दूर हो जाएंगी कविता खन्ना
टिकट को लेकर कविता खन्ना को खुली चुनौती दे रहे स्वर्ण सलारिया को यदि भाजपा नेतृत्व टिकट दे देता है तो क्या होगा। ऐसे में कविता खन्ना पठानकोट व यहां से लोगों के बीच बनी रहेंगी या पठानकोट छोड़ मायानगरी लौट जाएंगी, यह सवाल हर किसी के दिमाग में उठ रहा है। यदि स्वर्ण सलारिया के बाद स्थानीय व अकालियों का साथ होने का लाभ मिल रहा है तो वहीं कविता खन्ना के साथ लोगों की सहानुभूति व उनके पति विनोद खन्ना के किए गए कार्यों व निष्पक्ष छवि का होना व समाजसेवा की थाती है।
अक्षय कुमार या ऋषि कपूर भी हो सकते हैं उम्मीदवार
राजनीति की समझ रखने वालों का कहना है कि यदि भाजपा व कांग्रेस में टिकट को लेकर अंतर्कलह नहीं थमा तो ये दोनो ही पार्टियां पैराशूट से किसी तीसरे को उतार सकती हैं। ऐसे में जाहिर है कि यह उम्मीदवार स्थानीय तो हो नहीं हो सकता। यह भी माना जा रहा है कि उम्मीदवार विनोद खन्ना की ही तरह कोई सेलीब्रिटी हो सकता है। हालांकि पहले भी गुरदासपुर सीट से भाजपा के टिकट पर फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार व ऋषि कपूर की चर्चा जोरों से चली थी। हो सकता है कविता व सलारिया के बीच चल रहे द्वंद्व के बीच कोई तीसरा यानी अक्षय कुमार या ऋषि कपूर में से कोई एक उम्मीदवार बन जाए।
पठानकोट से ऐसे जुड़े विनोद खन्ना
१९९७ में आई फिल्म हिमालय पुत्र की शूटिंग के लिए फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना हिमाचल प्रदेश आए थे। इस फिल्म में खन्ना के अलावा उनके पुत्र अक्षय खन्ना मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म की लगभग ९० प्रतिशत शूटिंग हिमाचल प्रदेश में हुई। ऐसे में विनोद खन्ना का पठानकोट आना-जाना लगा रहा।
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पहाड़ों की तलहटी में बसे पठानकोट की खूबसूरती विनोद खन्ना को इतनी भाई कि उन्होंने पठानकोट के शैली रोड पर अपना आशियाना बना लिया और मायानगरी मुंबई को छोड़ यहीं के होकर रह गए। यही नहीं फिल्म रीलिज होने के एक साल बाद वह गुरदासपुर लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़े और कांग्रेस का लगातार ११ बार लोकसभा सीट जीतने का सिलसिला भी रोक दिया। वह यहां के लोगों से इस कदर घुलमिल गए थे कि जैसे उनके पुरखे यहीं के रहने वालें हों।
विधानसभा क्षेत्र
दो जिलों गुरदासपुर व पठानकोट के विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 10 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें 8 पर कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि अकाली व भाजपा के एक-एक विधायक हैं।
गुरदासपुर लोकसभा सीट एक नजर में
कुल वोटर - 1592442
पुरूष मतदाता - 838622
महिला मतदाता - 753798
किन्नर - 22