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नदी-प्रदूषण और खनन रोकने को जल सत्याग्रह, स्वामी ज्ञान स्वरूप सानन्द के समर्थन में उतरे लोग
सोनभद्र: चोपन के सोन महानदी के तट पर आज शनिवार को प्रख्यात पर्यावरण विद स्वामी ज्ञान स्वरूप सानन्द उर्फ डॉ जी ड़ी अग्रवाल के द्वारा गंगा के अविरलता और निर्मलता के लिए अलग एक्ट की मांग को लेकर 100 दिन सत्याग्रह पूरा होने के समर्थन में जल सत्याग्रह का आयोजन किया गया। सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी के नेतृत्व में जल सत्याग्रह का आयोजन किया गया। इस मौके पर सोन नदी का जल हाथ मे लेकर गंगा और उसकी सहायक नदियों को अविरल ,और निर्मल रखने का संकल्प लिया गया।
इस दौरान साहित्यकार अजय शेखर ने कहा कि गंगा हम भारत वासियों की आस्था और संस्कृति है ।जिसका सभी धर्म समुदाय में एक विचार है। गंगा के हिमालय क्षेत्र में एक विशेष प्रकार का वैक्टरियो फाज पाया जाता है जो गंगा जल को सड़ने नहीं देता उस पर बांध बन जाने से गंगा की अविरलता समाप्त हो जाएगी और हमारी आस्था भी चोटिल होगी। ऐसे में केंद्र सरकार को स्वामी जी की मांग तत्काल मान लेनी चाहिए अन्यथा बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। हमारी सोच बदलने की जरूरत है। जब कोई पेड़ काटे और नदी में कचरा डाले तो तो उसी समय रोकने के लिए हमे खड़ा होना होगा।
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विजय विनीत अरुण चौबे ने कहा कि खनन माफियाओं का सामाजिक बहिष्कार किया जाए। सोन कनहर, रेणुका , अजिर पांगन,आदि नदियों को बचाने के लिए सतत अभियान चलाया जाए। रेनुका नदी में हजारों टन राख छोड़ा जा रहा है जिससे जलीय जीवों का जीवन समाप्त हो रहा है नदियों के प्रदूषित होने से जिले के लाखों लोग बीमारी के चपेट में है।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य राम जस निराला ने कहा को प्राधानमंत्री ने गंगा पर जो वादा किया उसे निभाया नहीं अगर स्वामी की सत्याग्रह के दौरान मौत होती है तो आने वाली पीढ़ी मोदी जी को माफ नही करेगी। मौके पर नरेंद्र नीरव, लाल मन,रवि प्रकाश चौबे डॉ विभा राखी जायसवाल ,शम्भू,पूजा , मंतोरा देवी विमल सिंह,रविन्द्,जगत नारायण विश्वकर्मा जायसवाल, राजपत्ति देवी केशरी देवी, मीणा देवी, राम प्यारे नीरा देवी समेत सैकड़ो लोग उपस्थित रहे। संचालन शिव सरन अध्यक्षता अजय शेखर ने किया।