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जानेंगे शिवपुराण की ये बातें तो मेहमान को कभी नहीं भेजेंगे घर से भूखा

Newstrack
Published on: 17 May 2016 9:44 AM GMT
जानेंगे शिवपुराण की ये बातें तो मेहमान को कभी नहीं भेजेंगे घर से भूखा
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लखनऊ: वैसे तो अतिथि की तुलना भगवान से की गई है। हिंदू धर्म ग्रंथों और भारतीय समाज में मेहमान को भगवान के समान माना जाता है। जब घर में कोई मेहमान आता है तो हम उसकी मेहमानवाजी में लग जाते है। जिससे उसको किसी तरह का कष्ट न हो।

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ज्यादातर घरों में आए दिन मेहमान आते रहते हैं, लेकिन मेहमानों को भोजन बहुत कम लोग ही खिलाते है। क्या आपको पता है मेहमानों को भोजन करना सौभाग्य का प्रतीक होता है। जिस घर में मेहमान को आदरपूर्वक भोजन कराया जाता है, वहां पर भगवान का निवास होता है।

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शिवपुराण में मेहमानों के महत्व के बारे में कई बातें बताई गई हैं। अतिथि के सत्कार को लेकर पुराण 4 ऐसी बातें बताई गई हैं, जिसका पालन कर मनुष्य कई परेशानियों से निजात पा सकता है। जानिए कौन सी बातें मेहमानों के आवभगत करते समय ध्यान रखनी चाहिए।

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

स्वच्छ मन से अावभगत

कहा जाता है कि जिस मनुष्य का मन शुद्ध नहीं होता, उसे कभी भी अपने शुभ कर्मों का फल नहीं मिलता है। घर आए अतिथि का सत्कार करते समय या उन्हें भोजन करवाते समय कोई भी गलत भावों को मन में नहीं आने देना चाहिए। अतिथि सत्कार के समय जिस मनुष्य के मन में जलन, क्रोध, हिंसा जैसे बातें चलती रहती हैं, उसे कभी अपने कर्मों का फल नहीं मिलता है। इसलिए, इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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जाते वक्त उपहार दें

घर आए मेहमान को भोजन करवाने के बाद कुछ न कुछ उपहार में देने का भी विधान है। अपनी श्रद्धा के अनुसार मेहमान को उपहार के रूप में कुछ जरूर देनी चाहिए। अच्छी भावनाओं से दिया गया उपहार हमेशा ही शुभ फल देने वाला होता है।

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शुद्ध होकर करें सत्कार

मेहमान को भगवान के समान माना जाता है। अपवित्र शरीर से न भगवान की सेवा की जाती है और न ही मेहमान की। किसी को भी भोजन करवाने से पहले मनुष्य को शुद्ध जल से स्नान करके, साफ कपड़े धारण करना चाहिए। अपवित्र या बासी शरीर से की गई सेवा का फल कभी नहीं मिलता है।

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मीठी वाणी में करें बात

मनुष्य को कभी भी घर आए अतिथि का अपमान नहीं करना चाहिए। कई बार मनुष्य क्रोध में आकर या किसी भी अन्य कारणों से घर आए मेहमान का अपमान कर देता है। ऐसा करने पर मनुष्य पाप का भागी बन जाता है। हर मनुष्य को अपने घर आए मेहमान का अच्छे भोजन से साथ-साथ पवित्र और मीठी वाणी के साथ स्वागत-सत्कार करना चाहिए।

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