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यहां के बंदर इब्राहिम का बेसब्री से करते है इंतजार, जानिए क्यों
यूपी के शाहजहांपुर में गर्मी के मौसम में एसपी आफिस के माली इब्राहिम का इंतजार यहां के बंदर करते है। पानी में मस्ती करते ये बंदर इब्राहिम का इंतजार सिर्फ इसलिए करते है क्योंकि वह एसपी आफिस के माली है। फूलों और घास में पानी लगाते है।
शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में गर्मी के मौसम में एसपी आफिस के माली इब्राहिम का इंतजार यहां के बंदर करते है। पानी में मस्ती करते ये बंदर इब्राहिम का इंतजार सिर्फ इसलिए करते है क्योंकि वह एसपी आफिस के माली है। फूलों और घास में पानी लगाते है।
एक जगह पर पानी इकट्ठा होने पर यहां के बंदर उस पानी में खेलते हैं। पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते है। माली का कहना है कि दो बजे से चार बजे तक बंदर इसी तरह से खेलते है। ये बंदर कुछ नुकसान भी करते है। लेकिन उससे ज्यादा बंदरों की मौज मस्ती से माली को खुशी मिलती है।
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इस वक्त पारा 37 से 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है
दरअसल ये तस्वीरें उन नेताओं के मुंह पर तमाचा है। जो नेता धर्म नाम पर जानवरों को बांटने का काम करते है। ये नजारा है एसपी आफिस के बाहर बने मैदान का। जहां इब्राहिम नाम का माली रोज मैदान में लगे फूलों और घास को पानी लगाता है। खास बात ये है कि यहां के बंदर उनका बेसब्री से इंतज़ार करते है। क्योंकि इस वक्त बेहद गर्मी का मौसम है। पारा 37 से 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। ऐसे मे गर्मी से बचने के लिए बंदर माली इब्राहिम का इंतजार करते है। जैसे इब्राहिम घास में पानी डालते है। वैसे ही ये बंदर पानी मे खेलना शुरू कर देते है।
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ये पुण्य का कार्य है
अब तो आलम ये है कि कभी कभी इब्राहिम को इन बंदरों का इंतजार करना पङता है। जिस दिन बंदर पानी में खेलने नहीं आते है तो इब्राहिम को काफी मायूसी होती है। इब्राहिम का कहना है कि बेजुबान जानवरों को अगर मेरे द्वारा किसी कार्य से खुशी मिलती है तो उससे ज्यादा खुशी हमें होती है। ये पुण्य का कार्य है।
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इन बंदरों को पानी में नहाते वक्त गर्मी से राहत मिलती है
माली इब्राहिम का कहना है कि वह पिछले कई साल से एसपी आफिस मे माली का काम करते है। रोज दोपहर में दो बजे एसपी आफिस आते है। उसके बाद वह आफिस के बाहर लगे फूलों और घास में पानी लगाते है। पानी लगाने से पहले बंदर तकते रहते है कि इब्राहिम आए और पानी लगाए। जब पानी डाल देते है उसके बाद बंदर पानी कूदना शूरू करते है। वैसे ये नुकसान भी पहुंचाते है लेकिन हमे उसका दुख नहीं होता है। आखिर जानवर है तो नुकसान तो करेंगे। नुकसान से ज्यादा खुशी हमें तब होती है जब मेरे सामने इन बंदरों को पानी में नहाते वक्त इन्हें गर्मी से राहत मिलती है।