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Muzaffarnagar News: राजपूताना स्वाभिमान मंच का एलान, बृजभूषण सिंह के समर्थन में उतरे राजपूत

Muzaffarnagar News: प्रेसवार्ता कर बोले-अगर खाप चौधरी इस मामले में जाति की राजनीति करेंगे तो हम उसके खिलाफ बोलेंगे और आंदोलन भी करेंगे।

Amit Kaliyan
Published on: 8 May 2023 4:43 AM IST
Muzaffarnagar News: राजपूताना स्वाभिमान मंच का एलान, बृजभूषण सिंह के समर्थन में उतरे राजपूत
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पहलवानों के धरना मामले पर राजपूताना स्वाभिमान मंच बृजभूषण सिंह के समर्थन में आया: Photo- Newstrack

Muzaffarnagar News: दिल्ली जंतर मंतर पर चल रहे खिलाड़ियों के धरने पर जहां आज एक तरफ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब से खापों के चैधरी पहुंचे थे तो वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में रविवार को राजपूताना स्वाभिमान मंच द्वारा भी एक प्रेस वार्ता करते हुए ये ऐलान किया गया है कि अगर खाप चैधरी इस मामले में जाति की राजनीति करेंगे तो हम उसके खिलाफ बोलेंगे ओर आंदोलन भी करेंगे।

लगता है कि जंतर-मंतर पर चल रहा खिलाड़ियों का ये धरना अब जातीय रूप लेता नजर आ रहा है क्योंकि इस धरने को जहां एक तरफ भारतीय किसान यूनियन, राष्ट्रीय लोकदल और खापों का समर्थन मिल चुका है तो वहीं दूसरी ओर बृजभूषण के समर्थन में अब राजपूत समाज भी मैदान में कूद गया है।

बता दें कि मुजफ्फरनगर जनपद में आज राजपूताना स्वाभिमान मंच के द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था। जिसमें राजपूताना स्वाभिमान मंच के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर कुलदीप सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमे प्रेसवार्ता करने के लिए मजबूर होना पड़ा है क्योंकि जनवरी में इन महिला पहलवानों ने धरना दिया था ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ पर ठीक है। खेल मंत्रायलय है, इनका आपस का मामला है।

ये खिलाड़ी-वो अध्यक्ष, खेल मंत्रालय ने मेरीकॉम की अध्यक्षता में कमेटी गठित की उसकी जाँच रिपोर्ट कुछ आई व कुछ नहीं आई, लेकिन उसकी जाँच रिपोर्ट आने से पहले ही इन लोगों ने क्या किया ये अब धरने पर बैठ गए, सुप्रीम कोर्ट में पहुंची और सुप्रीम कोर्ट को कहा कि एफआईआर दर्ज करा दो तो सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज के आदेश दे दिए और एफआईआर दर्ज हो गई, अब एफआईआर दर्ज हो गई तो अब क्या करें, इसके बाद क्या चाहिए इन्हें, अब ये क्यों धरने पर बैठे हैं, उसके बाद हमें एक दुःख हुआ कि टिकैत साहब की टिकैत यूनियन जो है और सर्व खाप पंचायत जो हमारे यहां पर जाट जाती से सम्बंधित है व जयन्त चौधरी साहब जबकि वो तो लोकदल के नेता हैं और लोकदल में राजपूत, जाट, बनिया, ब्राह्मण एवं त्यागी सभी हैं और भारतीय किसान यूनियन में भी सभी हैं।

ये लोग जंतर-मंतर पर उन महिला पहलवानो के समर्थन में जा रहे हैं, भाई तुम उनके समर्थन में क्यों जा रहे हो क्या केवल इसीलिए कि वो जाट हैं, नहीं महिला या पुरुष खिलाड़ी कोई भी हो खिलाड़ी का कोई धर्म नहीं होता और अगर उनकी साथ शोषण हुआ है तो हम उनके साथ हैं, बच्चियां सबकी हैं, खिलाड़ी हैं, बराबर हैं, हम ये कहेंगे जो वो निर्णय लेंगे अगर वो निर्णय समाज व देश हित में है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। हम उनके साथ हैं लेकिन अगर वो जाती के प्रति द्वेष की भावना या सिर्फ ये देखकर की उनके साथ शोषण हुआ और इसीलिए की बृजभूषण सिंह राजपूत हैं एवं केवल इसीलिए की महिला पहलवान जाट है और केवल जाती की राजनीति अगर वो करते हैं तो हम उनके खिलाफ बोलेंगे-खिलाफ रहेंगे और आंदोलन करेंगे, जंतर-मंतर को सियासी अखाड़ा बनाया जा रहा है, आप देखिये 2012 में देवेन्द्र हुड्डा ने जो है फाइटेशन का पर्चा भरा था तो उसका वापस करा दिया गया था और निर्विरोध ये हो गए थे तो तब से देवेन्द्र हुड्डा के दिल में ये फास है कि मुझे घटा करके ये जीते और उसके बाद इन्होंने एक नियम बनाया कि कोई भी खिलाड़ी चाहे सीनियर हो चाहे जूनियर हो बिना किसी ट्रायल क्वॉलिफाई के विदेश खेलने नहीं जायेगा, चाहे वो ओलम्पिक हो, चाहे कॉमनवेल्थ के गेम हो, चाहे राष्ट्रीय गेम हो या कोई भी हो एवं इसमें मेन लड़ाई ये ही है की विनेश फोगाट, साक्षी मालिक और कौन हैं।

ये पुनिया ये सब चाहते हैं कि हमें कोई ट्रायल ना देना पड़े और शरीर को कोई कष्ट न हो और वहां पहुंच जाये, एक ये कर दिया कि सभी राज्यों में कोटा फिक्स कर दिया, लेकिन सबसे ज्यादा बाहर कौन जाता है हरियाणा, नहीं ये राजपूत और जाट तो बाद में जायेगा लेकिन हम तो एक जवाब दे रहे हैं, हम टिकैत यूनियन व सर्व खाप पंचायत को केवल एक संदेश देना चाहते हैं कि जब तुम अपने आप में बहुत बड़े कि में इतने ट्रेक्टर,,,,,, तुम से ज्यादा ट्रेक्टर है, तुमसे ज्यादा जमीन है, तुमसे ज्यादा आदमी है, तुमसे ज्यादा पैसा है और तुमसे ज्यादा दिली हौसला है, ईंट का जवाब पत्थर से देंगे लेकिन हम ये चाहते हैं कि वो भी बच्ची हमारी हैं और हम फिर कह रहे हैं कि हम जाति की राजनीति नहीं करते अगर उनके साथ यौन शोषण हुआ है तो बृजभूषण सिंह को सजा मिलनी चाहिए और अगर नहीं हुआ है तो पीछे खड़ी इन ताकतों को इन्हें भी सजा मिलनी चाहिए, मैं उन आरोपों के बारे में बताना चाहता हूं कि विनेश फोगाट जी का आरोप है कि 2015 में टर्की,,,, में गलत तरीके से उनके साथ अध्यक्ष ने छुआ-छूत की लेकिन जब समिति ने ही जाँच की तो 2015 में बृजभूषण सिंह टर्की ही नहीं गए, एक लड़की और है उसका नाम मेरे याद नहीं मैंने उसका फोटो खुद इंस्टाग्राम पर देखा है की वो अपनी शादी का कार्ड दे रही थी बृजभूषण सिंह को मेरे पित्र तुल्य अध्यक्ष को मेरी शादी का पहला कार्ड तो वो पित्र तुल्य अध्यक्ष यौन शोषण का आरोपी कैसे हो गया तो ये आरोप बिलकुल गलत है।

राजपूत स्वाभिमान की रणनीति

राजपूत स्वाभिमान की रणनीति ये है की सर्व खाप पंचायत विपक्षी दल, लोकदल या हमारे दल और सबसे बड़ी बात ये है कि हम ये देखते हैं की राजपूत तो महसूस कर रहा है कि हमारी तो जाति का भी पार्टी का नेता कोई बीजेपी का या लोकदल का तो नहीं बोल रहा हो और ये दूसरी जाति के नेता चाहे बीजेपी ये कोई और हो कोई पता नहीं किसके समर्थन में बोल रहे हैं, ठाकुर समाज लड़ाई लड़ेगा और अगर कोई नहीं बोलेगा। हम मानते हैं राजनितिक रूप से अभी पश्चिम उत्तरप्रदेश में कमजोर हैं लेकिन हम ये इन लोगों को जो हमारी वोट पर केंद्रीय मंत्री, एमपी, एमएलए बन रहे हैं और फिर इन्हें हराने के लिए दूसरी को वोट दंे वो भी हमारे खिलाफ जा रहे हैं तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे। अगर ये ही मामला रहा और इसको पुरे उत्तर प्रदेश में लेकर जायेंगे कि चुनाव का बहिष्कार किया जाये।



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Amit Kaliyan

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