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Nagaland Civilian killings: नागालैंड में सब कुछ ठीक नहीं, लोगों में भारी आक्रोश
Nagaland Civilian killings: नागालैंड के 5 जिलों में हजारों लोगों ने मंगलवार को सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की।
Nagaland Civilian killings: सेना के हाथों 14 निर्दोष मजदूरों के मारे जाने की घटना के बाद से नागालैंड (Nagaland Civilian killings) में भारी गुस्सा और निराशा है। 4 दिसम्बर को हुई उस घटना के बाद से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सुरक्षाबलों (security forces) के साथ असहयोग का आह्वान किया जा रहा है। लोगों से सार्वजनिक रूप से समारोह आदि न मनाने का आह्वान किया गया है। नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन (Naga Students Federation) ने आज राजधानी कोहिमा में विशाल विरोध रैली (protest rally today) का आह्वान किया है।
नागालैंड के 5 जिलों में हजारों लोगों ने मंगलवार को सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की। मोन जिले में 11 घण्टे का बन्द (Mon district close) रखा गया। इसी जिले में ये घटना हुई थी। इस जन प्रदर्शन का आयोजन ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स आर्गेनाईजेशन (एनपो) ने किया था। ये संगठन पांच पूर्वी जिलों में खासा प्रभावशाली है। प्रदर्शन के आह्वान को कोन्याक नागा जनजाति के शीर्ष संगठन कोन्याक यूनियन ने भी समर्थन किया था। मारे गए मजदूर कोन्याक जनजाति के थे।
सुरक्षा बलों के साथ असहयोग
कोन्याक यूनियन और एनपो ने पूर्वी नागालैंड के अन्य नागरिक संगठनों के साथ विचार विमर्श करने के बाद सशस्त्र बलों के साथ असहयोग का ऐलान किया हुआ है। इन संगठनों का कहना है कि हत्या में शामिल लोगों पर जब तक कार्रवाई नहीं की जाती तबतक असहयोग जारी रहेगा।
गुरुवार को इन संगठनों ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन मां जिले के डिप्टी कमिश्नर को दिया। ज्ञापन के बारे में कोन्याक यूनियन के उपाध्यक्ष हानोंग कोन्याक ने बताया कि - हमने 30 दिन का अल्टीमेटम दिया है कि अगर एक महीने के भीतर न्याय नहीं हुआ तो हम मिलिट्री बलों के खिलाफ असहयोग जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उनका विरोध प्रदर्शन आने वाले दिनों में नागालैंड के अन्य हिस्सों और दिल्ली तक फैल सकता है। उन्होंने कहा कि ये तो बस शुरुआत है और धीरे धीरे आंदोलन बढ़ता जाएगा। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में 5 मांगें (5 demands) प्रमुख रूप से रखी गईं हैं :
- गोलीबारी में शामिल सभी सैन्यकर्मियों की शिनाख्त कर उनपर कार्रवाई की जाए।
- तत्काल एक स्वतंत्र जांच का गठन किसी सक्षम जांच एजेंसी के तहत किया जाए।
- 30 दिन के भीतर ये सार्वजनिक रूप से बताया जाए कि हत्या के मामले में क्या कार्रवाई हुई है।
- समूचे नार्थईस्ट से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल एक्ट हटाया जाए।
कोन्याक क्षेत्र में प्रतिबंध
नागालैंड के नागरिक संगठनों द्वारा राज्य के कोन्याक बहुल क्षेत्रों में सेना और अर्धसैनिक बलों के मूवमेंट पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है।
कौन हैं कोन्याक ( konyak kaun hai )
नागालैंड एक जनजाति बहुल राज्य है और यहां की 20 लाख की आबादी में 86 फीसदी जनजातियां हैं। राज्य की 16 जनजातियों में कोन्याक प्रमुख है। मां जिले के ओटिंग गांव निवासी जो 14 लोग मारे गए थे वे सब कोन्याक जनजाति के थे।