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सुरसा मुख सा बढ़ रहा विस्फोटों का जाल

Dr. Yogesh mishr
Published on: 18 March 1992 1:21 PM IST
सुरसा मुख सा बढ़ रहा विस्फोटों का जाल
भारत में विध्वंस की चली किसी ने चाल
चली किसी ने चाल नहीं कोई कुछ जाने
साजिश की सीमाओं को कैसे पहचाने
ऐसे ही गर देश में बना रहा संजाल
आहत होगी संस्कृति, घायल होगा भाल।
Dr. Yogesh mishr

Dr. Yogesh mishr

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