तरकस खाली हो गया, अर्जुन हुए उदाससभी दांव खाली गए, रही चाल नहि पासरही चाल नहि पास, विरोध बेकार हो गयासंविधान का भूत अब बिना सवार हो गया‘एक पद एक व्यक्ति’ की कौन करे अब बातपी.एम. इससे मुक्त हैं, नहीं चलेगी घात।