दया, धर्म और प्रेम की रही न कोई बातहिंसक आगे बढ़ रहे, करे घात-प्रतिघातकरे घात-प्रतिघात, हो रही व्यापक हिंसागांधी के सिद्धांत हैं झूठे, झूठी हुई अहिंसादुष्ट दलन होगा तभी, छेड़े जब अभियानकरते हैं संके त सब दुश्मन हर इंसान।