संसद कल सोई नहीं-बजट रेल का ‘पास’इसी तरह से देश का रचा गया इतिहासरचा गया इतिहास हश्र सबके सम्मुख हैजिसके माथे ताज आज क्यों वही विमुख हैराजनीति की डाल पर लपटे हुए भुजंगबांट रहे हैं देश को बदल-बदल कर रंग।