बार-बार करते दिखें अर्जुन अब विद्रोहउनको है घेरे हुए निज सत्ता का मोहनिज सत्ता का मोह बड़ा ही विनाशकारीअब तो समझें, बीत गयी है उनकी पारीनरसिंह को निर्बल समझ बन जाते हैं वीरलगता है मालूम नहीं खाली हुआ तूणीर।