इतनी आतंकित डगर कैसे उड़े जहाजनहीं सुरक्षा है कहीं हुई घुटन क्यों आजहुई घुटन क्यों आज ये नाटक कौन कर रहाकिसने की शुरूआत कि हीरो कौन बन रहाकैसे शामें खुशनुमा हों स्वच्छन्द आकाशखत्म हो सारी त्रासदी खुल के ले हम सांस।