अब रिश्ते विकराल हैं कल जो थे संक्षिप्तनायक खलनायक दिखे देशद्रोह में लिप्तदेशद्रोह में लिप्त करें करतूत घिनौनीछवि थी जिनकी भेदभाव से मुक्त दिख रही बौनीमाया नगरी बन गयी अपराधों की खानतस्कर, गुंडे छा गये, घटी देश की शान।