×

नहीं किसी को अब रहा आपस में विश्वास

Dr. Yogesh mishr
Published on: 25 April 1993 9:29 PM IST

नहीं किसी को अब रहा आपस में विश्वास



रक्षक आपस में भिड़े तोड़ नियम के  पाश



तोड़ नियम के  पाश द्वंद है दिखता उलझा



बिल्ली की रोटी का झंझट कभी नहीं बंदर से सुलझा



अच्छा होता तय हो जाता सबकुछ घर के  द्वार



बात न जाती घर से उठकर सीमा के  उस पार।



Dr. Yogesh mishr

Dr. Yogesh mishr

Next Story