चिन्ता में डूबा दिखे अब सारा संसारहिंसा का होता दिखे तिल-तिल आज प्रसारतिल-तिल आज प्रसार, विश्व को ले डूबेगापता नहीं हिंसा का दानव कब ऊबेगाअंधड़ में दिखता नहीं गायब हुआ प्रकाशबीच भंवर में नाविक नहीं, रही अके ली आस।