शेखर कहते राव से क्यों न आई शर्मतटस्थता अभियान से आहत हुआ न मर्मआहत हुआ न मर्म शर्म से झुका न माथाबिगड़ा है इतिहास बनी एक विकृत गाथाएक बड़े जनतंत्र में न्याय हुआ अपदस्थभारत के नायक प्रथम बनते रहे तटस्थ।