रहे समय यदि चेतती, नहीं के न्द्र सरकारकरे-धरे हो जाएंगे उपक्रम सब बेकारउपक्रम सब बेकार विदेशी जाल फैल जाएगाफंस जाएगा अर्थतंत्र फिर निकल नहीं पाएगाआज विश्व व्यापार में भारत बदले नीतिसोचे राष्ट्र हितार्थ अब छोड़ छद््म से प्रीति।