पुत्रमोह में फंसे बुखारी बने आज धृतराष्ट्रनायब बंदी नहीं बनेगा, भाड़ में जाए राष्ट्रभाड़ में जाए राष्ट्र नहीं कानून बड़ा हैउनकी नजर में कुछ सिरफिरों ने दांव गढ़ा हैन्यायपालिका को खुली उनकी है ललकारहिम्मत हो तो कुछ करे दिल्ली की सरकार।