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धूल भरी आंधी चली हुआ तुषारापात

Dr. Yogesh mishr
Published on: 28 May 1993 10:09 PM IST (Updated on: 26 Aug 2022 12:15 PM IST)

धूल भरी आंधी चली हुआ तुषारापात



रद कठौरा में हुई अधिवेशन की बात



अधिवेशन की बात घात थी नेताओं की



धनगत नहीं विलाप, हानि है आशाओं की



कुपित, प्रकृति ने है किया कितना कठिन प्रहार



जिसकी जैसी भावना, वैसा ही उपहार।

Dr. Yogesh mishr

Dr. Yogesh mishr

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