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आकर्षक: अध्येतावृत्ति का अवसर
वैज्ञानिक प्रगति का अनुसंधान से गहरा रिश्ता है। क्योंकि अनुसंधान एवं विश्लेषण कि जरिये ही किसी तथ्य के अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है। शायद यही वजह है कि आज लगभग सभी बड़े औद्योगिक घरानों ने अपने यहां अनुसंधान एवं विकास प्रभाग खोल रखे हैं। अब तो उद्योगों का प्रोजेक्ट तैयार करते समय तीन से पंद्रह फीसदी तक की राशि अनुसंधान एवं विकास प्रभाग के खाते में डाल दी जाती है। इस प्रभाग का कार्य उत्पाद को जनता की जरूरत के हिसाब से बनाना एवं उत्पाद के बारे में फीडबैक लेकर उसकी कमियों को दूर करने की दिशा में सार्थक प्रयास करना होता है। अनुसंधान एवं विकास प्रभाग औद्योगिक इकाइयों की रीढ़ माना जाता है। समाज एवं देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार भी अनुसंधान विकास प्रभाग को खासा महत्व देती है। तभी तो वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली प्रति वर्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी विभागों और उद्योगों, विश्वविद्यालयों व सरकारी विभाग की प्रयोगशालाओं में कार्यरत संकाय सदस्यों, वैज्ञानिकों के कार्य कुशल मार्गदर्शन में अनुसंधान की पद्धतियों में युवा पुरूषों, महिलाओं को प्रशिक्षण, अनुसंधान के लिए वरिष्ठ अनुसंधान अध्येतावृत्तियां (एसआरएफ) अनुसंधान एसोसिएट (आरए) प्रदान करती है। सीएसआईआर काउंसिल आॅफ साइंस एण्ड इण्डस्ट्रियल रिसर्च ने वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य करने के लिए युवा वैज्ञानिकों से आवेदन पत्र आमंत्रित किया है। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 5 मई, 1997 है। वैज्ञानिकों तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद अनुसंधान के उन विषयों को वरीयता देती है जो विज्ञान के नये और उदीयमान क्षेत्रों में और देश के वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिकी क्षमता के विकास के लिए महत्व के क्षेत्रों में सीएसआईआर के प्रयोगशालाओं में अनुसंधान और विकास कार्यों के करने में रुचि रखते हैं।
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद द्वारा प्रदान की जाने वाली वरिष्ठ अनुसंधान अध्येतावृत्ति एवं अनुसंधान एसोसिएटशिप, चिकित्सा एवं भेषज विज्ञान, जैव रसायन विज्ञान, जीव भौतिकी विज्ञान, प्रतिरक्षा विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान और जीव समूहों की शरीर क्रिया विज्ञान, सामान्य जीव विज्ञान, आनुवांशिकी एवं आणविक जीव विज्ञान, कृषि विज्ञान एवं खाद्य, डेयरी, मात्सियकी, मुर्गी पालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान, बागवानी और वानिकी विज्ञान, कार्बनिक रसायन विज्ञान, अकार्बनिक रासायनिक विज्ञान, भौतिकी और वैश्लेषिक रसायन विज्ञान, प्रयुक्त और औद्योगिक रसायन विज्ञान, सामग्री विज्ञान, पृथ्वी, समुद्र, वातावरण और गृहीय विज्ञान, वैमानिकी, सिविल, यांत्रिक और धातुकर्मी इंजीनियरिंग विज्ञान, कृषि, जीव, रसायन और पोलिमर इंजीनियरिंग विज्ञान, वैद्युत इलेक्ट्रानिकी और ऊर्जा से सम्बन्धित इंजीनियरिंग विज्ञान, गणितीय (गणित संक्रिया विज्ञान सांख्यिकीय विज्ञान), भौतिकी विज्ञान, खगोल विज्ञान, खगोल भौतिकी, परमाणु भौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, कण भौतिकी, घन अवस्था भौतिकी, सामग्री विज्ञान, इलेक्ट्रानिक अनुप्रयुक्त भौतिकी, विज्ञान प्रौद्योगिकी और सामाजिक अध्ययन आदि क्षेत्रों में प्रदान की जाती है।
वरिष्ठ अनुसंधान अध्येतावृत्ति इस अध्येतावृत्ति के लिए आवेदक की अनिवार्य योग्यता-प्रथम श्रेणी में एमएससी/बीई/बीटेक/बीफार्मा/एमएससी (कृषि) या समकक्ष होनी चाहिए। साथ ही आवेदक को कम से कम दो वर्ष का अनुसंधान अनुभव होना भी जरूरी है। अनुसंधान अनुभव आवेदक के स्वीकृत प्रकाशित शोध पत्रों के आधार पर तय किया जाता है। उत्तम शैक्षिक रिकार्ड सहित इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी में एमई/एमटेक डिग्री धारक भी आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त एमबीबीएस/बीडीएस एक वर्ष के इंटर्नशिप सहित एम फार्मा/एमबीएससी डिग्री धारक भी वरिष्ठ अनुसंधान अध्येतावृत्ति के लिए आवेदक माने जाते हैं। परंतु पीएचडी/डीफिल/एमडी/ एमएस/एमडीएस डिग्री धारक इस अध्येतावृत्ति के लिए पात्र नहीं माने जाते हैं। तीन वर्षीय इस अध्येतावृत्ति में प्रत्येक अध्येता को 2800 रूपये प्रतिमाह प्रदान किये जाते हैं। परंतु चिकित्सा, पशु चिकित्सा, फार्मेसी, इंजीनियरिंग डिग्री धारक अगर इस अध्येतावृत्ति के लिए चुने जाते हैं तो उन्हें पहले दो वर्ष 3000 रूपये प्रतिमाह और अंतिम वर्ष 3200 रूपये प्रतिमाह अध्येतावृत्ति प्रदान की जाती है। इसके अलावा चुने गये अभ्यर्थियों को प्रत्येक वर्ष 10 हजार रूपये का आनुषंगिक अनुदान भी मिलता है। वैसे तो इस अनुसंधानवृत्ति की कार्य अवधि मात्र दो वर्ष की होती है। लेकिन कार्य एवं जरूरत को देखते हुए इसे एक वर्ष बढ़ाया जा सकता है। अध्येतावृत्ति के लिए चयन साक्षात्कार के आधार पर होता है। साक्षात्कार के लिए बुलाये जाने वाले व्यक्ति को लघुतम मार्ग के द्वितीय श्रेणी का रेल किराया भी दिया जाता है। आवेदक को 01.10.1997 को ऊपरी आयु सीमा 32 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। परंतु विशिष्ट मामलों में सीएसआईआर के विवेक पर यह निर्भर करता है कि वह आवेदक को सीमांत छूट प्रदान करे।
अनुसंधान एसोसिएट शिप विज्ञान या इंजीनियरिंग विषय में पीएचडी, एमडी, डीफिल, एमएस, एमडीएस, एमटेक, एमफार्मा, एमवीएस डिग्री धारक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदक के पास इन डिग्रियों के अलावा तीन वर्ष का अनुसंधान, डिजाइन और विकास अनुभव भी होना चाहिए। जिन्होंने पीएचडी, एमडी, एमएस, डीफिल उपाधियों के लिए अपने शोध प्रबंधन प्रस्तुत कर दिये हों, ऐसे उम्मीदवार भी शोध प्रबंध प्रस्तुत करने के प्रलेख सहित अपने आवेदन पत्र भेज सकते हैं। लेकिन इन उपाधियों के अभाव में सीएसआईआर के विवेक पर यह निर्भर करता है कि वह आवेदन पत्र पर विचार करे या उसे निरस्त कर दे। ऐसा भी प्रावधान है कि उपरोक्त उपाधियों के अभाव में भेजे गये आवेदन पत्र पर विचार करके उम्मीदवार को साक्षात्कार में सफल पाये जाने पर एक वर्ष के लिए कुछ शर्तों के तहत 2800 रूपये प्रतिमाह के हिसाब से अनुशंसा एसोसिएट शिप प्रदान कर दी जाय। एक वर्ष के अंदर अगर आवेदक उपरोक्त डिग्री हासिल कर ले तो कार्य निष्पादन के आधार पर उसे अनुसंधान एसोसिएट शिप जारी रखी या निरस्त भी की जा सकती है।
अनुसंधान एसोसिएट शिप के लिए अध्येता को 2800-100-3300 रूपये, 3300-100-3800 रूपये, 3750-125-4325 रूपये, 4325-124-4700-150-5000 रूपये वृत्तिका के रूप में दिये जा सकते हैं। चार स्लैबों वाले इन वृत्तिका राशियों में अध्येता को किसी भी स्लैब का भुगतान किया जा सकता है। अनुसंधान एसोसिएटशिप के लिए 01.10.1997 को ऊपरी आयु सीमा 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए लेकिन ऊपरी आयु सीमा में सीएसआईआर के विवेकानुसार सीमांत छूट का भी प्राविधान है। इसके लिए भी चयन साक्षात्कार के आधार पर ही होता है। साक्षात्कार के लिए बुलाये गये अभ्यर्थियों को रेल किराया देता है। वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता एवं अनुसंधान एसोसिएट शिप के लिए आवेदन शुल्क 200 रूपये मात्र है। अध्यक्ष एचआरडीजी, सीएसआईआर काम्प्लेक्स, पूसा, नई दिल्ली के पक्ष में देय रेखांकित डिमाण्ड ड्राफ्ट सहित आवेदक अपने आवेदन पत्र प्रमाण पत्रों एवं अन्य प्रलेखों की छायाप्रतियों के साथ 5 मई, 1997 तक उप सचिव, मानव संसाधन विकास समूह, सीएसआईआर काम्प्लेक्स, डाॅ. के एस कृष्णन मार्ग, पूसा, नई दिल्ली-110012 के पास अवश्य भेज दें। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और शारीरिक विकलांग उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क पचास रूपये-पचास रूपये मात्र है। जबकि विदेश स्थित उम्मीदवारों को अपना आवेदन पत्र भरने के लिए आवेदन शुल्क के रूप में 200 अमरीकी डाॅलर का भुगतान करना पड़ेगा।
अनुसंधान एवं विकास में संलग्न अध्येताओं के लिए जहां उच्च शिक्षा में शिक्षण एवं अनुसंधान के रास्ते सदैव खुले रहते हैं। वहीं इनके लिए औद्योगिक घरानों के अनुसंधान एवं विकास प्रभाग (रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट विंग) में भी आकर्षक वेतनमान पर नौकरी मिलने के अवसर रहते हैं। इन अध्येतावृत्तियों को शिक्षा एवं अनुसंधान जगत में खासा महत्वपूर्ण माना जाता है।
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद द्वारा प्रदान की जाने वाली वरिष्ठ अनुसंधान अध्येतावृत्ति एवं अनुसंधान एसोसिएटशिप, चिकित्सा एवं भेषज विज्ञान, जैव रसायन विज्ञान, जीव भौतिकी विज्ञान, प्रतिरक्षा विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान और जीव समूहों की शरीर क्रिया विज्ञान, सामान्य जीव विज्ञान, आनुवांशिकी एवं आणविक जीव विज्ञान, कृषि विज्ञान एवं खाद्य, डेयरी, मात्सियकी, मुर्गी पालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान, बागवानी और वानिकी विज्ञान, कार्बनिक रसायन विज्ञान, अकार्बनिक रासायनिक विज्ञान, भौतिकी और वैश्लेषिक रसायन विज्ञान, प्रयुक्त और औद्योगिक रसायन विज्ञान, सामग्री विज्ञान, पृथ्वी, समुद्र, वातावरण और गृहीय विज्ञान, वैमानिकी, सिविल, यांत्रिक और धातुकर्मी इंजीनियरिंग विज्ञान, कृषि, जीव, रसायन और पोलिमर इंजीनियरिंग विज्ञान, वैद्युत इलेक्ट्रानिकी और ऊर्जा से सम्बन्धित इंजीनियरिंग विज्ञान, गणितीय (गणित संक्रिया विज्ञान सांख्यिकीय विज्ञान), भौतिकी विज्ञान, खगोल विज्ञान, खगोल भौतिकी, परमाणु भौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, कण भौतिकी, घन अवस्था भौतिकी, सामग्री विज्ञान, इलेक्ट्रानिक अनुप्रयुक्त भौतिकी, विज्ञान प्रौद्योगिकी और सामाजिक अध्ययन आदि क्षेत्रों में प्रदान की जाती है।
वरिष्ठ अनुसंधान अध्येतावृत्ति इस अध्येतावृत्ति के लिए आवेदक की अनिवार्य योग्यता-प्रथम श्रेणी में एमएससी/बीई/बीटेक/बीफार्मा/एमएससी (कृषि) या समकक्ष होनी चाहिए। साथ ही आवेदक को कम से कम दो वर्ष का अनुसंधान अनुभव होना भी जरूरी है। अनुसंधान अनुभव आवेदक के स्वीकृत प्रकाशित शोध पत्रों के आधार पर तय किया जाता है। उत्तम शैक्षिक रिकार्ड सहित इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी में एमई/एमटेक डिग्री धारक भी आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त एमबीबीएस/बीडीएस एक वर्ष के इंटर्नशिप सहित एम फार्मा/एमबीएससी डिग्री धारक भी वरिष्ठ अनुसंधान अध्येतावृत्ति के लिए आवेदक माने जाते हैं। परंतु पीएचडी/डीफिल/एमडी/ एमएस/एमडीएस डिग्री धारक इस अध्येतावृत्ति के लिए पात्र नहीं माने जाते हैं। तीन वर्षीय इस अध्येतावृत्ति में प्रत्येक अध्येता को 2800 रूपये प्रतिमाह प्रदान किये जाते हैं। परंतु चिकित्सा, पशु चिकित्सा, फार्मेसी, इंजीनियरिंग डिग्री धारक अगर इस अध्येतावृत्ति के लिए चुने जाते हैं तो उन्हें पहले दो वर्ष 3000 रूपये प्रतिमाह और अंतिम वर्ष 3200 रूपये प्रतिमाह अध्येतावृत्ति प्रदान की जाती है। इसके अलावा चुने गये अभ्यर्थियों को प्रत्येक वर्ष 10 हजार रूपये का आनुषंगिक अनुदान भी मिलता है। वैसे तो इस अनुसंधानवृत्ति की कार्य अवधि मात्र दो वर्ष की होती है। लेकिन कार्य एवं जरूरत को देखते हुए इसे एक वर्ष बढ़ाया जा सकता है। अध्येतावृत्ति के लिए चयन साक्षात्कार के आधार पर होता है। साक्षात्कार के लिए बुलाये जाने वाले व्यक्ति को लघुतम मार्ग के द्वितीय श्रेणी का रेल किराया भी दिया जाता है। आवेदक को 01.10.1997 को ऊपरी आयु सीमा 32 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। परंतु विशिष्ट मामलों में सीएसआईआर के विवेक पर यह निर्भर करता है कि वह आवेदक को सीमांत छूट प्रदान करे।
अनुसंधान एसोसिएट शिप विज्ञान या इंजीनियरिंग विषय में पीएचडी, एमडी, डीफिल, एमएस, एमडीएस, एमटेक, एमफार्मा, एमवीएस डिग्री धारक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदक के पास इन डिग्रियों के अलावा तीन वर्ष का अनुसंधान, डिजाइन और विकास अनुभव भी होना चाहिए। जिन्होंने पीएचडी, एमडी, एमएस, डीफिल उपाधियों के लिए अपने शोध प्रबंधन प्रस्तुत कर दिये हों, ऐसे उम्मीदवार भी शोध प्रबंध प्रस्तुत करने के प्रलेख सहित अपने आवेदन पत्र भेज सकते हैं। लेकिन इन उपाधियों के अभाव में सीएसआईआर के विवेक पर यह निर्भर करता है कि वह आवेदन पत्र पर विचार करे या उसे निरस्त कर दे। ऐसा भी प्रावधान है कि उपरोक्त उपाधियों के अभाव में भेजे गये आवेदन पत्र पर विचार करके उम्मीदवार को साक्षात्कार में सफल पाये जाने पर एक वर्ष के लिए कुछ शर्तों के तहत 2800 रूपये प्रतिमाह के हिसाब से अनुशंसा एसोसिएट शिप प्रदान कर दी जाय। एक वर्ष के अंदर अगर आवेदक उपरोक्त डिग्री हासिल कर ले तो कार्य निष्पादन के आधार पर उसे अनुसंधान एसोसिएट शिप जारी रखी या निरस्त भी की जा सकती है।
अनुसंधान एसोसिएट शिप के लिए अध्येता को 2800-100-3300 रूपये, 3300-100-3800 रूपये, 3750-125-4325 रूपये, 4325-124-4700-150-5000 रूपये वृत्तिका के रूप में दिये जा सकते हैं। चार स्लैबों वाले इन वृत्तिका राशियों में अध्येता को किसी भी स्लैब का भुगतान किया जा सकता है। अनुसंधान एसोसिएटशिप के लिए 01.10.1997 को ऊपरी आयु सीमा 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए लेकिन ऊपरी आयु सीमा में सीएसआईआर के विवेकानुसार सीमांत छूट का भी प्राविधान है। इसके लिए भी चयन साक्षात्कार के आधार पर ही होता है। साक्षात्कार के लिए बुलाये गये अभ्यर्थियों को रेल किराया देता है। वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता एवं अनुसंधान एसोसिएट शिप के लिए आवेदन शुल्क 200 रूपये मात्र है। अध्यक्ष एचआरडीजी, सीएसआईआर काम्प्लेक्स, पूसा, नई दिल्ली के पक्ष में देय रेखांकित डिमाण्ड ड्राफ्ट सहित आवेदक अपने आवेदन पत्र प्रमाण पत्रों एवं अन्य प्रलेखों की छायाप्रतियों के साथ 5 मई, 1997 तक उप सचिव, मानव संसाधन विकास समूह, सीएसआईआर काम्प्लेक्स, डाॅ. के एस कृष्णन मार्ग, पूसा, नई दिल्ली-110012 के पास अवश्य भेज दें। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और शारीरिक विकलांग उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क पचास रूपये-पचास रूपये मात्र है। जबकि विदेश स्थित उम्मीदवारों को अपना आवेदन पत्र भरने के लिए आवेदन शुल्क के रूप में 200 अमरीकी डाॅलर का भुगतान करना पड़ेगा।
अनुसंधान एवं विकास में संलग्न अध्येताओं के लिए जहां उच्च शिक्षा में शिक्षण एवं अनुसंधान के रास्ते सदैव खुले रहते हैं। वहीं इनके लिए औद्योगिक घरानों के अनुसंधान एवं विकास प्रभाग (रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट विंग) में भी आकर्षक वेतनमान पर नौकरी मिलने के अवसर रहते हैं। इन अध्येतावृत्तियों को शिक्षा एवं अनुसंधान जगत में खासा महत्वपूर्ण माना जाता है।
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