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वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद में कैरियर

Dr. Yogesh mishr
Published on: 6 Oct 1997 7:34 PM IST
प्राचीन युग की खोजों से लेकर इस शताब्दी की महान उपलब्धियों तक भारत में विज्ञान की सुदीर्घ परम्परा रही है। परन्तु स्वतंत्रता के  समय हमारा वैज्ञानिक ढांचा और तकनीकी ढांचा न ही सुदृढ़ था और न ही सुसंगठित। परिणामतः हमें विदेशों के  तकनीशियनों एवं विशेषज्ञों पर निर्भर रहना पड़ा। भारत के  वैज्ञानिक अनुसंधान का काम के न्द्र सरकार, राज्य सरकारें तथा सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों में औद्योगिक उपकरणों की अपनी अनुसंधान एवं विकास इकाइयां करती हैं। देश के  लिए अनुसंधान का कार्य जिन प्रमुख एजेंसियों द्वारा संचालित किया जाता है, जिनमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, परमाणु ऊर्जा, अन्तरिक्ष, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद, इलेक्ट्रानिकी, गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधन, पर्यावरण, महासागर विकास विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद आदि मुख्य हैं।
इनमें वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद का गठन 1942 में तत्कालीन के न्द्रीय विधान परिषद के  एक प्रस्ताव द्वारा हुआ था। यह एक स्वायत्तशासी संस्था है, जो रजिस्ट्रेशन आॅफ सोसाइटीज एक्ट, 1860 के  अंतर्गत पंजीकृत है। आज वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद एक ऐसा समन्वित संगठन है, जिसकी देश भर में 41 अनुसंधान प्रयोगशालाएं/संस्थान तथा 100 प्रादेशिक के न्द्र हैं। परिषद प्रारम्भिक अनुसंधान के  अलावा न के वल औद्योगिक महत्व के , बल्कि कृषि, सिंचाई, स्वास्थ्य, खनन, ऊर्जा उपयोग और यातायात प्रतिरक्षा जैसे अन्य आर्थिक क्षेत्रों में भी अनुसंधान करती है। परिषद में विशिष्ट अनुसंधान सम्बन्धी समस्याओं को सुलझाने के  लिए विभिन्न शाखाओं तथा प्रयोगशाला के  विशेषज्ञों के  विशिष्ट ग्रुप हैं। उदाहरण के  लिए परिषद के  चार तथा दो विदेशी संगठनों से बना एक संघ तेल तथा प्राकृतिक गैस आयोग को समुद्री पाइप लाइनों से बहकर आने  वाले कच्चे तेल को शुद्ध करने पर सलाह दे रहा है। परिषद की चार प्रयोगशालाओं का एक ग्रुप कोल इण्डिया को पर्यावरणीय नियोजन के  लिए सेन्ट्रल वेयर हाउसिंग कारपोरेशन को सुरक्षित भण्डारण तथा खतरनाक रसायनों के  रखरखाव के  मामले में सलाह दे रहा है।
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित संस्थान है। इस परिषद का महत्व इस तथ्य से ही पता चलता है कि सदा से प्रधानमंत्री इसका अध्यक्ष और सामान्यतः विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री इसका उपाध्यक्ष होता रहा है। महानिदेशक, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में विज्ञान और औद्योगिक अनुसंधान विभाग भारत सरकार का सचिव भी है। यह संस्थान अनुभाग अधिकारी (सामान्य) के  27 उप भण्डार और क्रय अधिकारी के  चार और अनुभाग अधिकारी (वित्त और लेखा)के  10, सहायक सामान्य के  47 तथा सहायक (वित्त और लेखा) के  10 पदांे के  आवेदन पत्र आमन्त्रित करता है। इन पदों के  लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कला, विज्ञान, वाणिज्य, कृषि विज्ञान में स्नातक की डिग्री है। आवेदकों की आयु 01 जनवरी, 1998 को 18 वर्ष से 28 वर्ष के  बीच होनी चाहिए। अनुसूचित जाति, अनु0 जनजाति के  उम्मीदवारों के  लिए ऊपरी आयु सीमा में पांच वर्ष तथा अन्य पिछड़ा वर्गों के  लिए तीन वर्ष की छूट प्रदान की जाएगी। इस परिषद के  के न्द्रीय कार्यालय और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, संस्थानों में सेवारत उम्मीदवारों के  लिए आयु आयु का कोई प्रतिबन्ध नहीं है। भूतपूर्व सैनिकों के  लिए ऊपरी आयु सीमा में नियमानुसार छूट देय है। इन पदों पर चयन परीक्षा के  माध्यम से होगी। प्रारम्भिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकार का बहु विकल्प प्रश्न) सामान्य अध्ययन पर आधारित होगी। इस परीक्षा के  अंक निर्णायक योग्यता में शामिल नहीं किये जायेंगे। परंतु प्रारम्भिक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में बैठने के  पात्र होंगे। मुख्य परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होंगे। प्रथम प्रश्नपत्र टिप्पणी, प्रारूपण, सारलेखन और सामान्य ज्ञान (भारत का संविधान) पर आधारित होगा। यह अनिवार्य प्रश्न होगा कि दूसरे प्रश्नपत्र में अभ्यर्थियों को चयन की सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें कृषि 01, वनस्पति विज्ञान 02, रसायन विज्ञान 03, वाणिज्य तथा लेखाकारिता 04, अर्थशास्त्र 05, भूगोल 06, भारतीय इतिहास 07, विधि 08, गणित 09, भौतिक 10, राजनीति विज्ञान 11, मनोविज्ञान 12, लोक प्रशासन 13, समाज विज्ञान 14, जीव विज्ञान 15 विषयों में से किसी एक विषय का चयन आवेदक द्वारा किया जा सकता है।
मुख्य परीक्षा का प्रथम प्रश्नपत्र अंग्रेजी भाषा में होगा। परंतु द्वितीय प्रश्नपत्र द्विभाषी हिन्दी/अंग्रेजी होगा। प्रथम प्रश्न पत्र में विर्निदिष्ट समस्याओं पर टिप्पणी और प्रारूप तैयार करना अनुच्छेदों के  सार लेखन या संक्षिप्त लेख तैयार करना एवं प्रश्नों में विज्ञान का सामान्य गुण दोष, विवेचन और समझ का पता लगाना जैसे प्रश्न शामिल होंगे।
अनुभाग अधिकारी (सामान्य)/उप भण्डार और क्रय अधिकारी का वेतनमान 2000-3500, अनुभाग अधिकारी (वित्त और लेखा) 2000-3200, सहायक (सामान्य)/वित्त और लेखा के  पद का वेतनमान 1640-2900 है। इन पदों पर कार्य करने वालांे पर के न्द्रीय सरकार के  कर्मचारियों को ग्राह्य और इस परिषद के  कर्मचारियों पर लागू भत्ते मिलेंगे। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की सेवा पेंशनीय है। चयनित उम्मीदवारों को सीएसआईआर की राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं/ संस्थाओं मंे पूरे देश मंे कहीं भी सेवा करनी पड़ सकती है। सामान्य तथा पिछड़ा वर्ग और विभागीय (सीएसआईआर) उम्मीदवारों को उप वित्त सलाहकार, ईएमआर, सीएसआईआर काम्प्लेक्स, नई दिल्ली के  पक्ष में देय छह महीने की वैधता के  साथ एक ही एमआईसीआर बैंक ड्राफ्ट द्वारा दो सौ रूपये का शुल्क अदा करना होगा। शुल्क की राशि वरीयता सिंडिके ट बैंक/भारतीय स्टेट बैंक पर देय होनी चाहिए। अनुसूचित जाति, अनु0 जनजाति उम्मीदवारों को शुल्क से छूट प्राप्त है। सीएसआईआर सम्मिलित प्रशासनिक सेवा परीक्षा-97 के  लिए आवेदन पत्र पंजीकृत डाक से परीक्षा नियंत्रक प्रशासन, परीक्षा एकक, सीएसआईआर काम्प्लेक्स, एनपीएल कैम्पस, डाॅ0 एसके  कृष्णन मार्ग, नई दिल्ली-110012 के  पते पर 24 अक्टूबर, 1997 तक पहुंच जाना चाहिए। दूरस्थ क्षेत्रों/सम्भागों यथा असम, मेघायल, अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर, नागालैण्ड, सिक्किम, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लाहौल तथा स्पीति जिले तथा चम्बा जिले के  पागी उप मण्डल अण्डमान निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप समूह के  उम्मीदवार अपने आवेदन 31 अक्टूबर, 1997 तक भेज सकते हैं।
वैज्ञानिक तथा अनुसंधान परिषद सम्मिलित प्रशासनिक सेवा परीक्षा-1997 के  माध्यम से उपरोक्त पदों पर भर्ती के  लिए 04 जनवरी, 1998 को लिखित परीक्षा आयोजित करेगी। यह परीक्षा बैंगलूर, भावनगर, भोपाल, भुवनेश्वर, कलकत्ता, चण्डीगढ़,दिल्ली, हैदराबाद, जम्मू, जमशेदपुर, गुवाहाटी, करायकुड़ी, लखनऊ, मद्रास, नागपुर, पालपमुर, पिलानी, पुणे, रूड़की और त्रिवेन्द्रम के न्द्रों पर होगी। स्नातक युवा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद में रोजगार के  इस स्वर्णिम अवसर का लाभ उठाकर रोजगार तो प्राप्त कर ही सकते हैं साथ ही साथ देश के  वैज्ञानिक प्रगति में अपना सहयोग देते हुए विकास की असीम सम्भावनाओं से भी जुड़ सकते हैं।
Dr. Yogesh mishr

Dr. Yogesh mishr

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