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आईएएस एक्शन ग्रुप की बैठक में दण्डस्वरूप तैनाती का भी मामला उठेगा
कल होने वाली आईएएस एसोसिएशन के एक्शन ग्रुप की बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों के दण्डस्वरूप तैनाती के सवाल को मजबूती से उठाया जाएगा। बैठक में ’82 बैच के आईएएस अधिकारी सुनील अग्रवाल की मौत की न्यायिक जांच कराये जाने के मुद्दे को भी रखा जायेगा। एक्शन ग्रुप के वरिष्ठ सदस्य विजय शंकर पाण्डेय का मुख्य सचिव को लिखा गया पत्र भी कल होने वाली बैठक में खासी चर्चा में रहेगा।
पहली बार इस संवर्ग के अधिकारी दण्डस्वरूप तैनाती के सवाल को उठाएंगे। उल्लेखनीय है कि सरकारी नियम कानून में तैनाती को दण्ड नहीं माना जाता है। कल होने वाली बैठक में दण्डस्वरूप तैनाती को रेखांकित करते हुए यह बताया जायेगा कि संवर्ग की जितनी संख्या है, तबादलों की संख्या प्रति वर्ष उससे कई गुना अधिक बैठती है। एक अधिकाीर का एक जगह औसत कार्यकाल चार माह का हो पाता है। इस संदर्भ में दिवंगत आईएएस अधिकारी सुनील अग्रवाल दो वर्ष में आधा दर्जन बार किये गये तबादले का दृष्टांत भी प्रस्तुत किया जायेगा।
एक्शन ग्रुप की कल होने वाली बैठक में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विजय शंकर पाण्डेय द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गये पत्र पर भी गम्भीरतापूर्वक विचार किया जायेगा। एक्शन ग्रुप का मानना है कि यदि सभी अधिकारी अपन सम्पत्ति की ठीक से घोषणा कर दें तो आईएएस संवर्ग में भ्रष्टाचार काफी हद तक दूर हो सकता है। उल्लेखनीय है कि श्री पाण्डेय ने अभी हाल में मुख्य सचिव को भेजे गये अपने पत्र में कहा है कि उच्च पदों पर बैठे प्रशासनिक अधिकारियांे को अपनी सम्पत्ति की जांच सीबीआई या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराये जाने के लिए स्वयं आगे आना चाहिए।
कल होने वाली एक्शन ग्रुप की इस गोपनीय बैठक में के न्द्र में प्रतिनियुक्ति पर तैनात कई आईएएस अधिकारी भी शिरकत करेंगे।
पहली बार इस संवर्ग के अधिकारी दण्डस्वरूप तैनाती के सवाल को उठाएंगे। उल्लेखनीय है कि सरकारी नियम कानून में तैनाती को दण्ड नहीं माना जाता है। कल होने वाली बैठक में दण्डस्वरूप तैनाती को रेखांकित करते हुए यह बताया जायेगा कि संवर्ग की जितनी संख्या है, तबादलों की संख्या प्रति वर्ष उससे कई गुना अधिक बैठती है। एक अधिकाीर का एक जगह औसत कार्यकाल चार माह का हो पाता है। इस संदर्भ में दिवंगत आईएएस अधिकारी सुनील अग्रवाल दो वर्ष में आधा दर्जन बार किये गये तबादले का दृष्टांत भी प्रस्तुत किया जायेगा।
एक्शन ग्रुप की कल होने वाली बैठक में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विजय शंकर पाण्डेय द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गये पत्र पर भी गम्भीरतापूर्वक विचार किया जायेगा। एक्शन ग्रुप का मानना है कि यदि सभी अधिकारी अपन सम्पत्ति की ठीक से घोषणा कर दें तो आईएएस संवर्ग में भ्रष्टाचार काफी हद तक दूर हो सकता है। उल्लेखनीय है कि श्री पाण्डेय ने अभी हाल में मुख्य सचिव को भेजे गये अपने पत्र में कहा है कि उच्च पदों पर बैठे प्रशासनिक अधिकारियांे को अपनी सम्पत्ति की जांच सीबीआई या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराये जाने के लिए स्वयं आगे आना चाहिए।
कल होने वाली एक्शन ग्रुप की इस गोपनीय बैठक में के न्द्र में प्रतिनियुक्ति पर तैनात कई आईएएस अधिकारी भी शिरकत करेंगे।
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