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शहर को सपनों में ले जाने की तैयारी
शहर को सपनों में ले जाने की तैयारी जोरों पर हैं राजधानी में आज रात पहली बार लगभग तीस हजार लोग लेजर शो के माध्यम से सपनों की दुनिया में तीन घण्टे तक खोये रहेंगे। सपनों का यह संसार हीरोहाण्डा स्ट्रीट मोटर बाइक के लांचिंग के अवसर पर कम्पनी की ओर से स्थानीय पुलिस लाइन में बुना और परोसा जाएगा। अब तक दूरदर्शन पर किरणों की अठखेलियां देखने वाले लोग किरणों के करतब से रू-ब-रू हो सकेंगे। दृश्य श्रव्य के माध्यम से लोगों को आनंद लोक की सैर कराने में जुटी टीम इस शो के प्रति बेहद आश्वस्त है।
हीरोहोण्डा स्ट्रीट मोटर बाइक के लांचिंग के अवसर पर आज स्थानीय पुलिस लाइन में दिल्ली की ख्याति प्राप्ति कम्पनी शेा टाइम मोटर बाइक स्ट्रीट के लांचिंग के अवसर पर अपना 28वां लेजर शो करेगी। इससे पहले पूरे भारत में इस प्रकार के 27 तथा उत्तर प्रदेश में चार शो आयोजित हो चुके हैं। लखनऊ प्रदेश का वह पांचवां शहर है जहां शो टाइम अपना आज आयोजन करेगा। आयोजकों के उम्मीद के अनुसार यह शो लगभग 30 से 35 हजार लोग देखेंगे। शो में दाखिले के लिए कार्ड विभिन्न स्थानों से प्राप्त किये जा सकेंगे। 45 मिनट के लेजर शो को 15-15 मिनट के तीन हिस्सों में बांटा गया है। साथ ही सूफियान का फैशन शो और आर्केस्ट्रा की स्वर लहरियां जन समुदाय को आनन्द लोक का सैर कराने के लिए तैयार हैं।
आज की रात का यह सपना दिखलाने वाली कम्पनी दिल्ली की शो टाइम है। शो टाइम के तरुण बरुआ बताते हैं कि इस पूरे शो में लगभग 2.5 करोड़ के उपकरण प्रयोग होते हैं। ये उपकरण जर्मनी से आयातित हैं और इस पूरे कार्यक्रम को 20 व्यक्तियांे की यूनिट कम्प्यूटर के जरिये नियंत्रित करती है। बरुआ का दावा है कि उनकी कम्पनी लेजर शो के मामले में विश्व की दूसरी सबसे बड़ी कम्पनी है। पहला स्थान वह माइकल जैक्शन की कम्पनी को देते हैं।
शो की तकनीक के बारे में बरुआ ने बताया कि 40ग40 फीट के परदे पर बहुरंगीय लेजर बीम कम्प्यूटर मे बनाये प्रोग्राम के जरिये साउण्ड बीट्स के साथ अठखेलियां करेेंगी। तकनीक के बारे में आगे बताते हुए उन्होंने कहा मुख्य रूप से एक ही लेजर बीम होती है जो लेजर गन से छोड़ी जाती है। यह मुख्य किरण बिडाल सिस्टम में प्रवेश करती है जहां 45 अंश के कोण पर लगे शीशे उसे विभिन्न आकृतियां प्रदान करते हैं। स्मोक मशीन से निकले धुवें के साथ यह कल्पना को आकृति देती है। लेजर किरणों की तपन को कम करने के लिए चिलिंग प्लाण्ट लगाया जाता है जिससे कि किरणंे निश्चित तापमान से अधिक न प्राप्त करने पायें। चिलिंग प्लाण्ट श्री बरुआ ने स्वयं डिजाइन किया है। दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक होने के बावजूद कम्प्यूटर और लेजर के क्षेत्र में अपनी रुचि के लिए वे परिषद को श्रेय देते हैं। दिल्ली में ही जन्मे और पढे़ श्री बरुआ अपने लेजर शो को काफी विस्तार देना चाहते हैं। श्री बरुआ के अब तक के सारे शो हीरोहोण्डा कम्पनी ने ही प्रायोजित किये हैं परन्तु वे चाहते हैं कि अपने शो के माध्यम से मनोरंजन के अतिरिक्त सामाजिक उन्नयन की दिशा में भी सार्थक योगदान दे सकंे।
चार वैन भरे सभी उपकरणों के साथ पूरे शो को चलाने के लिए 125 के .वी. का जनरेटर भी इनके पास है। हानिकारक लेजर किरणों के सवाल पर श्री बरुआ ने बताया, ‘यह सच है कि लेजर शो में कुछ किरणें हानिकारक भी होती हैं पर हानिकारक किरणों का रुख हम लोग आसमान की ओर कर देते हैं। अतः दर्शकों को इससे कोई नुकसान नहीं होता है।’
प्रति शो आठ से दस लाख के बीच लागत वाले इस कार्यक्रम की थीम होण्डा के इतिहास के साथ मनोरंजन प्रदान करना है। इनके साथ बारको-9200 जर्मनी में बना अत्याधुनिक प्रोजक्शन सिस्टम भी है। बरुआ के दृश्य-श्रव्य के इस आयोजन से जहां हीरोहोण्डा की स्ट्रीट को बाजार मिलने की सम्भावनाएं बढ़ रही हैं वहीं मनोरंजन के क्षेत्र में लेजर के उपयोग के आयाम का विस्तार हो रहा है।
हीरोहोण्डा स्ट्रीट मोटर बाइक के लांचिंग के अवसर पर आज स्थानीय पुलिस लाइन में दिल्ली की ख्याति प्राप्ति कम्पनी शेा टाइम मोटर बाइक स्ट्रीट के लांचिंग के अवसर पर अपना 28वां लेजर शो करेगी। इससे पहले पूरे भारत में इस प्रकार के 27 तथा उत्तर प्रदेश में चार शो आयोजित हो चुके हैं। लखनऊ प्रदेश का वह पांचवां शहर है जहां शो टाइम अपना आज आयोजन करेगा। आयोजकों के उम्मीद के अनुसार यह शो लगभग 30 से 35 हजार लोग देखेंगे। शो में दाखिले के लिए कार्ड विभिन्न स्थानों से प्राप्त किये जा सकेंगे। 45 मिनट के लेजर शो को 15-15 मिनट के तीन हिस्सों में बांटा गया है। साथ ही सूफियान का फैशन शो और आर्केस्ट्रा की स्वर लहरियां जन समुदाय को आनन्द लोक का सैर कराने के लिए तैयार हैं।
आज की रात का यह सपना दिखलाने वाली कम्पनी दिल्ली की शो टाइम है। शो टाइम के तरुण बरुआ बताते हैं कि इस पूरे शो में लगभग 2.5 करोड़ के उपकरण प्रयोग होते हैं। ये उपकरण जर्मनी से आयातित हैं और इस पूरे कार्यक्रम को 20 व्यक्तियांे की यूनिट कम्प्यूटर के जरिये नियंत्रित करती है। बरुआ का दावा है कि उनकी कम्पनी लेजर शो के मामले में विश्व की दूसरी सबसे बड़ी कम्पनी है। पहला स्थान वह माइकल जैक्शन की कम्पनी को देते हैं।
शो की तकनीक के बारे में बरुआ ने बताया कि 40ग40 फीट के परदे पर बहुरंगीय लेजर बीम कम्प्यूटर मे बनाये प्रोग्राम के जरिये साउण्ड बीट्स के साथ अठखेलियां करेेंगी। तकनीक के बारे में आगे बताते हुए उन्होंने कहा मुख्य रूप से एक ही लेजर बीम होती है जो लेजर गन से छोड़ी जाती है। यह मुख्य किरण बिडाल सिस्टम में प्रवेश करती है जहां 45 अंश के कोण पर लगे शीशे उसे विभिन्न आकृतियां प्रदान करते हैं। स्मोक मशीन से निकले धुवें के साथ यह कल्पना को आकृति देती है। लेजर किरणों की तपन को कम करने के लिए चिलिंग प्लाण्ट लगाया जाता है जिससे कि किरणंे निश्चित तापमान से अधिक न प्राप्त करने पायें। चिलिंग प्लाण्ट श्री बरुआ ने स्वयं डिजाइन किया है। दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक होने के बावजूद कम्प्यूटर और लेजर के क्षेत्र में अपनी रुचि के लिए वे परिषद को श्रेय देते हैं। दिल्ली में ही जन्मे और पढे़ श्री बरुआ अपने लेजर शो को काफी विस्तार देना चाहते हैं। श्री बरुआ के अब तक के सारे शो हीरोहोण्डा कम्पनी ने ही प्रायोजित किये हैं परन्तु वे चाहते हैं कि अपने शो के माध्यम से मनोरंजन के अतिरिक्त सामाजिक उन्नयन की दिशा में भी सार्थक योगदान दे सकंे।
चार वैन भरे सभी उपकरणों के साथ पूरे शो को चलाने के लिए 125 के .वी. का जनरेटर भी इनके पास है। हानिकारक लेजर किरणों के सवाल पर श्री बरुआ ने बताया, ‘यह सच है कि लेजर शो में कुछ किरणें हानिकारक भी होती हैं पर हानिकारक किरणों का रुख हम लोग आसमान की ओर कर देते हैं। अतः दर्शकों को इससे कोई नुकसान नहीं होता है।’
प्रति शो आठ से दस लाख के बीच लागत वाले इस कार्यक्रम की थीम होण्डा के इतिहास के साथ मनोरंजन प्रदान करना है। इनके साथ बारको-9200 जर्मनी में बना अत्याधुनिक प्रोजक्शन सिस्टम भी है। बरुआ के दृश्य-श्रव्य के इस आयोजन से जहां हीरोहोण्डा की स्ट्रीट को बाजार मिलने की सम्भावनाएं बढ़ रही हैं वहीं मनोरंजन के क्षेत्र में लेजर के उपयोग के आयाम का विस्तार हो रहा है।
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