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गनर से घरेलू काम कराने वालों पर गाज गिरेगी

Dr. Yogesh mishr
Published on: 23 Jun 1999 3:40 PM IST
प्रदेश सरकार ने गनर की बढ़ती मांग को देखते हुए गनरधारकों का औचक निरीक्षण करने का मन बनाया है। सरकार ने सभी जिला प्रमुखों को भेजे गये एक गोपनीय पत्र में यह निर्देश दिया है कि जिन भी लोगों को किसी भी तरह की सुरक्षा प्रदान की गयी है, उनका औचक निरीक्षण किया जाए और यह देखा जाय कि सुरक्षा के  लिए प्रदान किये गये गनर का वस्तुतः क्या उपयोग हो रहा है। इस पत्र में यह भी अंकित है कि दोषी पाये जाने वाले सुरक्षाकर्मियों को तत्काल गम्भीर दण्ड प्रदान किये जाएं। इतना ही नहीं स्टेटस सिंबल के  रूप में गनर एलाट कराकर उनसे घरेलू कार्य कराने वाले लोगों को भी नहीं बख्शा जाएगा। इस पत्र में इस बात का साफतौर पर उल्लेख है कि जो लोग भी सुरक्षाकर्मियों से अन्य किसी भी तरह के  कार्य कराते हुए पाये जाएं उन्हें भी ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाए।
उल्लेखनीय है कि पांच हजार गनर लोगों की सुरक्षा में लगाये गये हैं जबकि आज की स्थिति में पूरे प्रदेश में गनर स्वीकृत गनरों की संख्या महज एक हजार हैं परन्तु सरकार के  पास वर्तमान में लगभग तीन हजार लोगों के  आवेदन पत्र गनर पाने के  लिए विचाराधीन हैं। महत्वपूण्र बात यह है कि इन सभी आवेदन पत्रों पर जिला पुलिस की सकारात्मक टिप्पणियां भी अंकित हैं। पिछले दिनों सरकार द्वारा तैयार करायी गयी एक रिपोर्ट में यह तथ्य विशेष रूप से रेखांकित होकर उभरा कि गनर प्रदान करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण किया जाना बेहद जरूरी है। इसी रिपोर्ट के  संदर्भ में मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर में सुरक्षाकर्मी के  रूप में गनर आवंटित किये जाने की स्थितियों की गहन समीक्षा की थी। परिणामतः गनर आवंटित करने का काम मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर अपने हाथ में ले लिया। इसी समीक्षा के  बाद गनर के  लिए निर्धारित धनराशि जमा न करने वाले लगभग दो हजार लोगों के  सुरक्षाकर्मियों को वापस करने के  निर्देश जिला पुलिस प्रमुखों को दिये गये।
Dr. Yogesh mishr

Dr. Yogesh mishr

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