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Interview: मुलायम सिंह
दिनाँक: ०1._x007f_5.200_x007f__x007f_7
चुनाव के दिनों में हकीकत मानना या बताना नेताओं की रणनीतिक चूक कही जा सकती है तो ऐसे में मुलायम सिंह जैसा मंझा हुआ सियासी दिग्गज सीटों के बारे में सच न बोले तो इसे रणनीति ही कही जानी चाहिए। चुनाव खत्म होने तक 3०6 सभायें करने का संकल्प हर विधानसभा तक पहुँचने के भरोसे के साथ ही साथ मायावती की सरकार और राष्टï्रपति शासन की अटकलों को विराम देने की बड़ी जिम्मेदारी अपने कंधे पर संभाले सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से ‘आउटलुक’ के योगेश मिश्र ने बातचीत की। पेश है बातचीत के अंश:-
कितनी सीटों पर जीतने की उम्मीद रखते हैं?
देखो, अभी मैं कुछ नहीं कहूँगा। सब कम्प्यूटर में भर गया है। अब उसके बारे में कुछ कहना नहीं है। आगे आने वाले दो राउंड हैं। पर हम कह सकते हैं कि भारी बहुमत से जीतेंगे। सीटों के बारे में गिनती हम बता देंगे। आज नहीं। आठ तारीख की शाम को । पहले और दूसरे चरण में हमारी सीटें दोगुनी होंगी। तीसरे और चौथे में ज्यादा। पांचवे चरण में हमारे पास 14 सीटें थीं। 35 हो जायेंगी। छठे और सातवें राउंड में हमें इतना जीतना है दो राउंड में इ_x009e_ो हमे जीतना है कि हमारी सरकार बन जाएगी।
अपने मुकाबले में किसको पाते हैंं?
अभी हमारे मुकाबले एक भी पार्टी नही हैं। बीजेपी और बीएसपी लगी हुई है कौन नंबर दो पर आ जाये। और उधर लोकदल, कांग्रेस चौथे और पांचवे नंबर के लिए लड़ रहे हैं। ऐरा-गैरा दलों को कुछ मिलना नहीं।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि आपके जीवन का सबसे कठिन चुनाव है। यह कितना सच है?
चुनाव हर कठिन होता है। यह कठिन हमारे जीतने के लिए नहीं हुआ है। एक माहौल बिगाडऩे की कोशिश हुई है। सीपीएम को छोडक़र हिंदुस्तान के जितने भी दल हैं। वह सब हमारे खिलाफ इकट्ïठे हो गये हैं। जो दल नहीं थे उन्होंने हमारे मुखालफत के लिए दल बना दिये। ताकि हमारा वोट काटा जाय। यहाँ तक हुआ कि कांग्रेस, भाजपा और बसपा ने मिलकर टिकट दिये। ताकि समाजवादी पार्टी हार जाये। इस तरह ये सारे के सारे एक हैं। लेकिन यह चुनाव जनता ने अपने हाथों में ले लिया है।
मुलायम सिंह जी इस चुनाव में राजनीतिक दल एक दूसरे पर मिले होने का आरोप लगा रहे हैं। आप कह रहे हैं बीजेपी और बीएसपी और कांग्रेस मिले हैं। आपके इस कहे का आधार क्या है?
आधार हैं पिछले तीन चुनाव। तीनो बार बसपा ने कहा हम भाजपा से नही मिलेंगे। भाजपा ने कहा बसपा से नहीं मिलेंगे। तीनो बार मिले। अबकी कैसे भरोसा हो कि फिर नही मिलेंगे।
आपके भी भाजपा से अंदरूनी रिश्तों की अटकलें तेज हैं। सच्चाई क्या है?
यह अफवाह है। इस अफवाह के माध्यम से नुकसान हमारा हो जाता है। अभी पिछले लोकसभा के चुनाव में जब अटल जी जैसे इंसान ने जान-बूझकर बयान दिया मुसलमान भाईयों तुम सारा वोट मुलायम सिंह को दे दो क्योंकि मुलायम सिंह ने बड़ी मेहनत की है। अब अटल जी कहेंगे यह बात। तो समझ लेना चाहिए कि इसके पीछे कितना बड़ा षडयंत्र है। अगर अटल जी यह बयान नहीं देते तो हम 45 सीटें जीतते। 6-7 सीटें हमारी इसी में चली गयीं।
मुलायम सिंह जी आप जिन चंद्रबाबू नायडू, जयललिता और चौटाला को अपने मंच पर इकट्ïठा कर रहे हैं। यह सभी एनडीए के सहयोगी रहे हैं। ऐसे में क्या यह नहीं कहा जाना चाहिए कि आप इनके मार्फत एनडीए में जाने का मार्ग तलाश रहे हैं?
नहीं। एनडीए से तो मिले रहे हैं। राजनीति में डेवलपमेन्ट होते रहते हैं। कोई भविष्यवाणी तो होती नहीं है। जैसे डेवलपमेन्ट होते हैं। उसी से निर्णय लिये जाते हैं। अब यह महसूस किया सबने कि मुलायम सिंह के साथ रहना चाहिये। जैसे सीपीआई के प्रकाश कारत ने कहा कि भाजपा से लडऩे में कोई खरा उतरा है तो वह है समाजवादी पार्टी।
चुनाव प्रचार में आपके हमले के केंद्र में भाजपा नहीं, कांग्रेस है?
नहीं। हमारे हमले पर तीनों हैं। हमारी रणनीति है एन्टी कांग्रेस। एन्टी बीजेपी। तीसरी शक्ति होगी जनहित में कार्य करने वाली।
भाजपा, बसपा और कांग्रेस के खिलाफ आपकी चार्जशीट में पहला आरोप क्या होगा?
इनकी कोई नीतियाँ नहीं हैं। जनता के लिए, मजदूर के लिए, किसान के लिए, छात्र के लिए, शिक्षा के लिए, शिड्ïयूल कास्ट के लिए। कहीं कोई इनके पास कोई कार्यक्रम नहीं है।
त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में आपका स्टैंड क्या होगा?
त्रिशंकु विधानसभा होगी नहीं। इस बार बहुमत समाजवादी पार्टी को आ रहा है।
मायावती जी आजकल कह रही हैं कि वह आपको जेल भेजेंगी। क्या टिप्पणी है आपकी?
दरअसल, यह भावना जो आपने जान लिया है। यह सही है कि नीति के आधार पर, सिद्घांतों के आधार पर कोई राजनीति करना नहीं चाहता। ऐन-केन-प्रकारेण किसी तरह स_x009e_ाा मिल जाये। स_x009e_ाा ही केवल इनका लक्ष्य है। न देश की एकता का। न चैन और न ही हमारे जो किसान हैं जितने भी गरीब हैं उनकी खुशहाली का इंतजाम करना है।
क्या वजह है कि आपने तमाम काम करने के दावे भी पार्टी को स्पष्टï बहुमत दिला पाने की स्थिति में नजर नहीं आ रहे हैं?
विश्लेषण करने वाले जितने हमारे पत्रकार मित्र हैं। तथाकथित विद्वान हैं। हमेशा ऐसे ही कहते हैं। जब हम 98 में चुनाव लड़े तब कहा गया हम जीतेंगे नहीं। 99 में कहा गया समाजवादी पार्टी एक सीट जीतेगी। 27 जीतकर आये। तब हमें कहा हम जीतेंगे नहीं। हम जीत गये। और फिर चुनाव लड़े 99 में तो बताया कि समाजवादी पार्टी एक सीट जीतेगी। तब बोले 3 जीतेगी। पहले ज्योतिष ने बयान दिया 3 या 4 जीतेगी और जब 27 जीतकर आए तो ज्योतिषियों, पत्रकार मित्रों और विद्वानों ने स्वीकार किया कि मेरा जो अनुमान था उस पर मुझे अफसोस है।
क्या आपको नहीं लगता कि पार्टी के कुछ नेताओं की आपसी रंजिश और जनता के साथ सुलूकदार व्यवहार न होने के चलते चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ रहा है?
पक्ष विपक्ष का जो मामला था। वह निगेटिव था। नकारात्मक था। कभी सकारात्मक सुझाव नहीं दिया।
कोई ऐसा काम जो आपकी अगली सरकार के लिए बचा हो?
अभी काम हैं। पूरे हो जायें। उसके बाद हमारे काम बहुत हैं। उसके बाद और जो भी जरूरत समझेंगे कि अब क्या करना है। तो उसको भी पूरा किया जाएगा।
-योगेश मिश्र
चुनाव के दिनों में हकीकत मानना या बताना नेताओं की रणनीतिक चूक कही जा सकती है तो ऐसे में मुलायम सिंह जैसा मंझा हुआ सियासी दिग्गज सीटों के बारे में सच न बोले तो इसे रणनीति ही कही जानी चाहिए। चुनाव खत्म होने तक 3०6 सभायें करने का संकल्प हर विधानसभा तक पहुँचने के भरोसे के साथ ही साथ मायावती की सरकार और राष्टï्रपति शासन की अटकलों को विराम देने की बड़ी जिम्मेदारी अपने कंधे पर संभाले सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से ‘आउटलुक’ के योगेश मिश्र ने बातचीत की। पेश है बातचीत के अंश:-
कितनी सीटों पर जीतने की उम्मीद रखते हैं?
देखो, अभी मैं कुछ नहीं कहूँगा। सब कम्प्यूटर में भर गया है। अब उसके बारे में कुछ कहना नहीं है। आगे आने वाले दो राउंड हैं। पर हम कह सकते हैं कि भारी बहुमत से जीतेंगे। सीटों के बारे में गिनती हम बता देंगे। आज नहीं। आठ तारीख की शाम को । पहले और दूसरे चरण में हमारी सीटें दोगुनी होंगी। तीसरे और चौथे में ज्यादा। पांचवे चरण में हमारे पास 14 सीटें थीं। 35 हो जायेंगी। छठे और सातवें राउंड में हमें इतना जीतना है दो राउंड में इ_x009e_ो हमे जीतना है कि हमारी सरकार बन जाएगी।
अपने मुकाबले में किसको पाते हैंं?
अभी हमारे मुकाबले एक भी पार्टी नही हैं। बीजेपी और बीएसपी लगी हुई है कौन नंबर दो पर आ जाये। और उधर लोकदल, कांग्रेस चौथे और पांचवे नंबर के लिए लड़ रहे हैं। ऐरा-गैरा दलों को कुछ मिलना नहीं।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि आपके जीवन का सबसे कठिन चुनाव है। यह कितना सच है?
चुनाव हर कठिन होता है। यह कठिन हमारे जीतने के लिए नहीं हुआ है। एक माहौल बिगाडऩे की कोशिश हुई है। सीपीएम को छोडक़र हिंदुस्तान के जितने भी दल हैं। वह सब हमारे खिलाफ इकट्ïठे हो गये हैं। जो दल नहीं थे उन्होंने हमारे मुखालफत के लिए दल बना दिये। ताकि हमारा वोट काटा जाय। यहाँ तक हुआ कि कांग्रेस, भाजपा और बसपा ने मिलकर टिकट दिये। ताकि समाजवादी पार्टी हार जाये। इस तरह ये सारे के सारे एक हैं। लेकिन यह चुनाव जनता ने अपने हाथों में ले लिया है।
मुलायम सिंह जी इस चुनाव में राजनीतिक दल एक दूसरे पर मिले होने का आरोप लगा रहे हैं। आप कह रहे हैं बीजेपी और बीएसपी और कांग्रेस मिले हैं। आपके इस कहे का आधार क्या है?
आधार हैं पिछले तीन चुनाव। तीनो बार बसपा ने कहा हम भाजपा से नही मिलेंगे। भाजपा ने कहा बसपा से नहीं मिलेंगे। तीनो बार मिले। अबकी कैसे भरोसा हो कि फिर नही मिलेंगे।
आपके भी भाजपा से अंदरूनी रिश्तों की अटकलें तेज हैं। सच्चाई क्या है?
यह अफवाह है। इस अफवाह के माध्यम से नुकसान हमारा हो जाता है। अभी पिछले लोकसभा के चुनाव में जब अटल जी जैसे इंसान ने जान-बूझकर बयान दिया मुसलमान भाईयों तुम सारा वोट मुलायम सिंह को दे दो क्योंकि मुलायम सिंह ने बड़ी मेहनत की है। अब अटल जी कहेंगे यह बात। तो समझ लेना चाहिए कि इसके पीछे कितना बड़ा षडयंत्र है। अगर अटल जी यह बयान नहीं देते तो हम 45 सीटें जीतते। 6-7 सीटें हमारी इसी में चली गयीं।
मुलायम सिंह जी आप जिन चंद्रबाबू नायडू, जयललिता और चौटाला को अपने मंच पर इकट्ïठा कर रहे हैं। यह सभी एनडीए के सहयोगी रहे हैं। ऐसे में क्या यह नहीं कहा जाना चाहिए कि आप इनके मार्फत एनडीए में जाने का मार्ग तलाश रहे हैं?
नहीं। एनडीए से तो मिले रहे हैं। राजनीति में डेवलपमेन्ट होते रहते हैं। कोई भविष्यवाणी तो होती नहीं है। जैसे डेवलपमेन्ट होते हैं। उसी से निर्णय लिये जाते हैं। अब यह महसूस किया सबने कि मुलायम सिंह के साथ रहना चाहिये। जैसे सीपीआई के प्रकाश कारत ने कहा कि भाजपा से लडऩे में कोई खरा उतरा है तो वह है समाजवादी पार्टी।
चुनाव प्रचार में आपके हमले के केंद्र में भाजपा नहीं, कांग्रेस है?
नहीं। हमारे हमले पर तीनों हैं। हमारी रणनीति है एन्टी कांग्रेस। एन्टी बीजेपी। तीसरी शक्ति होगी जनहित में कार्य करने वाली।
भाजपा, बसपा और कांग्रेस के खिलाफ आपकी चार्जशीट में पहला आरोप क्या होगा?
इनकी कोई नीतियाँ नहीं हैं। जनता के लिए, मजदूर के लिए, किसान के लिए, छात्र के लिए, शिक्षा के लिए, शिड्ïयूल कास्ट के लिए। कहीं कोई इनके पास कोई कार्यक्रम नहीं है।
त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में आपका स्टैंड क्या होगा?
त्रिशंकु विधानसभा होगी नहीं। इस बार बहुमत समाजवादी पार्टी को आ रहा है।
मायावती जी आजकल कह रही हैं कि वह आपको जेल भेजेंगी। क्या टिप्पणी है आपकी?
दरअसल, यह भावना जो आपने जान लिया है। यह सही है कि नीति के आधार पर, सिद्घांतों के आधार पर कोई राजनीति करना नहीं चाहता। ऐन-केन-प्रकारेण किसी तरह स_x009e_ाा मिल जाये। स_x009e_ाा ही केवल इनका लक्ष्य है। न देश की एकता का। न चैन और न ही हमारे जो किसान हैं जितने भी गरीब हैं उनकी खुशहाली का इंतजाम करना है।
क्या वजह है कि आपने तमाम काम करने के दावे भी पार्टी को स्पष्टï बहुमत दिला पाने की स्थिति में नजर नहीं आ रहे हैं?
विश्लेषण करने वाले जितने हमारे पत्रकार मित्र हैं। तथाकथित विद्वान हैं। हमेशा ऐसे ही कहते हैं। जब हम 98 में चुनाव लड़े तब कहा गया हम जीतेंगे नहीं। 99 में कहा गया समाजवादी पार्टी एक सीट जीतेगी। 27 जीतकर आये। तब हमें कहा हम जीतेंगे नहीं। हम जीत गये। और फिर चुनाव लड़े 99 में तो बताया कि समाजवादी पार्टी एक सीट जीतेगी। तब बोले 3 जीतेगी। पहले ज्योतिष ने बयान दिया 3 या 4 जीतेगी और जब 27 जीतकर आए तो ज्योतिषियों, पत्रकार मित्रों और विद्वानों ने स्वीकार किया कि मेरा जो अनुमान था उस पर मुझे अफसोस है।
क्या आपको नहीं लगता कि पार्टी के कुछ नेताओं की आपसी रंजिश और जनता के साथ सुलूकदार व्यवहार न होने के चलते चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ रहा है?
पक्ष विपक्ष का जो मामला था। वह निगेटिव था। नकारात्मक था। कभी सकारात्मक सुझाव नहीं दिया।
कोई ऐसा काम जो आपकी अगली सरकार के लिए बचा हो?
अभी काम हैं। पूरे हो जायें। उसके बाद हमारे काम बहुत हैं। उसके बाद और जो भी जरूरत समझेंगे कि अब क्या करना है। तो उसको भी पूरा किया जाएगा।
-योगेश मिश्र
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