×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Nigella seeds Benefits: वेट लॉस से लेकर बालों को काला बनाए रखने में गजब का काम करती है कलौंजी, जानें इसके फायदे

Nigella seeds Benefits:रोज सुबह इसे खाली पेट लेने से कई बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। इसके अलावा कलौंजी के तेल में फैटी एसिड, विटामिन और खनिज की मात्रा होती है, जो बालों की सेहत के बेहद उपयोगी माना जाता है।

Jyotsna Singh
Written By Jyotsna Singh
Published on: 26 Nov 2024 2:28 PM IST
Benefits of Kolanji
X

Benefits of Kolanji   (photo: social media )

Nigella seeds Benefits: हमारी रसोई में खड़े मसालों के तौर पर कलौंजी प्रमुखता से उपलब्ध रहती है। इसे अंग्रेजी में (nigella seeds) भी कहा जाता है। ये मसाला कई तरह की रेसिपीज में जादुई स्वाद लाने के साथ ही सेहत और सौंदर्य के भी लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। कलौंजी के बीज में फाइबर, अमीनो एसिड, विटामिन बी, विटामिन बी 12, नियासिन और विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है। आयुर्वेद चिकित्सा में इसका कई तरह की बीमारियों को दूर करने में इस्तेमाल किया जाता है। रोज सुबह इसे खाली पेट लेने कई बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। इसके अलावा कलौंजी के तेल में फैटी एसिड, विटामिन और खनिज की मात्रा होती है, जो बालों की सेहत के बेहद उपयोगी माना जाता है। आइए जानते हैं कलौंजी खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ ही हमारे स्वास्थ और सौंदर्य वृद्धि में किस तरह उपयोगी है....

कलौंजी से लाभ (Benefits of Kolanji)

- कलौंजी से किडनी से जुड़ी समस्याओं में भी लाभ मिलता है। किडनी स्टोन की समस्या में भी कलौंजी का सेवन फायदा पहुंचाता है।

- कलौंजी में ब्लड शुगर को कम करने का गुण होता है।डायबिटीज के मरीजों के लिए कलौंजी का सेवन फायदेमंद माना जाता है। खाली पेट कलौंजी के बीजों के सेवन से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम होगा। सुबह खाली पेट कलौंजी से तैयार ब्लैक टी का सेवन करना चाहिए।

- कलौंजी वेट लॉस प्रोसेस में आपकी मदद करेगी। सुबह खाली पेट कलौंजी के सेवन से वेट लॉस में काफी लाभ मिलता है। कलौंजी की चाय मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करती है।

- सर्दी के मौसम में और प्रदूषण के चलते अस्थमा की समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में रोज सुबह गर्म पानी में कलौंजी और शहद मिलाकर पिएं. इससे आपको फायदा मिलेगा.

- कलौंजी के बीज खाना अल्जाइमर जैसी बीमारी से भी आपका बचाव करेगा। खाली पेट कलौंजी के बीजों का सेवन करने से याददाश्त बढ़ती है। इसे शहद के साथ खाएं।

- कलौंजी के सेवन से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को खाली पेट गुनगुने पानी के साथ कलौंजी का तेल पीने की सलाह दी जाती है।

- कलौंजी के बीजों में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण पाया जाता है। इससे सूजन को कम करने में मदद मिलती है और जोड़ों के दर्द की समस्या दूर होती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अर्थराइटिस की समस्या में रोज सुबह खाली पेट कलौंजी के तेल का सेवन आपको फायदा पहुंचाएगा।

- खाली पेट कलौंजी का सेवन स्तन और फेफड़ों के कैंसर से बचाव करता है।

- कलौंजी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। ये कैंसर पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स के असर हो कम करने में मददगार है।


कलौंजी के बीज के साइड इफेक्ट्स (Side effects of Kolanji)

कलौंजी में जितने अधिक गुण हैं वहीं इसकी जरूरत से ज्यादा ली गई खुराक शरीर में कई तरह की समस्याएं भी पैदा कर सकती है। हर व्यक्ति की आयु के मुताबिक ही इसकी खुराक लेना उचित होता है। इसके लिए किसी अनुभवी चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी होता है। वरना इसके गलत तरह के सेवन से इसके दुष्प्रभाव या प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं।

- कलौंजी के बीज रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकते हैं, खासकर मधुमेह रोगियों में। उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

इससे हाइपोटेंशन की स्थिति पैदा हो सकती है, जिससे रक्तचाप कम हो सकता है। आपको थकान, बेहोशी और कमज़ोरी जैसे लक्षण हो सकते हैं।

- इससे जठरांत्र संबंधी असुविधाएं जैसे गैस, सूजन, पेट दर्द और दस्त हो सकते हैं।

- इससे रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है, विशेषकर शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान।

- इससे त्वचा पर एलर्जी, जैसे खुजली, लालिमा या चकत्ते हो सकते हैं।

- कलौंजी में रक्त को पतला करने वाले गुण होते हैं जो नाक से खून बहने के खतरे को बढ़ा सकते हैं।


कलौंजी की खेती भारत के कहां की जाती है? (Farming of Kolanji in india)

कलौंजी की खेती भारत के कई राज्यों में की जाती है, जिसमें पश्चिम बंगाल, पंजाब, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार, असम, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु जैसे राज्य आते हैं।


क्या घर पर गमले में कलौंजी का पौधा लगाया जा सकता है? (Can nigella plant be planted in a pot at home?)

घर पर कलौंजी का पौधा उगाने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।

कलौंजी के पौधे को अधिक नमी और कम रोशनी में नहीं रखना चाहिए। कलौंजी को धूप वाली जगह पर रखना चाहिए। साथ ही स्वस्थ पौधे के लिए उचित खाद और मिट्टी के सम्मिश्रण को गमले में डालने के बाद इसे बीज या पौधे की रोपाई की जानी चाहिए।

कलौंजी की खेती के लिए कार्बनिक पदार्थों वाली बलुई दोमट मिट्टी की ज़रूरत होती है।

मिट्टी का पीएच मान 6-7 के बीच होना चाहिए। कलौंजी के पौधों को अच्छे से बढ़ने के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु की ज़रूरत होती है। कलौंजी के पौधों को ज़्यादा बारिश की ज़रूरत नहीं होती। इसलिए, इसे रबी की फ़सल के साथ लगाया जाता है। कलौंजी की बुआई अक्टूबर-नवंबर महीने में की जाती है। कलौंजी की खेती में 10 से 12 किलो बीज प्रति हेक्टेयर लगते हैं। कलौंजी की फ़सल अप्रैल में तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर में कलौंजी का उत्पादन करीब 400-500 किलो होता है।


सौंदर्य वृद्धि में कलौंजी का इस्तेमाल (Use of nigella in beauty enhancement )

कलौंजी बालों पर कलौंजी को कई अलग-अलग तरह से लगाया जा सकता है। यह ना सिर्फ बाल बढ़ाने में मददगार होता है बल्कि बालों को काला करने में भी अपना असर दिखाता है।

कलौंजी के बीज और इन बीजों से निकला हुआ तेल बालों को स्वस्थ और चमकीला बनाने में काफ़ी ज्यादा सहायक होते हैं।

कलौंजी के बीजों में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो बालों को नुकसान से बचाते हैं।

कलौंजी में मौजूद फैटी एसिड्स बालों की ग्रोथ को बढ़ाते हैं।

कलौंजी के बीजों में एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण होते हैं, जो स्कैल्प को हेल्दी बनाते हैं।

इसके अलावा कलौंजी के तेल में मौजूद एंटीफ़ंगल और एंटीमाइक्रोबियल गुण बालों से जुड़ी समस्याओं को दूर करते हैं।

कलौंजी के तेल में लिनोलेइक एसिड होता है, जिससे बालों की ग्रोथ बढ़ती है। कलौंजी के तेल से बालों की फ़्रिज़ीनेस की समस्या दूर होती है।

कलौंजी के तेल से रूखे बाल चमकने लगते हैं।

कलौंजी बालों को हाइड्रेट रखती है।

कलौंजी के तेल से स्कैल्प की समस्याएं जैसे डैंड्रफ़ और खुजली नहीं होती।

कलौंजी के तेल का इस्तेमाल इस तरह किया जा सकता हैः

कलौंजी के तेल को हल्का गर्म करें। फिर इस गुनगुने तेल से बालों की हल्के हल्के हाथों से अच्छी तरह से मसाज करें।


ग्लोइंग स्किन पाने में मददगार

कलौंजी का पानी बॉडी डिटॉक्सीफायर है तो इस वजह से जब शरीर साफ हो जाता है तो चेहरे पर चमक आ ही जाती है। पर इससे भी बढ़कर लिनोलेनिक और ओलिक जैसे फैटी एसिड स्किन में एजिंग के लक्षणों को कम करके एक खूबसूरत ग्लोइंग स्किन पाने में मदद करते हैं।

कलौंजी के बीजों और उसके तेल में कई तरह के पोषक तत्व और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा के लिए फ़ायदेमंद होते हैं। कलौंजी में मौजूद फैटी एसिड और इशेंसियल ऑयल त्वचा को सॉफ़्ट और यंग रखते हैं।

कलौंजी के बीजों में एंटी-इंफ़्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंहासों और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करते हैं।

कलौंजी के बीजों में मौजूद केमिकल और कंपाउंड्स त्वचा के लिए फ़ायदेमंद होते हैं।

कलौंजी के बीजों में एंटी-एजिंग प्रभाव डालने वाले तत्व भी होते हैं।

( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)



\
Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story