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एक ऐसा गांव जहां पर रहते हैं 70 'करोड़पति' कुत्ते
नई दिल्ली: सुनने में थोड़ा अटपटा लगेगा पर है सौ फीसदी सच। भारत में एक ऐसा गांव है जहां पर 70 करोडपति कुत्ते रहते है। उस गांव का नाम ‘पंचोत’ है। ये गांव गुजरात के मेहसाणा जिले के अंतर्गत आता है। यहां पर इन कुत्तों की देखरेख की जिम्मेदारी एक ट्रस्ट के जिम्मे है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ गांव में कुत्तों के कल्याण के लिए एक 'मध नी पती कुतरिया' नाम से एक ट्रस्ट बनाया गया है। इस ट्रस्ट के पास 21 बीघा जमीन है। मेहसाणा बाईपास के बनने की वजह से यहां जमीन काफी महंगी हो गई हैं। जमीन का रेट 3.5 करोड़ रुपये प्रति बीघा पहुंच गया है।
इस तरह ट्रस्ट की 21 बीघा जमीन की कीमत 70 करोड़ रुपये से अधिक है। इस जमीन से होने वाले पूरी इनकम कुत्तों के लिए ही है। इस तरह संस्था की देखरेख में रहने वाला प्रत्येक कुत्ता करीब एक करोड़ रुपये का मालिक है।
कुत्तों के कल्याण के लिए जमीन दान देने की यह परंपरा 'कुतारियु' कहलाती है। ट्रस्ट के अध्यक्ष छगनभाई पटेल के मुताबिक़ गांव में जीवदया का लंबा इतिहास है। इसकी शुरुआत अमीर परिवारों की तरफ से जमीन के दान से हुई। जिनकी देखरेख वे नहीं कर पाते थे।
पटेल ने कहा कि पहले जमीन इतनी कीमती नहीं थी लेकिन हाल में बाईपास के निर्माण शुरू होने के बाद यहां जमीन के रेट काफी बढ़ गये है। कुत्तों के लिए दान में मिली इस जमीन की करीब 80 साल पहले कुछ पटेल किसानों ने देखभाल शुरू की थी।
हर साल बुवाई के सीजन से पहले जमीन की बोली लगाकर नीलामी की जाती है और जो सबसे ज्यादा रकम देने को तैयार होता है, उसे एक साल तक इस जमीन पर खेती करने का अधिकार मिल जाता है। इससे होने वाली कमाई से कुत्तों की देखभाल की जाती है।
ट्रस्ट ने कुत्तों के खाने-पीने की व्यवस्था के लिए एक 'रोतला घर' बनाया है, जहां दो माफियाओं की तरफ से कुत्तों के खाने के लिए रोतला तैयार किए जाते हैं। हर दिन इसके लिए 20 से 30 किलो आटे की खपत होती है।