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Ajab Gajab: 2 साल तक टेंट में रहा ये 12 साल का बच्चा, राहत-मदद कार्यों के लिए जुटाए 7 करोड़, सभी कर रहे जमकर तारीफ

Ajab Gajab: आज हम आपको एक ऐसे लड़के के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने असहायों की मदद के लिए अपना आरामदायक बिस्तर छोड़ दिया और 2 साल साल तक तंबू में अपनी रातें बिताई।

Rajat Verma
Report Rajat VermaPublished By Vidushi Mishra
Published on: 28 March 2022 12:28 PM IST
Ajab Gajab: 2 साल तक टेंट में रहा ये 12 साल का बच्चा, राहत-मदद कार्यों के लिए जुटाए 7 करोड़, सभी कर रहे जमकर तारीफ
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Ajab Gajab: आमतौर पर लोगों को और खासकर युवा वर्ग को अपनी नींद से बेहद ही प्यार होता है और वह किसी भी कीमत पर अपनी नींद से समझौता करने को तैयार नहीं होते हैं। लेकिन क्या किसी पुण्य काम के लिए तथा लोगों की मदद के लिए अपने आराम को त्याग सेक्टए हैं?

यकीनन यह हमारे लिए सोचने का विषय है लेकिन आज हम आपको एक ऐसे लड़के के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने असहायों की मदद के लिए अपना आरामदायक बिस्तर छोड़ दिया और 2 साल साल तक तंबू में अपनी रातें बिताई। इस लड़के का नाम मैक्स वूसी है और यह ब्रिटेन का रहने वाला है।

12 वर्षीय युवा मैक्स वूसी दो साल तक हर रात एक तंबू में सोकर बिताई और आखिरकार इसी सप्ताह के अंत में मैक्स ने अपना चैरिटी कैंप-आउट समाप्त कर दिया। मैक्स वूसी ने इस चैरिटी कैम्प के माध्यम से केरीब ₹7 करोड़ जमा कर लिए हैं। मैक्स इन रुपयों को अस्पताल व केयर होम में देगा, जिससे ज़रूरतमंद लोगों का बेहतर इलाज हो सके और वह स्वास्थ्य रहें तथा साथ ही चैरिटी अस्पतालों में काम रहे कर्मचारी, जैसे नर्स आदि के वेतन का भी सही समय से भुगतान किया जा सके।

मार्च 2020 में मैक्स ने शुरू की थी कैंपिंग

(फोटो-सोशल मीडिया)

12 वर्षीय मैक्स वूसी ने 10 वर्ष की आयु में केयर होम को आर्थिक मदद पहुंचाने और ज़रूरतमंदों की मदद के उद्देश्य से मार्च 2020 में कैम्प में अपना डेरा डाल लिया और तबसे लेकर बीते सप्ताह तक मैक्स वूसी टेंट में ही अपनी रात गुजरता था।

मैक्स ने अपना कैंपिंग चैरिटी अभियान समाप्त करते हुए कहा कि-"वह इतने लंबे समय से टेंट में सो रहा है कि उसे आम बिस्तार कैसे सोना है और उसपर कैसे नींद आती है, उसे इस बारे में कुछ भी याद नहीं।"

मैक्स वूसी ने अबतक अपने अभियान के तहत लंदन चिड़ियाघर, 10 डाउनिंग स्ट्रीट और ट्विकेनहैम रग्बी स्टेडियम जैसी कुल 14 अलग-अलग जगहों पर डेरा डालकर अपनी रात गुजार चुके हैं।



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Vidushi Mishra

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