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क्या कभी आपने सोचा है फोन पर क्यों बोलते हैं 'हैलो'?
सन 1877 में टॉमस एडीसन ने पिट्सबर्ग की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट एंड प्रिंटिंग टेलीग्राफ कम्पनी के अध्यक्ष टीबीए स्मिथ को लिखा कि टेलीफोन पर स्वागत शब्द के रूप में हैलो का इस्तेमाल करना चाहिए। उनकी सलाह को अंततः सभी ने मान लिया। उन दिनों टेलीफोन एक्सचेंज में काम करने वाली ऑपरेटरों को 'हैलो गर्ल्स' कहा जाता था। इस तरह हम हैलो हाय करने लगे
ज्यादा फोन मोबाइल यूजर्स रिसीव करते ही 'हैलो' बोलते है। क्या कभी सोचा है कि फोन उठाते ही सबसे पहले आप -हम हैलो क्यों बोलते हैं? या फिर हैलो के अलावा और कुछ क्यों नहीं कहते। अब ये मत कहना कि जब से फोन आया है तब से लोग हैलो ही कहते हैं। अगर नहीं जानते तो जानिए क्यों फोन पर बात करते समय सबसे पहला शब्द हैलो कहा जाता है।
हाला, होला से हैलो तक
ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार हैलो शब्द पुराने जर्मन शब्द हाला, होला से बना है, जिसका इस्तेमाल नाविक करते थे। ये शब्द पुराने फ्रांसीसी या जर्मन शब्द 'होला' से निकला है। इसका मतलब होता है 'कैसे हो' यानी, हाल कैसा है जनाब का? अंग्रेज़ कवि चॉसर के ज़माने में यानी 1300 के बाद ये शब्द हालो (hallow)बन चुका था। इसके दो सौ साल बाद यानी शेक्सपियर के ज़माने में हालू (Halloo) बन गया। फिर ये शिकारियों और मल्लाहों के इस्तेमाल से कुछ और बदला और हालवा, हालूवा,होलो (hallloa, hallooa, hollo) बना।
आर यू देयर की जगह टॉमस एडीसन ने कहा हलो
बहरहाल जब टेलीफोन का आविष्कार हुआ तो शुरूआत में लोग फोन पर पूछा करते थे 'आर यू देयर?' तब उन्हें यह विश्वास नहीं था कि उनकी आवाज़ दूसरी ओर पहुंच रही है, लेकिन अमेरिकी आविष्कारक टॉमस एडीसन को इतना लंबा वाक्य पसंद नहीं था। उन्होंने जब पहली बार फ़ोन किया तो उन्हें य़कीन था कि दूसरी ओर उनकी आवाज़ पहुंच रही है। उन्होंने कहा, हलो।
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ग्राहम बैल ने कहा था हैलो
10 मार्च 1876 को अलेक्जेंडर ग्राहम बैल के टेलीफोन आविष्कार को पेटेंट मिला।टेलीफोन का अविष्कार अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने किया था। 10 मार्च 1876 को उनके टेलीफोन आविष्कार का पेटेंट मिला था। अविष्कार करने के बाद बेल ने सबसे पहले अपने साथी वाट्सन के लिए संदेश संप्रेषित किया कि श्रीमान वाट्सन यहां आओ मुझे तुम्हारी जरुरत है। बता दें कि ग्राहम बेल फोन पर हैलो नहीं Ahoy बोलते थे। वे शुरू में टेलीफोन पर बात शुरू करने के लिए नाविकों के शब्द 'हाय' का इस्तेमाल करते थे। उनकी गर्लफ्रेंड का नाम था हैल्लो। जिसका पूरा नाम मारग्रेट हैलो था। वे जब कभी उनसे फ़ोन करते तो प्यार से उने हैल्लो बोलते थे। और मिलते तो “हैल्लो” कहकर पुकारते थे। बस वही से इस शब्द की शुरुआत हुई। जिसे आज हम सभी बोलते है।
सन 1877 में टॉमस एडीसन ने पिट्सबर्ग की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट एंड प्रिंटिंग टेलीग्राफ कम्पनी के अध्यक्ष टीबीए स्मिथ को लिखा कि टेलीफोन पर स्वागत शब्द के रूप में हैलो का इस्तेमाल करना चाहिए। उनकी सलाह को अंततः सभी ने मान लिया। उन दिनों टेलीफोन एक्सचेंज में काम करने वाली ऑपरेटरों को 'हैलो गर्ल्स' कहा जाता था। इस तरह हम हैलो हाय करने लगे