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कौन है ये शख्स! इनसे जुड़ा बच्चन-अंबानी का नाम, जानिए इनकी खास बात
इंसान अगर आरो का पानी पिए, महलो में हर सुख सुविधा के साथ रहे तो की आश्चर्य की बात नहीं होती, लेकिन ये सारी सुविधाएं अगर जानवरों को मिले तो इसमें आश्चर्य जरूर होगा। पूना में भाग्यलक्ष्मी नाम से चल रही डेयरी में रहने वाली गायों को कुछ सी तरह की सुविधाएं दी जाती है।
जयपुर: इंसान अगर आरो का पानी पिए, महलो में हर सुख सुविधा के साथ रहे तो की आश्चर्य की बात नहीं होती, लेकिन ये सारी सुविधाएं अगर जानवरों को मिले तो इसमें आश्चर्य जरूर होगा। पूना में भाग्यलक्ष्मी नाम से चल रही डेयरी में रहने वाली गायों को कुछ सी तरह की सुविधाएं दी जाती है। तभी तो अंबानी फैमिली, अमिताभ बच्चन, सचिन तेंडुलकर जैसी सेलिब्रिटी तक इसके दूध पीते हैं। ये डेयरी फार्म 27 एकड़ में फैला है। इसमें 3500 गाय, 75 कर्मचारी, 12000 कस्टमर, 90 रुपए लीटर दूध है।
इस फार्म के ऑनर देवेंद्र शाह को देश सबसे बड़ा ग्वाला कहा जाता हैं। वे पहले कपड़े का धंधा करते थे, बाद में दूध के बिजनेस में आ गए। प्राइड ऑफ काउ प्रोडक्ट 175 कस्टमर्स के साथ शुरू किया था। इनके मुंबई और पूना में 12 हजार से ज्यादा कस्टमर है। इनमें कई सेलेब्स भी शामिल हैं। कई बॉलीवुड से लेकर हाई प्रोफाइल बिजनेसमैन भी शामिल है।
ऐसे की शुरूआत
पराग मिल्क फूड्स के मालिक देवेंद्र शाह के पिता टेक्सटाइल बिजनेस में थे। देवेंद्र का सपना एक वर्ल्ड क्लास डेरी शुरू करना था, जिससे वे अपने गांव मंचार के लोगों की मदद भी कर सकें, इसके लिए उन्होंने एक बिजनेस प्लान तैयार किया और पिता को साथ लेकर एक बैंक के पास लोन का प्रपोजल लेकर पहुंच गए। एक इंटरव्यू में शाह ने बताया, "ब्रांच मैनेजर ने मेरे प्लान की काफी तारीफ की। मैंने एक दिन में 20 हजार लीटर दूध प्रॉसेस करने का प्लान बनाया था। मैनेजर लोन देने के लिए तैयार हो गया था, लेकिन एक गारंटर की दरकार थी लेकिन उनके पिताजी गारंटर के तौर पर साइन कर देंगे, लेकिन उन्होंने वहीं इनकार कर दिया। मैनेजर ने गारंटर न होने की वजह से लोन देने से मना कर दिया। फिर दोबारा प्लान बनाया। इस बार मैंने प्रॉफिट मार्जिन 18 परसेंट तक बढ़ा दिया था। उस दूसरे प्लान के आधार पर मुझे बैंक ने बिना किसी गारंटर के लोन दे दिया था। कई सालों बाद मुझे समझ आया कि यदि पिताजी तब ही साइन कर देते तो मैं हमेशा के लिए उन पर निर्भर हो जाता।
इस तरह 1992 में पराग मिल्क फूड्स लिमिटेड की शुरुआत हुई। देवेंद्र शाह की कंपनी गांव के ग्वालों से दूध खरीदकर उसे प्रॉसेस करती थी और चीज, बटर, पनीर, घी जैसे उत्पाद बनाती थी। इसके अधिकतर प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट किए जाते हैं। पराग मिल्क फूड्स बेहतरीन बिजनेस कर रहा था, साल 2005 में उन्होंने भाग्यलक्ष्मी डेरी फार्म की शुरुआत की। यहां पर उन्होंने देसी गाय की जगह स्विट्जरलैंड की होलस्टीन गायों का दूध प्रॉसेस करने का प्लांट लगाया।
यहां गायों को मिलता है RO का पानी
गायों को पीने के लिए आरो का पानी दिया जाता है। मौसम को ध्यान में रखकर डॉक्टर चेकअप के बाद गायों को खाना दिया जाता है। दूध निकालने के समय रोटरी में जब तक गाय रहती है तब तक जर्मन तकनीक से उसकी मसाज की जाती है। देवेंद्र शाह की दूध डेयरी का नाम है भाग्यलक्ष्मी। यह दूध डेयरी पुणे में स्थित है। इस दूध डेयरी में करीब 2000 गाय हैं। यह गायों को पीने के लिए RO का पानी दिया जाता है। इस दूध डेयरी से हर रोज 25000 लीटर दूध निकलता है। दूध निकालने के लिए यहां मशीन का उपयोग किया जाता है। एक बार में 50 गायों का दूध निकाला जाता है। इस प्रक्रिया में मात्र 7 मिनट लगते हैं। देवेंद्र शाह बताते हैं कि इतने सबके बावजूद उनका दूध बहुत महंगा नहीं है। मात्र ₹90 प्रति लीटर।
गायों का नाम सेलेब्रिटी पर
भाग्यलक्ष्मी डेरी पर 2000 से ज्यादा होलस्टिन फ्रेशियान प्रजाति की गाये हैं। यह ब्रीड स्विट्जरलैंड से मंगवाई गई है। देसी गाय जहां पर प्रतिदिन 10-12 लीटर दूध देती है, वहीं ये गायें काउ कंफर्ट टेक्नलॉजी की वजह से 25-28 लीटर दूध प्रॉड्यूस करती हैं।यहां गायों को सेलेब्रिटी से कम नहीं मानते। उनके बॉलीवुड एक्ट्रेसेस के नाम पर रखे हैं। ऐश्वर्या और करीना नाम की गाय सबसे ज्यादा 50-54 लीटर तक दूध प्रॉड्यूस देती है।
2-3 बार सफाई का काम
गायों के लिए बिछाया गया रबर मैट दिन में 3 बार धोया जाता है। यहां 54 लीटर तक दूध देने वाली गाय है। पुराने कस्टमर की रेफरेंस के बिना नहीं बनता नया कस्टमर। हर साल 7-8 हजार पर्यटक डेयरी फार्म घूमने आते है। हर गाय एक रबर मैट पर आराम करती है, जिसके कारण वो हमेशा बैक्टीरिया फ्री रहती है। गाय की डाइट भी काफी अलग है। उनकी एज और वेट के आधार पर प्रोटीन, अल्फा-अल्फा और मौसमी सब्जियां दी जाती हैं, जिसे टोटल मील रेशो कहा जाता है। यहां गायों को रिलैक्स करवाने के लिए म्यूजिक भी बजाया जाता है। फार्म का टेम्प्रेचर 26 डिग्री से ज्यादा नहीं जाता। अगर किसी वजह से ऐसा होता है तो तुरंत स्प्रिंकलर्स गायों को ठंडक पहुंचाते हैं।
दूध निकालने में नहीं लगता हाथ
गाय का दूध निकालने से लेकर पैकिंग तक का पूरा काम ऑटोमैटिक होता है। फार्म में दाखिल होने से पहले पैरों पर पाउडर से डिसइंफेक्शन करना जरूरी है। दूध निकालने से पहले हर गाय का वजन और तापमान चेक किया जाता है। बीमार गाय को डॉक्टर के पास भेजा जाता है। दूध सीधा पाइपों के जरिए साइलोज में और फिर पॉश्चुराइज्ड होकर बोतल में बंद हो जाता है। एक बार में 50 गाय का दूध निकाला जाता है जिसमें सात मिनट लगते हैं।
दूध खरीदना आसान नहीं
भाग्यलक्ष्मी डेरी फार्म से दूध खरीदना आसान नहीं है। यहां सिर्फ स्पेशल कस्टमर्स को ही दूध सप्लाई किया जाता है। इसका कस्टमर बनने के लिए किसी एग्जिस्टिंग कस्टमर से रिकमंडेशन लेना पड़ता है। अंबानी, बच्चन से अक्षय कुमार और ऋतिक रोशन तक, ये सेलेब्स इस डेरी के कस्टमर्स में शामिल हैं। पराग मिल्क फूड्स का फार्म सिर्फ महाराष्ट्र के मंचर में भाग्यलक्ष्मी नाम से है। डेरी प्रॉडक्ट्स प्रॉडक्शन के दो सेंटर हैं- एक मंचर और दूसरा पालमनेर, आंध्रप्रदेश में।
भाग्यलक्ष्मी डेरी फार्म का दूध (Pride of cows )के ब्रांड नेम से बिकता है। मिल्किंग प्रोसेस के बाद दूध को इनस्टेंट पॉश्चराइज और होमोजिनाइज करके 4 डिग्री पर पैक किया जाता है। दूध निकालाने का प्रॉसेस पूरी तरह मशीनों से किया जाता है, इसी वजह से दूध मानव हाथ से अछूता रहता है। देवेंद्र शाह के मुताबिक इनकी कंपनी के दूध में मिनिमम बैक्टिरिया होते हैं, क्योंकि दूध बिल्कुल भी हवा के संपर्क में नहीं आता।
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