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Ajab Gajab News: इस देश में विदाई के समय दुल्हन को पीटकर रुलाया जाता है, जाने इसके पीछे कारण

China Traditions: चीन के दक्षिण पश्चिमी प्रांत सिचुआन में तूजिया जनजाति के लोग रहते हैं। यह लोग हजारों सालों से यहां रह रहे हैं। शादी होने पर दुल्हन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शादी के दौरान दुल्हन के रोने की परंपरा 17वीं शताब्दी में अपनी चरम सीमा पर थी।

Anjali Soni
Written By Anjali Soni
Published on: 9 Nov 2022 6:08 AM IST
China Traditions
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China Traditions(photo-social media)

China Traditions: शादी होने पर दुल्हन को विदा किया जाता है। यह समय हर लड़की के लिए बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि उन्हें अपना घर छोड़ कर दूसरे घर में जाना होता है। अक्सर विदाई के समय दुल्हन और उसके घर वाले रोते भी है। यह कोई रस्म नहीं होती बल्कि आंसू अपने आप आ जाते हैं। लेकिन आज के समय में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। क्योंकि लड़कियां आज कल विदाई के समय कम रोती है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसी तरह की परंपरा पड़ोसी देश चीन में भी है। लेकिन भारत में दुल्हन को रोना ना आए तो कोई फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन चीन में उल्टा है। वहां अगर दुल्हन को विदाई के समय रोना नहीं आता है तो उसे पीटा जाता है। ताकि वह रोने लग जाए, वहां इस परम्परा को बहुत माना जाता है।

आखिर दुल्हन को पीटा क्यों जाता है, उसे रुलाया क्यों जाता है, जाने इन सब सवालों के जवाब

चीन के दक्षिण पश्चिमी प्रांत सिचुआन में तूजिया जनजाति के लोग रहते हैं। यह लोग हजारों सालों से यहां रह रहे हैं। शादी होने पर दुल्हन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शादी के दौरान दुल्हन के रोने की परंपरा 17वीं शताब्दी में अपनी चरम सीमा पर थी। इस परम्परा की शुरवात एक राजकुमारी की शादी से हुई थी, जाओ स्टेट की राजकुमारी की शादी यैन राज्य में हुई थी। शादी के बाद जब राजकुमारी की विदाई हो रही थी तो उनकी मां फूटफूटकर रोई थीं और बेटी को जल्दी घर आने के लिए कहा था। दुल्हन को पीटकर रुलाने की वजह यह है क्योंकिु जब दुल्हन विदाई के दौरान नहीं रोती है, उसे ये जनजाति अशुभ मान लेते हैं।

दक्षिण पश्चिमी में एक ऐसी परम्परा भी है जिसे सुनकर आप हैरान हो जाओगे जुओ टांग नाम की एक परंपरा का पालन किया जाता है। जुओ टांग का मतलब हॉल में बैठना होता है। इस परम्परा में दुल्हन को शादी से पहले एक घंटे तक हॉल में बैठकर रोना पड़ता है। इसमें दुल्हन के साथ उनका परिवार भी शामिल रहता है। 10 दिन बाद लड़की की मां भी उसके साथ रोती है और फिर 10 दिन बाद दादी-नानी, बहन, बुआ-मौसियां जैसी अन्य परिवार की महिलाएं भी जुड़ती हैं। जब यह सब रोते हैं तो यहां गाना भी बजाया जाता है। उसके साथ में यह सब रोते हैं।



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