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यहां शादी के बाद दूल्हा होता है विदा, जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी
प्रथा मेघालय की खासी जनजाति में विद्यमान है। ये एक मातृसत्तात्मक समाज है। इस जनजाति में वंशीय परंपरा माता के नाम पर चलती है।
लखनऊ: आज तक सबने सुना है की लड़कियां शादी के बाद अपना घर छोड़ के लड़के के साथ उसके घर रहने जाती है। लेकिन भारत में एक जगह है जहां लड़के अपने घरवालों को छोड़ कर लड़की के घर रहने जाते हैं। ये प्रथा मेघालय की खासी जनजाति में विद्यमान है। ये एक मातृसत्तात्मक समाज है। इस जनजाति में वंशीय परंपरा माता के नाम पर चलती है।
इस समुदाय में माता-पिता की संपत्ति पर पहला अधिकार महिलाओं का होता है। खासी समुदाय में किसी भी प्रकार के दहेज की व्यवस्था नहीं है। महिलाएं अपनी मर्जी से शादी को तोड़ सकती हैं। सबसे खास बात परिवार की सबसे छोटी बेटी के उपर सबसे ज्यादा जिम्मेदारी होती है। वही घर की संपत्ति की मालिक होती है।
खासी लोगों की संख्या तकरीबन 9 लाख के करीब है। इनकी आबादी का कुछ हिस्सा असम, मणिपुर और पश्चिम बंगाल में रहता है। ये समुदाय झूम खेती करके अपनी आजीविका चलाता है। यहां संगीत के साथ इसका एक गहरा जुड़ाव है। ये विभिन्न तरह के वाद्य यंत्रों जैसे गिटार, बांसूरी, ड्रम आदी को गाते बजाते हैं।
ये लोग पहले म्यंमार में रहते थे। भारत के पूर्वी असम में आकर रहने लगे। इसके बाद धीरे-धीरे इनकी आबादी मेघालय में आकर बसने लगी। इस जनजाति की भाषा खासी है। सबसे खास बात ये यहां पर भी शादी के बाद दूल्हा, अपनी सासू मां के घर पर जाकर रहता है। अमूमन भारत में यह देखा जाता है कि लड़का होने पर ज्यादा खुशी मनाई जाती है।