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Real Life Kumbhakaran: असल जिंदगी का कुम्भकरण, साल के 365 दिन में से 300 दिन सोता है यह शख्स!

Real Life Kumbhakaran: चर्चा में है एक ऐसा शख्स जिसे कुम्भकरण का नया अवतार और कुम्भकरण पार्ट 2 जैसे नाम दिए जा रहे हैं। ये शख्स साल के 365 दिन में से 300 दिन सोते हुए बिताता है।

Meghna
Written By MeghnaPublished By Monika
Published on: 14 July 2021 1:20 AM GMT (Updated on: 14 July 2021 9:19 AM GMT)
kumbhakaran part 2
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365 दिन में से 300 दिन सोता है ये शख्स (फोटो : सोशल मीडिया )

Real Life Kumbhakaran: एक दिन में कितने घंटे सो (sleep) सकते हैं आप? ज़्यादा से ज़्यादा 9-12 घंटे? और एक बार में? ये कैसा सवाल है? एक बार में कोई कितना सोएगा! लेकिन चर्चा में है एक ऐसा शख्स जिसे कुम्भकरण ( kumbhakaran) का नया अवतार और कुम्भकरण पार्ट 2 जैसे नाम दिए जा रहे हैं। ये शख्स साल के 365 दिन में से 300 दिन सोते हुए बिताता है। क्यों, चौंक गए ना!

पश्चिमी राजस्थान (Western Rajasthan) के जोधपुर संभाग के नागौर जिले में एक शख्स साल में 300 दिन सोता है। ज़्यादातर लोग एक बार में रोज़ाना लगभग 6.5 से 8 घंटे सोते हैं लेकिन एक बार सोने के बाद ये शख्स लगातार 25 दिनों तक सोता ही रह जाता है।

भदवा गांव के रहने वाले 42 वर्षीय पुरखाराम को 'कुम्भकरण' कहा जाता है। पुरखाराम 'एचपीए एक्सिस हाइपरसोमनिया' नामक एक नींद विकार से पीड़ित है। 25 दिनों तक लगातार सोने के दौरान पुरखाराम के घर वाले ही उसकी सारी दिनचर्या वाले कामों को अंजाम देते हैं। नींद में ही उन्हें नहाने, खाने जैसे अपने रोज़मर्रा के कामों को करवाना पड़ता है।

साल में 300 दिन सोता है पुरखाराम (फोटो : सोशल मीडिया )

23 साल पहले बीमारी का पता लगा

पुरखाराम को पहली बार 23 साल पहले अपनी इस दुर्लभ सिंड्रोम का पता चला था और तब से वो इससे पीड़ित हैं और ये उनकी ज़िंदगी के साथ साथ उनके परिवारवालों की ज़िंदगी को भी काफी प्रभावित कर रहा है।

महीने में 5 दिन ही खुलती है दुकान

गांव वालों के बीच लोकप्रिय पुरखाराम अपने इलाके में एक दुकान चलाते हैं जो उनकी इस बिमारी की वजह से महीने में सिर्फ 5 दिन ही खुल पाती है। एक बार सो जाने के बाद उन्हें जागना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है। परिवार के सदस्यों ने कहा कि शुरुआत में पुरखाराम एक बार में 7 से 8 दिनों तक सोते थे, लेकिन जैसे-जैसे साल बीतते गए उनकी बीमारी के लक्षण बदतर होते गए और अंततः वो लगभग 20 से 25 दिनों तक सोने लगे।

शुरुआती दिनों में 15 घंटे ही सोता था पुरखाराम

पुरखाराम के परिवार ने उनकी बीमारी के शुरुआती दिनों में अत्यधिक नींद को लेकर चिकित्सा सहायता मांगी क्योंकि उन्हें पुरखाराम का इतनी देर तक सोना अजीब लगा। उस समय, वह दिन में केवल 15 घंटे ही सोते था। हालांकि, 2015 तक उनके लक्षण बढ़ गए और नींद की अवधि पहले कई घंटों तक बढ़ी और फिर अंत में घंटे दिनों में बदलने लगे।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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