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...तो इसलिए हवाई जहाज में विंडो के सामने नहीं होती हैं सीटें, वजह जानकार हो जाएंगे हैरान
लखनऊ: दुनियाभर में लगभग 102,465 कमर्शियल फ्लाइट्स रोजाना अपनी उड़ान भरती हैं। इस लिहाज से पूरे एक साल में करीब चार अरब पैसेंजर्स यात्रा करते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि पूरी दुनिया की आधी आबादी हर साल हवाई जहाज से अपना सफ़र तय करती है।
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इस दौरान अधिकतर यात्री ये बात जरुर सोचते हैं कि आखिर हवाईजहाजों को ऐसे क्यों डिजाइन किया जाता है कि उनकी सीटें खिड़की यानी विंडो के सामने नहीं होती।
आपके मन भी आता होगा सवाल
यह सवाल हर उस यात्री के जहन में जरुर आता है जो हवाई यात्रा कर रहा हो। वहीं, अक्सर लोग इस बात का जवाब यह सोच लेते हैं कि ऐसा यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया जाता है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है।
हवाईजहाजों को इस तरह से डिज़ाइन करने के पीछे का कारण कुछ और ही है। कई लोग तो यह भी सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि आखिर हवाईजहाज की हर विंडो में एक छोटा सा छेद क्यों होता है।
इसलिए बनाया जाता है छेद
दरअसल, हर विंडो में एक छोटा छेद इसलिए बनाया जाता है ताकि वो डीप्रेशर को रोक सके। ऐसे ही इसके पीछे भी एक ठोस कारण है कि आखिर हवाईजहाजों में विंडो के ठीक सामने सीटें क्यों नहीं होती। आइये आज हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों होता है।
जब भी कोई हवाईजहाज बनाया जाता है तो उसकी डिजाइन और इंजीनियरिंग को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। यह बात काफी हद सही है।
ये है मुख्य कारण
मगर जब किसी हवाईजहाज में सीटों की बात होती है तब ये थ्योरी काफी हद तक सही नहीं होती। हवाईजहाजों में सीटें विंडो के सामने इसलिए नहीं होती क्योंकि कोई भी हवाईजहाज एक एयरलाइन कंपनी को बिजनेस प्रदान करता है। एयरलाइन कंपनियों का बिजनेस होता है हवाईजहाज।
इसलिए अपने बिजनेस को और अट्रैक्टिव दिखाने के लिए ऐसा किया जाता है। साथ ही, एक हवाईजहाज में कितने ज्यादा यात्री आ सकें, इस बात का भी खास ख्याल रखा जाता है। यही कारण ही है कि कभी भी किसी हवाईजहाज में विंडो के सामने सीटें नहीं होती।