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Ajab Gajab: सूरज की तरफ देखते ही ज्यादातर लोगों को छींक क्यों आती है, इसके पीछे बड़ा वैज्ञानिक कारण
Sunlight Unknown Facts: छींक आमतौर पर नाक में जलन से शुरू होती है, चेहरे की सनसनी और मोटर नियंत्रण के लिए जिम्मेदार एक कपाल तंत्रिका द्वारा महसूस किया जाता है।
Sunlight Unknown Facts: क्या आपको भी सुरजा की तरफ देख कर छींक आती है। ज्यादातर लोगों का जवाब हां ही होगा, एक तेज रोशनी के संपर्क में आने के परिणामस्वरूप छींक आना जिसे फोटिक स्नीज रिफ्लेक्स के रूप में जाना जाता है। वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाने के लिए रिसर्च की जिसे जानने के लिए सभी उत्साहित होंगे। 18 से 35 से वर्षीय लोगों में यह चीज ज्यादा देखने को मिली है और ज्यादातर महिलाओं के साथ ऐसा होता है।
इसे समझने की शुरवात कैसे हुई, क्या यह खतरनाक है, इसके पीछे वैज्ञानिको ने क्या कारण निकाला
छींक आमतौर पर नाक में जलन से शुरू होती है, चेहरे की सनसनी और मोटर नियंत्रण के लिए जिम्मेदार एक कपाल तंत्रिका द्वारा महसूस किया जाता है। यह तंत्रिका ऑप्टिक तंत्रिका के करीब होती है, जो होश में आती है, उदाहरण के लिए, प्रकाश की अचानक बाढ़ रेटिना में प्रवेश करती है। चूंकि ऑप्टिक तंत्रिका मस्तिष्क को विद्यार्थियों को संकुचित करने के संकेत देने के लिए आग लगती है, यह छींक बिल्कुल खतरनाक नहीं होती है। इससे स्वास्थ्य पर कोई भी फर्क नहीं पड़ता है।
साइंटिस्ट को कहना है छींक आने के पीछे आंखो का अहम रोल है। इसके पीछे कई सारे कारण सामने आए, किसी का कहना यह है कि प्रकाश की तीव्रता का बदलना इस सिचुएशन में नाक के अंदर खुजली मेहसूस होती है। फिर जोर दार छींक आने लगती है। इसकी दूसरी वजह है तेज धुप में जाने पर आंखो पर प्रकाश पड़ता है। पुतली सिकुड़ती है और ब्रेन सिग्नल पहुंचाने वाली नर्व कंफ्यूज हो जाती है। जिसके कारण छींक आ जाती है।