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Ajab Gajab: थाइलैंड के हाथियों को क्यों दी जाती है स्पेशल दावत, सजाया जाता है पूरा टेबल, जाने इसकी मुख्य वजह
Thailand Amazing Fact: थाइलैंड में यह फेस्टिवल बनाने के पीछे का कारण वहां के रहने वाले लोगों ने बताया है। वहां पर हाथी देश की पहचान है। इन लोगों के लिए हाथी बहुत काम आते हैं। वह ट्रांसपोर्ट और कई तरह के श्रमिक कार्यो में हाथी का इस्तेमाल करते हैं।
Thailand Elephants Amazing Fact: कोरोना से पाबन्दी हटने पर 2 साल बाद थाइलैंड में को नेशनल एलीफैंट डे बनाया जाता है। जिसमें हाथियों को दावत के रूप में फल और सब्जियां परोसी जाती है। इसमें 60 हाथियों को 8 मीटर छोड़ी टेबल पर सब्जियां वह भी 2 टन रखी जाती है। यह त्यौहार थाइलैंड के हर हिस्से में बनाया जाता है। थाइलैंड में दो ऐसी जगह है जहां पर हाथियों को बहुत ही ज्यादा सम्मान और प्यार दिया जाता है। पहली है सुरिन जहां रविवार को 300 हाथियों को दावत दी जाती है। जो कि एक बहुत बड़ी बात है। वह दूसरी जगह है चोनबुरी जहां 60 हाथियों के लिए दावत का इंतजाम किया गया है।
आखिर यह त्यौहार बनाया क्यों जाता है...? जाने इसका कारण
थाइलैंड में यह फेस्टिवल बनाने के पीछे का कारण वहां के रहने वाले लोगों ने बताया है। वहां पर हाथी देश की पहचान है। इन लोगों के लिए हाथी बहुत काम आते हैं। वह ट्रांसपोर्ट और कई तरह के श्रमिक कार्यो में हाथी का इस्तेमाल करते हैं। यह इनकी विजय का प्रतीक रहा है। यह फेस्टिवल इनके सम्मान के लिए आयोजित किया जाता है। यह के गवर्नर ने बताया कि यह फेस्टिवल लोगों को हाथियों को संरक्षित करने के लिए जागरुक करने का काम करेगा। वहां ले लोगों ने कहा की हाथी उनके रोजगार का हिस्सा है। ये ना हो तो हमारा काम ही नहीं चल सकता है।
इस फेस्टिवल को देखने के लिए लोग देश से ही नहीं बल्कि विदेशी भी आते हैं। विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक सूरिन और चोनबुरी पहुंचते हैं। कोरोना काल के आ जाने पर इस त्यौहार की रौनक कम हो गई थी, क्योंकि इतनी ज्यादा भीड़ लोग इकट्ठा नहीं कर सकते हैं। हाथियों को भी इस त्यौहार में त्यार किया जाता है। उन्हें एक दम राजा की तरह समझा जाता है। अब कोरोना के बाद इस फेस्टिवल को पहले के तरह ही बनाया जाता है। वहीं रौनक, उसी उमंग के साथ हंसते हुए बनाया जाता है।