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Interesting Facts: अक्सर आसमन का रंग नीला ही क्यों नजर आता है...जानिए इसका साइंटिफिक कारण
Interesting Facts: ऐसा नहीं है कि आसमान हमेशा नीला ही दिखाई देता है। आसमान कभी लाल तो कभी गुलाबी रंग का भी लगता है।
Interesting Facts About Sky: आसमन नीला क्यों होता है। किसी और रंग का क्यों नहीं है। सूर्य की किरणे जब प्रिज्म से होकर गुजरती है। तो सूर्य की किरणे 7 किरणे में बट जाती है। बैगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी और लाल रंग दरअसल ये विज्ञान वाइट कलर की किरणों के लिए है। यानि सफेद रंग इन साथ किरणों से मिलकर बना हुआ है। और सूर्य की किरणें भी सफेद रंग की होती है। सूर्य की किरणे भी साथ रंगों से मिलकर बनी होती है। जब सूर्य की किरणे हमारे वायु मंडल में जाकर मिलती है तो सूर्य की किरणे वायु मंडल में मौजूद गैसों, भाप आदि से टकराकर वातवरण में फेल जाती है।
जानिए इसका मुख्य कारण
सूर्य की किरणों में 7 रंग होते हैं। यानि सूर्य की ये साथ किरणे ही भाप, गैस आदि से टकराकर वायु मंडल में फैलती है। जिन रंगो का वेवलेंथ ज्यादा होती है। वह कम फैलती है। जैसे लाल, पीला और नारंगी और जिनकी वेवलेंथ कम होती है। जैसे बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा और ये किरणे सबसे ज्यादा फैलती है। हमारी आंख की सेंस्टिविटी ही है जो हमें आसमान को नीला दिखता है। ऐसा नहीं है कि आसमान हमेशा नीला ही दिखाई देता है। आसमान कभी लाल तो कभी गुलाबी रंग का भी लगता है। ये मुमकिन तभी होता है जब सूर्योदय और सूर्यास्त होता है ऐसी समय आसमान लाल और नारंगी दीखता है।
आकाश का रंग सूर्य के प्रकाश के कारण ही नीला दीखता है। जो की एक बहुत सारे रंग का मिश्रण होता है। जब दिन के समय सूर्य आसमन में इंसानों के सिर के ऊपर होता है। तो व्यक्ति केवल आसमान को ही देख पाता है। लाल रंग का आसमान सबसे कम देखने को मिलता है। आसमान का रंग हल्का नीला ही ज्यादा नजर आता है।