×

Odisha Day: उत्कल दिवस पर जानिए उड़ीसा का रहस्य और इतिहास

Odisha Day 2023: उड़ीसा अर्थात् उत्कल प्रदेश मुख्यतः अपनी संस्कृति, धरोहर, जगन्नाथ और कोणार्क सूर्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। 1 अप्रैल, 1936 को बंगाल प्रेज़िडेन्सी से विभाजित होकर उड़ीसा को एक अलग राजू के रूप में विभाजित किया गया। उड़ीसा प्रथम राज्य है जो हिंदी भाषा के अनुसार विभाजित किया गया।

Vertika Sonakia
Published on: 1 April 2023 7:28 AM
Odisha Day: उत्कल दिवस पर जानिए उड़ीसा का रहस्य और इतिहास
X
Hero’s of Odisha State ( Photo: Social Media)

Odisa Diwas: आज़ादी से पूर्व ब्रिटिश शासन के अन्तर्गत उड़ीसा बंगाल प्रेसिडेंसी का एक हिस्सा था। 1 अप्रैल, 1936 को बिहार तथा बंगाल संयुक्त प्रात से अलग होकर उड़ीसा एक अलग प्रांत बना दिया गया । इस दिन बंगाल प्रेसिडेंसी के कुछ हिस्सों को अलग राज्यों में बाट दिया गया। उड़ीसा राज्य की एक अलग ब्रिटिश भारत प्रांत के रूप में स्थापना की गई थी। उड़ीसा कलिंग साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। अशोक द्वारा इसे 250 ईसा पूर्व में जीत लिया गया था। तब से लगभग एक सदी तक यहाँ मौर्यवंश का शाशान रहा। उड़ीसा को अलग राज्य बनाने के आंदोलन के पीछे मधुसूदन दास, उत्कलमणि, गोपबंधु दास, फकीर मोहन सेनापति, पंडित नीलकंठ दास आदि ने मुख्य भूमिका निभाई। यह भारत का पहला ऐसा राज्य है जो भारत की भाषा के आधार पर गठित हुआ इसलिए प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल उत्कल दिवस या उड़ीसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उत्कल दिवस उड़ीसा राज्य की स्थापना का प्रतीक है।

उत्कल दिवस की थीम

उत्कल दिवस अर्थात उड़ीसा दिवस 2023 “उड़ीसा संस्कृति और विरासत का जश्न” थीम का चयन किया गया । इस दिवस के लिए प्रत्येक वर्ष एक नयी थीम का चयन किया जाता है ।

उड़ीसा राज्य से जुड़ी कुछ जानकारियां

  • आदिवासी जनसंख्या आबादी के मामले में उड़ीसा तीसरे स्थान पर है।
  • जनसंख्या की दृष्टि से उड़ीसा भारत का 11 वाँ राज्य और क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का 8 वाँ सबसे बड़ा राज्य है।
  • उड़ीसा भारत का पहला ऐसा राज्य है जो भारत की भाषा के आधार पर गठित किया गया था।
  • वर्ष 2011 में संविधान के हुए 113 वें संशोधन में उड़ीसा राज्य का नाम बदलकर ओडिशा कर दिया गया।
  • उड़ीसा की सम्भल और इक्कत की साड़ियाँ देश विदेश में प्रसिद्ध है।
  • उडीसा राज्य में तालसरी नदी के पास सबसे अधिक रेड क्राफ्ट पाए जाते हैं जो एक दुर्लभ प्रजाति के होते हैं।
  • उड़ीसा के मयूरभंज जगह चाइल्ड लेबर से पूरी तरह मुक्त है।
  • उड़ीसा में हनुमान जी की सबसे बड़ी मूर्ति पापोंश में स्थित है और ये स्थान हनुमान वाटिका के नाम से प्रसिद्ध है।

ओडिशा राज्य की संस्कृति

ओडिशा मुख्य रूप से जनजातियों की धरती है और हर जनजाति का अपना विशेष गीत और नृत्य होता है। अति सुन्दर मंदिरों और असाधारण स्मारकों के साथ भरा और हजारों विपुल कलाकारो एवं कारीगरों के घर, समुद्र तट,वन्यजीव, अक्सर आकर्षक सौंदर्य का प्राकृतिक परिदृश्य रखने वाले ओडिशा पर्यटन एक अनोखी और आकर्षक भूमि है। उड़ीसा में पर्यटन भारत की मूर्तिकला और कलात्मक विकास का एक संग्रहालय, प्रसिद्ध जगन्नाथ और कोणार्क सूर्य मंदिर का राज्य है।

ओडिशा के मुख्य त्यौहार

ओडिशा के कुछ प्रमुख त्योहारों में कलिंग महोत्सव, चंदन यात्रा- 21 दिन का त्यौहार, कोणार्क नृत्य महोत्सव, दुर्गा पूजा है। इसके अलावा ओडिशा में रेत,कला, फैशन और रॉक शो मनोरम भोजन और खेलों की गतिविधियों का आनंद भी ले सकते हैं।

ओडिशा का नृत्य

ओडिशा के नृत्य को दुनियाभर में सराहा जाता है और यहा के लोक नृत्य और गायन को सीखने और देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं । ओडिशी नृत्य सबसे पुराना माना जाता है जो अर्चोलोंजी से प्रमाणित हुआ है।

उड़ीसा राज्य के हीरो

  • मीरा नायर: मीरा नायर का जन्म 15 अक्टूबर,1957 को राउरकेला,उड़ीसा में हुआ था। 2001 में गोल्डन लायन पुरस्कार पाने वाली प्रथम महिला बनी । इनकी प्रोडक्शन कंपनी मिराबाई भारतीय समाज पर अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिये आर्थिक,सामाजिक व सांस्कृतिक क्षेत्रों की फिल्मों में माहिर है।
  • सोना मोहापात्र: सोना मोहापात्र का जन्म 17 जून, 1978 को कटक, उड़ीसा में हुआ। सोना एक संगीतकार, गीतकार और गायक के रूप में दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
  • नील माधव पंडा: नील माधव पंडा का जन्म 18 अक्टूबर,1973 में सोनपुर, उड़ीसा में हुआ। नील एक सफल निर्माता निर्देशक हैं। इनकी फ़िल्म आई एम कलाम ने देश विदेश में तमाम अवॉर्ड और सराहनाए जीती। इनको वर्ष 2002 में संयुक्त राष्ट्र दृश्य मीडिया फैलोशिप से नवाजा गया था।
  • पिटोभाश त्रिपाठी: पिटोंभाश का जन्म वर्ष 1984 में नयागढ़ उड़ीसा में हुआ था। आई एम कलाम बेगम जान शोरइनदसिटी जैसी सफल फिल्मों में भूमिका निभाने के लिए पिटोभाश प्रसिद्ध है। राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली उड़िया फ़िल्म कलिरा अतित्ता में भी इनकी मुख्य भूमिका थी।
  • प्रज्ञान ओझा: प्रज्ञान ओझा का जन्म 5 सितंबर,1986 में भुवनेश्वर उड़ीसा में हुआ। यह एक भारतीय क्रिकेट टीम के सफल क्रिकेटर है। हैदराबाद बंगाल और बिहार की तरफ से रणजी ट्राफी में खेल कर प्रज्ञान ने खूब नाम कमाया। यह एक ऐसे सफल क्रिकेटर हैं जिन्होंने रन बनाने से ज्यादा विकेट लेने में सफलता प्राप्त करी है।

Vertika Sonakia

Vertika Sonakia

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!