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चुनाव लड़ने जा रहे प्रत्याशी ध्यान दें: झूठी या गलत जानकारी दी तो जाना पड़ेगा जेल, सरकार ने बनाया कानून

Odisha News Today In Hindi: चुनाव लड़ने जा रहे उम्मीदवार की ओर से अपने नामांकन पत्र या हलफनामे में अगर कोई झूठी या गलत जानकारी दी जाती है तो उसे जेल जाना पड़ सकता है। साथ ही जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Shreya
Published on: 26 Dec 2021 2:30 AM GMT
चुनाव लड़ने जा रहे प्रत्याशी ध्यान दें: झूठी या गलत जानकारी दी तो जाना पड़ेगा जेल, सरकार ने बनाया कानून
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(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Odisha News Today In Hindi: चुनाव लड़ने जा रहे उम्मीदवार (Election Candidate) सावधान हो जाएं। गलत बयानी की तो फंस जाएंगे। उड़ीसा सरकार (Odisha Government) ने कानून बना दिया है कि यदि कोई उम्मीदवार, जो स्वयं या अपने प्रस्तावक के माध्यम से, चुनाव में चुने जाने के इरादे से, झूठी जानकारी देता है, जिसे वह जानता है या उसके पास गलत होने का कारण है या कोई जानकारी छुपाता है, अपने नामांकन पत्र (Nomination Letter) या हलफनामे (Affidavit) में जो कि दिया जाना आवश्यक है, तो ऐसे में वह जेल जाएगा, जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, इसके साथ ही उसे जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है।

ओडिशा सरकार (Odisha Government) ने 'ओडिशा ग्राम पंचायत अधिनियम, 1964', 'ओडिशा पंचायत समिति अधिनियम, 1959' और 'ओडिशा जिला परिषद अधिनियम 1991' में संशोधन करने के लिए एक अध्यादेश 'ओडिशा पंचायत कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2021' जारी किया है। इस संबंध में कानून विभाग द्वारा 'द ओडिशा गजट' (The Odisha Gazette) में शुक्रवार, 24 दिसंबर, 2021 को एक अधिसूचना प्रकाशित की गई है।

क्या है यह अध्यादेश?

अध्यादेश के अनुसार, सरपंच, समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्यों के पदों के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करते समय अपने आपराधिक इतिहास, संपत्ति और देनदारियों और शैक्षणिक योग्यता से संबंधित विवरण वाला एक हलफनामा अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा।

इसके अलावा, अध्यादेश के अनुसार, यदि कोई उम्मीदवार, जो स्वयं या अपने प्रस्तावक के माध्यम से, चुनाव में चुने जाने के इरादे से, झूठी जानकारी देता है, जिसे वह जानता है या उसके पास गलत होने का कारण है या कोई जानकारी छुपाता है उसका नामांकन पत्र या उसके हलफनामे में जो दिया जाना आवश्यक है, कारावास से, जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माने से, या दोनों से दंडनीय होगा।

ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों को शक्ति

गौरतलब है कि उड़ीसा राज्य, अक्सर चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने से प्रभावित होता है, उस ने अध्यादेश के माध्यम से आपदा प्रबंधन के लिए ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों (ब्लॉकों) को शक्ति प्रदान की है।

अब, ग्राम पंचायतें और पंचायत समितियां, ग्राम, पंचायत और पंचायत समिति स्तर पर अपनी आपदा प्रबंधन योजना (Disaster Management Plan) तैयार कर सकती हैं, राज्य योजना और जिला योजना के अनुसार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण गतिविधियों को अंजाम दे सकती हैं और सुविधा प्रदान कर सकती हैं।

इसके लिए राज्य व जिला स्तर पर दोनों संस्थान आपदा प्रबंधन के लिए आवश्यक अन्य उपाय भी कर सकते हैं। हालांकि, इस प्रावधान को जिला परिषद अधिनियम में शामिल नहीं किया गया है। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए यह नियम अनिवार्य था। अब इसे जमीनी स्तर पर-पंचायती राज संस्थाओं में पदों के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।

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