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Odisha OBC Reservation: सीएम नवीन पटनायक का पंचायत चुनाव से पहले आरक्षण कार्ड, पार्टी टिकट में OBC को दिया 27 % आरक्षण
Odisha OBC Reservation: ओडिशा सरकार द्वारा obc समाज को इलेक्शन में टिकट देने के लिए दिया गया 27 % का आरक्षण, जिसके बाद से ही ओडिशा में राजनैतिक हलचल मची हुई है.
Odisha OBC Reservation: ओडिशा सरकार ने पंचायत चुनाव से पहले खेला आरक्षण का खेल। बताते चलें साल 2017 में ओडिशा में पंचायत चुनाव हुए थे। वहीं अब बीजू जनता दल (BJD) ने 2022 में होने वाले पंचायत चुनाव से ठीक पहले ओबीसी आरक्षण कार्ड खेला है। भले ही केंद्र में दो बार बीजेपी अपनी सरकार बना चुकी है। वहीं कई राज्यों में भी बीजेपी मोदी लहर की वजह से बढ़त बनाए हुए हैं। लेकिन ओडिशा की अगर बात की जाए तो वहां नवीन पटनायक का जादू पिछले 21 सालों से चल रहा है। नवीन पटनायक की सरकार ने प्रदेश के पंचायत चुनाव में 27% सीटों पर सामाजिक आर्थिक पिछड़ी जाति/पिछड़ा वर्ग (SEBC/OBC) के उम्मीदवारों को उतारने की घोषणा की है जिसके बाद सियासत गरमाने लगी है दरअसल विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस ने सरकार की घोषणा को केवल एक चुनावी आरक्षण बताया है।
आरक्षण का bjp-congress ने किया विरोध
ओडिशा सरकार ने सामाजिक आर्थिक पिछड़ी जाति/पिछड़ा वर्ग (SEBC/OBC) के लोगों को चुनावी रणनीति का हिस्सा बनाते हुए सीटों पर 27% का आरक्षण देने की बात की है। गौरतलब है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए पार्टी को मजबूत करने में पंचायत चुनाव अहम किरदार निभाता है। ऐसे में पंचायत चुनाव से ठीक पहले आरक्षण की घोषणा करने से विपक्षी दल असमंजस की स्थिति में आ गए हैं। बताते चलें ओडिशा राज्य में ओबीसी की कुल आबादी 54% है। यही कारण है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही इस आरक्षण का विरोध किया है। कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद शरत पटनायक ने कहा कि सरकार केवल वोट बैंक की राजनीति करती है। चुनाव से ठीक पहले किसी योजना या आरक्षण कार्ड को खेल कर लोगों को गुमराह किया जाता है। अगर सरकार सच में पिछड़ा वर्ग समुदाय के लोगों का विकास करना चाहती है तो उन्हें रोजगार और शिक्षा में आरक्षण दें ना कि चुनाव में।
BJD का पलटवार
ओडिशा के कृषि और शिक्षा मंत्री अरुण साहू ने विपक्षी दलों भाजपा और कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो लोग रोज़गार और शिक्षा में 27% आरक्षण की बात कर रहे हैं। उन लोगों को वंचित रहने वाले पिछड़े वर्ग को विकसित करने में सहयोग और उनका समर्थन करना चाहिए। ओबीसी समाज को 27% आरक्षण मिलने के बाद अब मुस्लिम समुदाय के लोग भी राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें भी आरक्षण दिया जाए।