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Tomato Flu In Odisha: ओडिशा में टोमेटो फ्लू के मिले 26 मामले, जानिये इस वायरस के बारे में, कितना है खतरे

Tomato Flu In Odisha: ओडिशा राज्य अब टोमैटो फ्लू की चपेट में आ गया है। यहाँ 26 बच्चे इस फ्लू से संक्रमित पाए गए हैं। इन बच्चों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का पता चला है।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 25 May 2022 9:03 AM GMT
Tomato Flu in Kerala
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Tomato Flu in Kerala।

Tomato Flu in Odisha: ओडिशा राज्य अब टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) की चपेट में आ गया है। यहाँ 26 बच्चे इस फ्लू से संक्रमित पाए गए हैं। इन बच्चों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का पता चला है। हालांकि इन बच्चों की हालत स्थिर बताई जा रही है। टमाटर फ्लू एक संक्रामक वायरल रोग है जो आंतों के वायरस के कारण होता है और ज्यादातर बच्चों में होता है।

जानकारी के अनुसार भुवनेश्वर के क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (Regional Medical Research Center of Bhubaneswar) में एकत्र किए गए और परीक्षण किए गए 36 नमूनों में से 26 एचएफएमडी पॉजिटिव पाए गए। एचएफएमडी से संक्रमित पाए गए 26 बच्चों में से 19 भुवनेश्वर के, पांच पुरी के और दो बच्चे कटक के हैं।

संक्रमित बच्चे 1-9 साल के आयु वर्ग के हैं और उन्हें पांच-सात दिनों के लिए अलग-थलग रहने के लिए कहा गया है। बता दें कि वयस्कों में यह बीमारी दुर्लभ है क्योंकि उनके पास आमतौर पर वायरस से बचाव के लिए पर्याप्त प्रतिरक्षा प्रणाली होती है। इस महीने की शुरुआत में, केरल के कोल्लम जिले से टमाटर फ्लू के 80 से अधिक मामले सामने आए थे।

Tomato Flu क्या है?

यह वायरल संक्रमण पांच साल से कम उम्र के बच्चों में आम है। एक संक्रमित व्यक्ति बुखार का अनुभव करता है, आमतौर पर चकत्ते, त्वचा में जलन और निर्जलीकरण के साथ। टमाटर फ्लू से संक्रमित शरीर के कई हिस्सों पर छाले पड़ जाते हैं, जो आमतौर पर लाल रंग के होते हैं।

इसके गोल आकार और लाल रंग के कारण इस संक्रमण का नाम टोमैटो फ्लू या टोमैटो फीवर पड़ा है। यह फ्लू एक आत्म-सीमित है और इसके लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है। इसका मतलब है कि यह अपने आप ठीक हो जाते हैं। फ्लू के अन्य मामलों की तरह, टमाटर बुखार भी संक्रामक है। इस फ्लू से संक्रमित लोगों को अलग-थलग रखने की जरूरत है क्योंकि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल सकता है।

Tomato Flu के लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार, ज्यादातर मामलों में संभावित लक्षणों में बुखार, मुंह में दर्दनाक घाव और हाथों, पैरों और नितंबों पर छाले के साथ दाने शामिल हैं। कई रिपोर्टों के अनुसार, फ्लू से थकान, जोड़ों में दर्द, पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी, दस्त, खांसी, छींक, नाक बहना, तेज बुखार और शरीर में दर्द भी हो सकता है। कुछ मामलों में, यह पैरों और हाथों का रंग भी बदल सकता है।

ध्यान रखने योग्य बातें

बच्चों को फ्लू के कारण होने वाले फफोले को खरोंचने से रोका जाना चाहिए। उचित आराम और स्वच्छता की भी सलाह दी जाती है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क से बचें। संक्रमित बच्चे को गर्म पानी से नहलाएं। उचित स्वच्छता बनाए रखें। फ्लू को फैलने से रोकने के लिए संक्रमित व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले बर्तन, कपड़े और अन्य वस्तुओं को साफ करना चाहिए। तरल पदार्थ का सेवन भी निर्जलीकरण का मुकाबला करने में मदद करेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि आपको कोई भी लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर की सलाह लें।

Deepak Kumar

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