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बंगाल में आधी आबादी तय करेगी बीजेपी की किस्मत का फैसला
पश्चिम बंगाल में महिला मतदाताओं की संख्या करीब 49 फीसदी है। सूबे के 7.18 करोड़ मतदाताओं में से 3.15 करोड़ महिलाएं हैं।
विनोद मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार
बंगाल चुनाव में ममता दीदी की हैट्रिक लगेगी या फिर बीजेपी की लॉटरी ? भविष्य के गर्भ में छिपे इस सवाल के जवाब का बड़ा दारोमदार बंगाल की आधी आबादी पर हैं। लेकिन इस बार इस आधी आबादी की खामोशी ने सियासी दलों के पेशानी पर बल डाल दिया है। कहते है कि बंगाल में सत्ता के शीर्ष पर पहुंचाने में आधी आबादी की बड़ी भूमिका होती है। पश्चिम बंगाल के कुल मतदाताओं में से महिला मतदाताओं की संख्या करीब 49 फीसदी है। सूबे के 7.18 करोड़ मतदाताओं में से 3.15 करोड़ महिलाएं हैं। ये संख्या वोट के लिहाज से बहुत बड़ी है। इसीलिए हर सियासी दल इनको लुभाने में जुटा है। बीजेपी ने महिला सुरक्षा को बड़ा मुद्दा बनाया हुआ है तो वही तृणमूल कांग्रेस अपनी सरकार में महिलाओं के लिए किए गए कामों को गिना रही है।
महिला सुरक्षा का मुद्दा
दोनों ही पार्टियों के केंद्र में महिला सुरक्षा का मुद्दा है। कोलकता का न्यू स्ट्रीट पर खाने की स्टाल चलाने वाली मनीषा कुंडू कहती है कि "काम तो ममता दीदी ने भी अच्छा किया है, लेकिन मोदी जी भी अच्छे लगते है।" लेकिन इस बार वोट किसे देंगी?इस सवाल पर खामोश हो जाती है। ये कहानी सिर्फ मनीषा कुंडू की नहीं है। कोलकता के तमाम गलियों और मोहल्लो में ऐसी तमाम महिलाएं मिली जो बात ममता और मोदी दोनों की ही करती है लेकिन मत किसको देंगी?इसको लेकर अपना पत्ता नही खोल रही। उनका मानना है कि ममता दीदी ने महिलाओं के लिए कई सारी योजनाएं शुरू की। लेकिन जमीन पर अब इन योजनाओं से ज्यादा भावनाओं की बयार है।कहा जाता है कि बिहार में नीतीश सरकार को दोबारा सत्ता में पहुंचाने में महिलाओं की बड़ी भूमिका थी, बंगाल में भी ममता को महिलाओं का साथ मिला।
बीजेपी की ओर आधी आबादी का झुकाव
साल 2011 और 2016 के विधानसभा चुनावों में टीएमसी को इस तबके का खासा समर्थन मिला। लेकिन बीते लोकसभा चुनावों से आधी आबादी का झुकाव बीजेपी की ओर हुआ है। ऐसे में इस बार आधी आबादी का रुख क्या होगा ? यह सवाल तृणमूल और बीजेपी दोनों को परेशान कर रही है। हालांकि दोनों ही पार्टियों का दावा जरूर है कि महिलाओं साथ उन्हें भरपूर मिल रहा है।बंगाल की आधी आबादी खामोश जरूर है लेकिन जाना किसके साथ है ये तय कर लिया है। लोकसभा चुनाव में मोदी का साथ जरूर दिया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में उसके सामने ममता दीदी है।