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ज्यादा ही फ्रंटफुट पर BJP, 10 राज्यसभा सीट के लिए करा दिए 11 नामांकन

सियासत में हर चाल सोच समझ कर चली जाती है। हर चाल का मतलब होता है। अपनी हालिया सफलताओं से भारतीय जनता पार्टी कुछ इस कदर खुश है कि उसने ज्यादा ही फ्रंटफुट पर खेलने का मन बना लिया है। तभी तो उसने उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा

Anoop Ojha
Published on: 12 March 2018 6:08 PM IST
ज्यादा ही फ्रंटफुट पर BJP, 10 राज्यसभा सीट के लिए करा दिए 11 नामांकन
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ज्यादा ही फ्रंटफुट पर BJP, 10 राज्यसभा सीट के लिए करा दिए 11 नामांकन

Anurag Shukla अनुराग शुक्ला

लखनऊ: सियासत में हर चाल सोच समझ कर चली जाती है। हर चाल का मतलब होता है। अपनी हालिया सफलताओं से भारतीय जनता पार्टी कुछ इस कदर खुश है कि उसने ज्यादा ही फ्रंटफुट पर खेलने का मन बना लिया है। तभी तो उसने उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए अपने ही 11 उम्मीदवार उतार दिए हैं। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के घोषित 8 उम्मीदवारों की सूची के बाद 3 उम्मीदवारों ने औचक नामांकन कर दिया। इनमें गाजियाबाद के शिक्षा जगत के उद्योग पति अनिल अग्रवाल के साथ ही पार्टी के पदाधिकारियों विद्या सागर सोनकर और सलिल बिश्नोई ने भी अपना नामांकन कर दिया है।

ज्यादा ही फ्रंटफुट पर BJP, 10 राज्यसभा सीट के लिए करा दिए 11 नामांकन ज्यादा ही फ्रंटफुट पर BJP, 10 राज्यसभा सीट के लिए करा दिए 11 नामांकन

इस राजनीति के क्या मायने

यह शायद पहली बार हुआ हो कि पार्टी की सहमति से 10राज्यसभा सीटों के लिए पार्टी के सिंबल पर 11 उम्मीदवार उतारे गये हैं। भाजपा ने 9वें उम्मीदवार के तौर पर अनिल अग्रवाल को उतारा इसके बाद दो और उम्मीदवारों ने पर्चा भर दिया। पहले अनिल अग्रवाल ने विभिन्न भारतीय जनता पार्टी समर्थक दलों के समर्थित उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा था, इसके बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय और उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने आकर उनके पक्ष में ए बी फार्म देकर उन्हें भाजपा का अधिकृत नौवां उम्मीदवार बना दिया।

दरअसल पार्टी 9 वां उम्मीदवार उतार कर अपने 27 वोट जहां छिटकने से रोकना चाह रही है वहीं सहयोगियों को भी साथ रखने की कोशिश कर रही है। अगर 8 उम्मीदवार पर्चा भरते तो भाजपा के 27 वोट खाली रहते। पार्टी के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने ऐलान किया, ‘ बहुत से दलों के पास 7 वोट बच रहे हैं, कुछ के पास 19 वोट हैं वो उम्मीदवार खड़ा कर रहे हैं ऐसे में हम 27 वोट लेकर क्यों ना अपना उम्मीदवार खड़ा करें। हम 9वीं सीट भी जीतेंगे।’ वहीं पार्टी अपने दो और उम्मीदवार उतार कर यह साबित कर रही है कि उसके पास राज्यसभा जाने वालों की कतार है और वह चुनाव की स्थिति में है। 15 मार्च को इनमें से सोनकर और बिश्नोई अपना नाम वापस ले लेंगे यह भी तय है।

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क्या है 9वीं सीट की संभावना

दरअसल निर्दलीय विधायक और अब तक सपा के हमकदम रहे राजा भइया और उनके एक साथी विधायक को लेकर भाजपा आशान्वित है। राजा भइया मायावती के उम्मीदवार को वोट दें यह कम ही लगता है। ऐसे में भाजपा के पास विजय मिश्रा के समर्थन के बाद 30 वोट हो जाएंगे। इसके अलावा नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल जो सपा में हैं अब क्रास वोट कर सकते हैं। दरअसल नितिन अग्रवाल को लेकर उनके पिता भाजपा ज्वाइन करते समय ऐलान कर चुके हैं कि उनका बेटा भाजपा को वोट देगा। इस लिहाज से 6 वोटों की कमी को अंतरात्मा की आवाज और विकास के नाम पर वोट से पूरा करने का प्लान है। वहीं बसपा के लिए अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए सपा के समर्थन के बाद भी 8 विधायक चाहिए। ऐसे में भाजपा ज्यादा आशान्वित दिख रही है।



Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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