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डर से जो कल तक आडवाणी से नजर नहीं मिलाते थे, अब उनकी सुनते नहीं

Rishi
Published on: 10 Dec 2016 12:20 AM GMT
डर से जो कल तक आडवाणी से नजर नहीं मिलाते थे, अब उनकी सुनते नहीं
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नई दिल्ली : बीजेपी में जबतक अटल युग रहा लालकृष्ण आडवाणी सर्वशक्तिमान बने रहे। पूर्व पीएम अटल भी उनकी नाराजगी से डरते थे, इसका नतीजा यह रहा की लालकृष्ण के आसपास भीड़ नजर आती रहती थी। अटल ने स्वास्थ्य कारणों से सक्रियता क्या त्यागी, बेचारे बन कर रह गए हैं लालकृष्ण ,कोई उनकी सुनता ही नहीं या ये कहें सुनना चाहता नहीं। तभी तो जब संसद नहीं चली तो उन्होने लोकसभा के भीतर कईयों को फटकार लगाने की कोशिश की लेकिन नजारा ये रहा कि किसी ने उनको सीरियसली लिया ही नहीं।

पहले लालकृष्ण ने संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार और फिर स्पीकर सुमित्रा महाजन को खरी-खरी सुना दी कि थोड़े से विपक्ष के लोग आकर सदन कैसे बाधित कर पा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक बाद में जब लालकृष्ण को समझ में आया कि पार्टी में उनकी इस फटकार के बाद उनके लिए मुसीबत खड़ी होने वाली है, तो उन्होंने पहले अनंत कुमार को फोन कर सफाई दी, कि वो गतिरोध के खिलाफ बोले थे न कि उनके खिलाफ। इसके बाद वो ताई से मिले, दोनों में क्या बात हुई ये नहीं पता, लेकिन ताई का मूड सही है और लालकृष्ण आश्वस्त।

सूत्र बताते हैं कि सदन के बाहर सांसद ज्योदिरादित्य सिंधिया ने आडवाणी से कहा कि बीजेपी वाले भले हमारी बात न माने लेकिन हम आप की बात मान कर बहस को तो तैयार हैं। इससे पहले सोनिया भी उनसे मिली थीं।

आपको बता दें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भाषण को मुद्दा बना राजग सांसद हंगामा कर रहे थे। इस हंगामें से तंग आकर लालकृष्ण नाराज हो गए थे लेकिन उनकी नाराजगी किसी को डरा न सकी।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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