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अर्ध कुम्भ को पूरा कुम्भ बता भ्रमित कर रही बीजेपी सरकार: अखिलेश यादव

sudhanshu
Published on: 15 Oct 2018 11:38 AM GMT
अर्ध कुम्भ को पूरा कुम्भ बता भ्रमित कर रही बीजेपी सरकार: अखिलेश यादव
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कानपुर: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को प्रदेश अध्‍यक्ष नरेश उत्‍तम के पुत्र की शादी में शिरकत करने पहुंचे। इस मौके पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यह जो कुम्भ मेला है, सुना है उसका भी नाम बदल दिया है। इलाहबाद का नाम भी बदल दिया है। कम से कम कन्नौज और देश के राजा रहे हर्षवर्धन को बीजेपी को याद रखना चाहिए। उन्होंने तो कुम्भ का प्रचार किया लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। बीजेपी वाले अर्धकुम्भ को पूरा कुम्भ बता रहे। किस-किस को धोखा दे रहे हैं। आज जरूरत है कि हमारी संस्कृति बची रहे। सभ्यता पर ध्यान दें। बीजेपी जैसे लोगों के साथ रह कर लोगों को धोखा ही मिला है। उन्होंने तो कुम्भ को धोखा दे दिया। सोचिये कुम्भ है ही नहीं। अर्ध कुम्भ है, उसको कुंभ बताया जा रहा है। ऐसी सरकार को जल्‍दी जाना चाहिए।

बीजेपी पर बरसे अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के बेटे की शादी में शिरकत करने पहुंचे अखिलेश यादव बीजेपी पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि हमारी 2019 की तैयारी है। इसीलिए हमने कानपुर के लोगों को मेट्रो याद दिलाई और ट्रांस गंगा भी याद दिलाई है। कहां नौकरी है। कहां रोजगार है। यह तो इंडस्टी को बर्बाद करने वाले लोग हैं। यह लोगों को सोंचना चाहिए। आप लोग जागरूक लोग हैं। नोटबंदी में तो यह वादा किया गया था कि पूरा भ्रष्‍टाचार ख़त्म हो जायेगा। काला धन वापस आ जायेगा। नोटबंदी ने और जीएसटी ने जिस तरह से व्यापार ख़त्म किया है। लोगों के रोजगार छीन लिए गए हैं। आप बताएं कि आप दुनिया में कहां खड़े हैं। भारत बीमारियों में सबसे बड़ा देश बनता चला जा रहा है। कैंसर, डायबिटीज और लीवर की बीमारी सबसे ज्यादा है। दुनिया में हम हंगर इंडेक्‍स में निचले पायदान पर हैं। हमारे यहां 20 करोड़ लोग भूखे सो जाते हैं। क्या ये अच्छे दिन वाला भारत है।

नोटबंदी ने काले धन को सफेद कर दिया

अखिलेश यादव ने कहा कि जो काला धन था। नोटबंदी करके सब सफ़ेद कर दिया गया। बैंको का पैसा लेकर लोग भाग गए। रूपया काला सफेद नहीं होता है, लेने देन काला और सफेद होता है। यह भी सुनने में आया है कि इंडस्ट्री बंद कर दो उससे गंगा साफ़ हो जाएगी, इस बात का भ्रम फैलाया जा रहा है।

सीएम की भाषा की वजह से बिगड़ी कानून व्यवस्था

अखिलेश यादव ने कहा कि आप यह देखिये मुख्यमंत्री की भाषा कैसी है। कहते हैं ठोंक दो तो जनता ठोंक रही है। कही जनता ने मार दिया। आपस में झगडा हो गया। कहते है हम क्यों पुलिस पर भरोसा करें। हम ही न्याय कर लें। आप देखिये लखनऊ में क्या हुआ। पुलिस ने विवेक तिवारी को गोली मार दी। आज भी आंबेडकर नगर में बसपा के कार्यकर्ता को गोली मार दी।

यह सब क्या है। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री की भाषा ही ऐसी है। जिसकी वजह से यह घटनाएं हो रही हैं। उद्योगपति जब बाहर से आते हैं तो उनकी सुरक्षा के लिए क्या होता है। न्यूयार्क में जो पुलिस की व्यवस्था थी। हम लोग वही लाना चाहते थे।

बीजेपी का होगा संपूर्ण सफाया

अखिलेश यादव ने कहा कि यशवंत सिन्हा एक सफल वित्तमंत्री रहे हैं। शत्रुघन सिन्हा भी एक सफल एक्टर रहे हैं। उन्होंने एक बड़ी जिम्मेदारी ली है। लोगों को जगाने की लोकतंत्र में यह बड़ी बात है। जेपी आन्दोलन से जुड़े लोगों को एड्रेस किया। अपने समाज के लोगो के बीच में अपनी बात रखी। जिस प्रकार जेपी आन्दोलन में नारा दिया गया था सम्पूर्ण क्रांति का। ठीक उसी प्रकार इस बार हम लोगों ने नारा दिया है। हम सब लोगों को मिलकर बीजेपी का सम्पूर्ण सफाया करना है।

भारतीय जनता पार्टी का सफाया कैसे हो यह समाजवादी लोग सोच रहे हैं। दांये बांये आगे पीछे क्या हो रहा है। उस पर हम विचार नहीं कर रहे हैं। कौन-कौन सी टीम लड़ेगी। हम लोग उस पर विचार नही कर रहे है। हमारा एक ही मकसद है, जनता को धोखा दिया गया, अच्छे दिन का वादा किया, सब कुछ छीन लिया। देश के नौजवानों का सपना तोड़ दिया।

भारतीय जनता पार्टी की कितनी टीमे आएगी हमें उनसे कोई मतलब नही है। हमें केवल बीजेपी से नाराजगी है। बीजेपी ने जनता को धोखा दिया। हमें उन्होंने बैकवर्ड बना दिया। इसलिए हम नाराज हैं। आज सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा आक्रोश बीजेपी के खिलाफ है। पहले बीजेपी वाले ही व्हाट्सएप और फेस बुक चलाते थे लेकिन अब तो सभी चला रहे हैं।

बीजेपी वाले हमारे गठबंधन को पूछ रहे हैं। जरा वो अपने गठबंधन के बारे में भी बतायें। बीजेपी का 47 पार्टियों से गठबंधन है। उनके साथी भी छोड़कर जा रहे हैं। अब उनके पास बचा ही क्या है।

गुजरात हमले पर बोले अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा कि गुजरात में जिस तरह से उत्तर भारतीयों पर हमला कर भगाया जा रहा था। इतनी बड़ी घटना होने के बाद बीजेपी के सबसे बड़े नेता चुप्पी रखते हैं। आखिर चुप्पी क्यों रखते हैं। विजय जिस प्रतिमा का निमंत्रण देने आये हैं। सरदार पटेल की प्रतिमा के लिए मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश ,बिहार ,छत्तीसगढ़ ने भी तो लोहा दिया है। लोहा इक्कठा करके चीन से प्रतिमा बनवाई गयी है। आप तो स्वदेशी की बात कर रहे थे। आप सामान और ठेकेदारों को लेने के लिए चीन चले गए। इसकी डिजाइन गलत हो गयी। पहली डिजाईन में था कि लोग मूर्ति के अन्दर जायेंगे और लिफ्ट से ऊपर आँखों तक पहुचेंगे। इसके बाद आँखों से डैम का नजारा देखेंगे। पता नहीं बीजेपी के लोगों ने क्या किया कि प्रतिमा की डिजाइन गलत हो गयी। अब लोग आँखों तक नहीं पहुच पायेंगे तो बीजेपी के लोगो ने सरदार पटेल के पास ही एक गैलरी बना दी और वहां से लोग डैम देख सकेंगे।

बीजेपी के लोग सरदार पटेल की प्रतिमा इसलिए बनवा रहे है क्योंकि उन्होंने ही आरएसएस पर बैन लगाया था। आप इतिहास में जायेंगे तो होम मिनिस्टर वही थे। उन्होंने ही आरएसएस पर बैन लगाया था। मुझे लगता है कि वो पुरानी बातें थीं कि लोगों की आँखों पर पर्दा पड़ जाये। इसलिए सरदार पटेल को बड़ा बना दो। उत्तर भारतीयों ने ही तो सरकार बनवाई थी। प्रधानमन्त्री कहते हैं कि ऊंट के दूध से चाकलेट बनेगी तो ज्यादा स्वस्थ होंगे। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में ऊंट कहां है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि बन्दर भगाने हैं तो हनुमान चालीसा पढो।

कानपुर बड़ा शहर है। इंडस्टी के मामले में, मैन्युफैक्रिंग के मामले में, आबादी के मामले में और सबसे अधिक रेवेन्‍यू देने के मामले में भी बड़ा है। कानपुर शहर दुनिया के तमाम देशों से मुकाबला करता है। यहाँ के उद्योगपति अपने हुनर और काबिलियत के बल पर दुनिया के कामकाज में मुकाबला करते हैं। एक समय था कि इस शहर को मैनचेस्टर ऑफ़ इण्डिया माना गया था। क्योंकि यहाँ पर बड़ी संख्या में मिल्स थी। कई ऐसे प्रोडक्ट हैं जो कानपुर से निकलते हैं। जिस पर भारत को गर्व है और प्रदेश को भी गर्व है।

माँ गंगा को धार्मिक नदी के रूप में जाना जाता है। भारतीय संस्कृति में भी माँ गंगा जानी जाती है। दावा तो सरकार का यह था कि गंगा मैया को साफ़ कर के दिखा देंगे। मैंने हर मौके पर कहा और आज भी कहता हूँ कि गंगा तब तक साफ़ नहीं हो सकती है जब तक इससे जुड़ने वाली नदियों और नालों को साफ़ करने की व्यवस्था न हो। जो लोग गंगा मैया को धोखा दे सकते हैं। जो प्रोफ़ेसर सरकार को जगाना चाहते थे। उन तक बात पहुंचाना चाहते थे। लेकिन उनकी जान चली गयी पर गंगा साफ़ नही हो पायी। मीडिया बधाई की पात्र है जिसने फोटो छापी है। जब सरकार के मंत्री गंगा के किनारे गए तो वो मास्क लगाकर खड़े हुए। वही खड़े-खड़े यह दावा कर रहे थे कि गंगा साफ़ हो जाएगी। जो समाजवादियो का माडल है और जो गोमती में अपनाया गया था। वही माडल है जिससे गंगा साफ़ हो जाती। आज समाजवादी सरकार होती है तो लखनऊ की तरह वाराणसी की वरुणा की तरह आपकी कानपुर में भी रिवर फ्रंट बन जाता। तो वहां लोग जा सकते थे। आपकी नदी साफ़ सुथरी हो जाती।

तैयार हो गया गड्ढों का शहर

अखिलेश यादव ने कहा कि इनका स्मार्ट सिटी बनेगा या नहीं बनेगा, गड्ढों का शहर बन गया है। गोबर दिखाई देता है, जानवर दिखाई देते हैं। इनके लिए यही स्मार्ट सिटी है। ट्राफिक न चल पाए और बिजली न आये यही स्मार्ट सिटी है। हम लोग तो समझ ही नहीं पाए कि बीजेपी की स्मार्ट सिटी किसे कहते हैं।

हमने तो सोचा था कि स्मार्ट सिटी जल्दी बन जाएगी। सडकों पर गोबर वाली गंदगी वाली सिटी बना दी। समाजवादी लोग होते तो ट्रांस गंगा सिटी बनकर तैयार हो गयी होती। हमने नवीन मार्केट को कैसे सजाया था। तार कैसे अन्दर किये थे। पार्किंग के लिए मल्टी लेवल पार्किंग बनवाई थी। हमारे समाजवादी साथियों ने नवरात्र आते ही इसका उद्घाटन कर दिया तो उन पर मुकदमा लगवा दिया। जो लोग सरकार को खुश करने के लिए समाजवादियों पर जुल्म कर रहे हैं, हम उन लोगो पर नजर रख रहे हैं। रही बात मेट्रो की तो जिस तरह से सरकार की पालसी है, उससे मेट्रो नहीं बन पायेगी। जब सपा की सरकार आएगी तो समाजवादी ही मेट्रो का निर्माण करायेंगे।

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