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संघी-भाजपाई छद्म राष्ट्रवाद की आड़ में गुमराह करने का काम कर रहे हैं - अखिलेश यादव

Akhilesh Yadav Statement :संघी-भाजपाई छद्म राष्ट्रवाद की खोखली नैतिकता की आड़ में जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Shraddha
Published on: 11 Jun 2021 5:44 PM GMT
संघी-भाजपाई छद्म राष्ट्रवाद की आड़ में गुमराह करने का काम कर रहे हैं
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अखिलेश यादव (फाइल फोटो - सोशल मीडिया)

Akhilesh Yadav Statement : पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि संघी-भाजपाई छद्म राष्ट्रवाद की खोखली नैतिकता की आड़ में जनता और देश-प्रदेश को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। उनका संकल्प पत्र झूठ का पुलिंदा साबित हुआ है। वादा खिलाफी का उनका रिकॉर्ड जनता के सामने है। जनता ही उनको वादा स्मरण करायेगी और वादा न निभाने का दंड भी देगी। राज्य की पीड़ित जनता के साथ 2022 में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार बनने पर न्याय हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि समय से प्रभावी कदम न उठाने, स्थितियों के सही आकलन में विफलता और गलत प्रबंधन के चलते उत्तर प्रदेश भाजपा राज में आंकडे़ बताते है कि आबादी के हिसाब से टीकाकरण में यूपी पिछड़ा हुआ है। नीति आयोग के रिकॉर्ड में उत्तर प्रदेश को सबसे फिसड्डी राज्य का दर्जा मिला हुआ है। भुखमरी, गरीबी, भेदभाव और इंडस्ट्री तथ इंफ्रास्ट्रक्चर आदि सूचकांक रैंकिंग में राज्य बदहाल है।

अखिलेश ने कहा कि फाइनेंशियल एक्सप्रेस (financial express) में दर्शाया गया है कि किस तरह कोरोना (Corona) के नमूनों की जांच में हेरा-फेरी की गई और धोखाधड़ी से संक्रमण के पुष्ट मामलों में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को चैथा स्थान मिल गया है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा राज में बेकारी-बेरोजगारी रिकार्ड तोड़ रही है। मंहगाई थमने का नाम नहीं ले रही है। पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस सबके दाम आसमान छू रहे हैं। न मनरेगा में काम है, न स्किल मैपिंग का कहीं अता-पता है। व्यापार, कारोबार, दुकानदारी सब ठप्प है। लघु-मध्यम उद्योग बर्बाद हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बंदरबांट में उलझी भाजपा सरकार से जनता को कोई उम्मीद नहीं बची है। कोरोना संक्रमण, जानलेवा व्लैक फंगस के मंहगे इलाज में सरकार की लापरवाही, जीवन रक्षक दवाइयों के अकाल और ठप्प विकास कार्यो के साथ हर मोर्चे पर विफल भाजपा सरकार में गरीब, किसानों, नौजवानों और समाज के शोषित वंचित तथा पिछड़े वर्गो के हितों पर कुठाराघात ही होता रहा है।

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