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पंजाब में कांग्रेस का बड़ा कदम: अब सोनिया की टीम सुलझाएगी कैप्टन-सिद्धू का झगड़ा
Amarinder-Sidhu Row: दोनों नेताओं के विवाद को खत्म कराने के लिए सोनिया गांधी ने 3 सदस्यों की समिति का गठन किया है।
Amarinder-Sidhu Row: पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Captain Amarinder Singh) और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच जबर्दस्त संग्राम छिड़ा हुआ है। पार्टी के इन दो वरिष्ठ नेताओं के बीच पैदा हुआ विवाद पार्टी हाईकमान के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। दोनों पक्षों की ओर से की जा रही बयानबाजी के कारण पार्टी और सरकार की छवि को धक्का लग रहा है।
इन दोनों नेताओं के बीच विवाद खत्म कराकर सुलह कराने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बड़ा कदम उठाया है। पार्टी अध्यक्ष ने तीन वरिष्ठ नेताओं की समिति का गठन किया है। समिति के सदस्य दोनों नेताओं से बातचीत कर उनकी शिकायतें सुनेंगे और दोनों के आपसी मतभेदों को खत्म कराने की कोशिश करेंगे।
कैप्टन और सिद्धू में टकराव
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं मगर पार्टी को मजबूत बनाने की जगह कैप्टन और सिद्धू आपस में ही भिड़े हुए हैं। दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चेबंदी की जा रही है। कई सांसद भी इस घमासान में कूद पड़े हैं और अपनी ही सरकार के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी विरोधियों को जवाब देने के लिए समीकरण साधने में लगे हुए हैं। दोनों पक्षों में चल रही खींचतान के कारण सरकार की छवि भी खराब हो रही है। इस मामले में आलाकमान की चुप्पी पर लगातार सवाल उठने के बाद अब पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस विवाद को खत्म कराने की पहल की है।
सोनिया ने इन नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी
सोनिया ने पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं की कमेटी का गठन किया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और गांधी परिवार के करीबी मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge), कांग्रेस महासचिव और पंजाब के प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल (Jai Parkash Aggarwal) को समिति का सदस्य बनाया गया है। समिति के सदस्यों को दोनों नेताओं से जल्द से जल्द बातचीत करने और उनके मतभेदों को दूर करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि समिति के सदस्य जल्दी ही पंजाब जा सकते हैं। माना जा रहा है कि समिति के सदस्य सिद्धू और कैप्टन के अलावा उन नेताओं से भी बातचीत करेंगे जो सरकार के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं।
कैप्टन और सिद्धू दोनों को मजबूत बताया
समिति के सदस्य और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत का कहना है कि समिति को पंजाब में पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने और नेताओं के बीच मतभेदों को दूर करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू दोनों पंजाब में पार्टी के मजबूत नेता है और दोनों के मतभेद दूर होने पर पार्टी को और मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में इन दोनों नेताओं के बीच जल्द से जल्द मतभेद दूर होना जरूरी है।
वैसे पंजाब कांग्रेस के प्रभारी के रूप में रावत पहले भी कैप्टन और सिद्धू के बीच विवाद को सुलझाने की कोशिश कर चुके हैं। रावत ने दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच सुलह कराने की भरपूर कोशिश की मगर वे कामयाब नहीं हो सके थे। रावत की पहल पर दो बार कैप्टन और सिद्धू की मुलाकात हुई मगर इसके बावजूद दोनों नेताओं के गिले-शिकवे नहीं दूर हो सके।
पूरी मजबूती के साथ चुनाव में उतरेगी पार्टी
रावत का कहना है कि अब हम सभी मिलकर एक बार फिर इस दिशा में प्रयास करेंगे ताकि जमीनी स्तर पर सरकार और पार्टी को मजबूत किया जा सके। उन्होंने कहा कि पार्टी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पूरी मजबूती के साथ उतरना चाहती है और इसलिए पार्टी नेताओं के बीच मतभेद जल्द से जल्द दूर होना जरूरी है।
कैप्टन और सिद्धू से मुलाकात से पहले तीनों नेताओं की बैठक होगी जिसमें पंजाब में कांग्रेस को मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि उसके बाद समिति के सदस्य दोनों पक्षों के नेताओं से मुलाकात करेंगे।
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