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मिशन 2019: UP में BJP की हकीकत से रूबरू हुए अमित शाह

बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व 2019 के लोकसभा चुनाव के महासमर में जाने की तैयारी में जुटा है तो देश के सबसे बड़े प्रदेश के कार्यकर्ताओं के इस रवैये ने चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं।

tiwarishalini
Published on: 30 July 2017 11:45 AM GMT
मिशन 2019: UP में BJP की हकीकत से रूबरू हुए अमित शाह
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Vijay Shankar Pankaj

लखनऊ: यूपी में बीजेपी के 73 सांसद और 325 विधायक। केंद्र और राज्य में दमदार नेतृत्व मोदी और योगी की सरकार। इसके बाद भी यूपी में बीजेपी का कार्यकर्ता निराश और आक्रोशित है। संगठन के क्रिया कलाप हवा-हवाई, कागजों और प्रेस नोट तक ही सीमित होकर रह गए हैं। प्रदेश से लेकर जिला एवं मंडल इकाइयों तक में कुछ पदाधिकारियों को छोड़ पार्टी कार्यक्रमों से कार्यकर्ताओं का अघोषित बहिष्कार है। बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व 2019 के लोकसभा चुनाव के महासमर में जाने की तैयारी में जुटा है तो देश के सबसे बड़े प्रदेश के कार्यकर्ताओं के इस रवैये ने चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं।

यूपी में सरकार से संगठन तक के सभी कर्ता-धर्ता बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की ही पसंद के हैं और सबसे ज्यादा कार्यकर्ताओं की शिकायत भी इन्हीं लोगों से है। लखनऊ प्रवास में अमित शाह को यूपी की जमीनी हकीकत का एहसास हो गया है। सावन की बरसात के बाद यूपी बीजेपी में उग आए ऐसे बेतरतीब पेड़-पौधों की छंटाई होगी।

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बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अमित शाह से साफ तौर पर कहा कि दो से तीन दशकों तक पार्टी के प्रति समर्पण एवं निष्ठा से काम करने के बाद भी उनकी किसी भी स्तर पर सुनवाई नहीं हो रही है। जबकि दो-तीन महीने से पार्टी में शामिल होने वाले अचानक बॉस बन जा रहे हैं। संगठन से सरकार तक पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं की कोई सुनने वाला नहीं है। केंद्र से लेकर राज्य तक के विभिन्न पद खाली है लेकिन कार्यकर्ताओं का कहीं पर समायोजन नहीं किया जा रहा है।

अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को दिलासा दिलाया कि पार्टी समय से सभी की चिंता का समाधान करेगी। बीजेपी अन्य दलों की तरह सरकारी पदों के माध्यम से जनता की गाढ़ी कमाई लुटाने का प्रयास नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी महा समुद्र है, जिसमें दूसरे दलों से आने वालों की धारा भी आगे चलकर आपस में मिल जाएगी। बीजेपी अध्यक्ष ने पहली बार धैर्य के साथ कार्यकर्ताओं की बात सुनी।

मंत्री कार्यकर्ताओं के काम को न टरकाएं

मंत्रियों और प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में अमित शाह की पीड़ा कार्यकर्ताओं की पीड़ा के रूप में उभर आई। अपने ही तेवर में मंत्रियों और पदाधिकारियों की लगाम कसते हुए शाह ने साफ कहा कि संगठन की पैरवी के नाम पर मंत्री कार्यकर्ताओं के काम को न टरकाएं। उन्होंने मंत्रियों से अपने कार्यावधि में कुछ समय निर्धारित कर उनकी समस्याओं के समाधान करने की सलाह दी। मंत्रियों ने कार्यकर्ताओं के तबादले और अन्य काम की पैरवी किए जाने पर शाह ने कहा कि जो काम नियमानुसार हो सके, उसे कर दें अन्यथा साफ तौर पर बता दें कि यह काम संभव नहीं है।

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कार्यकर्ताओं के किसी भी काम में हिलाहवाली ना की जाए। शाह ने संगठन के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों के कामकाज की शैली पर भी सवालिया निशान लगाते हुए इंगित किया। शाह ने संगठन पदाधिकारियों के व्यवहार में सुधार के लिए सुनील बंसल की तरफ सुधार करने का निर्देश दिया। वैसे कार्यकर्ताओं ने सुनील बंसल की सीधी शिकायत नहीं की, लेकिन कई स्तर से सुनील बंसल के खिलाफ शिकायतें पहुंच रही हैं। सांसदों से लेकर विधायक तक सुनील बंसल के कामकाज से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। मंत्रियों और प्रदेश पदाधिकारियों की शिकायतों को ही लेकर लखनऊ में अमित शाह की विधायकों के साथ बैठक को टाल दिया गया।

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tiwarishalini

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